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किसानों की मांगों को अनदेखा कर केंद्र सरकार ने अपनाया तानाशाही रवैया : बागनवाला

तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने देश भर में सांसदों के आवास के समक्ष इन कानूनों की प्रतियां फूंकने का फैसला लिया हैं। इसी के तहत भिवानी में सांसद धर्मबीर सिंह के आवास के समक्ष पांच जून को किसान पहुंचेंगे तथा कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर विरोध जताएंगे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 07:43 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 07:43 AM (IST)
किसानों की मांगों को अनदेखा कर केंद्र सरकार ने अपनाया तानाशाही रवैया : बागनवाला
किसानों की मांगों को अनदेखा कर केंद्र सरकार ने अपनाया तानाशाही रवैया : बागनवाला

संवाद सहयोगी, तोशाम : तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने देश भर में सांसदों के आवास के समक्ष इन कानूनों की प्रतियां फूंकने का फैसला लिया हैं। इसी के तहत भिवानी में सांसद धर्मबीर सिंह के आवास के समक्ष पांच जून को किसान पहुंचेंगे तथा कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर विरोध जताएंगे। यह बात भारतीय किसान यूनियन चंढूनी युवा हलका अध्यक्ष तोशाम सोनू बागनवाला गांव पटौदी, ईशरवाल, मिराण, छपार, सरल, खरकड़ी, झांवरी गांवों का दौरा करते हुए किसानों को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने किसानों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में पांच जून को सांसद आवास पर पहुंचने की अपील की। पिछले वर्ष पांच जून को केंद्र सरकार द्वारा किसानों पर थौंपे गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान लगातार दिल्ली बॉर्डर सहित विभिन्न स्थानों पर धरने पर बैठे है। हरियाणा में गठबंधन सरकार की भाजपा व जजपा नेताओं के बहिष्कार का ऐलान भी किया गया। इन सब के बावजूद भी केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों के वापिस नहीं लिया गया। इसी के तहत किसानों पर थौंपे गए इन काले कानूनों को पांच जून को एक वर्ष पूरा हो जाएगा। इस अवसर पर बलवान नम्बरदार पटौदी, जेपी हसानिया, सत्यवान पंघाल, सुरेंद्र पंघाल, साहिल श्योराण, राजेश लक्ष्मणपुरा, राजबीर बागनवाला आदि किसान मौजूद रहे।

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हमें देना आता है तो हमें छीनना भी आता है : धरना कमेटी

जागरण संवाददाता, भिवानी : गांव प्रेमनगर में चल रहे धरने के 153वें दिन हो चले हैं धरने की अध्यक्षता राज सिंह धनाना ने की। उन्होंने कहा कि सरकार यह लड़ाई मात्र केवल प्रेमनगर गांव की नहीं है। बल्कि पूरे बवानीखेड़ा एवं भिवानी क्षेत्र की है। यह लड़के पूरे भिवानी क्षेत्र के लिए शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की लड़ाई है। यह लड़ाई जमीन व जमीर तथा उस जमीन के बदले अपने अधिकारों एवं हकों की लड़ाई है। हम सरकार को बता देना चाहते हैं कि हमें देना आता है तो हमें छीनना भी आता है। हम दान देकर संस्थान बनवा सकते हैं तो उसके बदले अपने अधिकारों अपने परिवारों के लिए रोजगार एवं शिक्षा का आरक्षण भी लागू कर सकते हैं। इसलिए समय रहते सरकार जाग जाए अन्यथा वे सख्त से सख्त फैसला लेने को तैयार है। धरने पर संदीप मल्हान, राज फौजी, सुरेश फौजी, रामकुमार, बलवान, बिन्द्र बूरा, कृष्ण,जयबीर, राजेश बूरा, नरेन्द्र ठेकेदार, राजेश फौगाट, टैना, सुनील, विनोद, कैप्टन कलम सिंह, अंकित, सोमबीर, दीपक, कोकी आदि उपस्थित रहे।


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