चमकीली और रंगदार मिठाईयों से करें परहेज, घर में बनी मिठाई खाएं
त्योहारी सीजन में मिलावटी व नकली मिठाईयों की भरमार रहती है। इन ि
दीपक शर्मा,भिवानी :
त्योहारी सीजन में मिलावटी व नकली मिठाईयों की भरमार रहती है। इन मिठाईयों का सेवन लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। यहां तक कि गुर्दे, पेट व आंत को खराब करने के साथ-साथ कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को जन्म देती है। ऐसे में लोगों द्वारा बरती जाने वाली सावधानी ही उनके स्वास्थ्य को बचाने का काम करेगी। खासकर चमकीली व रंगदार मिठाईयों में हानिकारक केमिकल अधिक मिलावट होने की संभावना है। जो स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं। लोगों को घर में बनी मिठाईयों को खाने की ही सलाह दी जाती है।
दीवाली पर्व पर बाजारों में मिठाईयां दुकानों में भारी भरकम स्टॉल लगाकर सजाई गई हैं। लोगों को आकर्षित करने के लिए चमकदार व रंगदार मिठाईयों को सजाया गया है। लोगों के मन को लुभाती ये मिठाईयां, खाने में बेशक स्वादिष्ट हो, लेकिन स्वास्थ्य पर इनका बुरा प्रभाव पड़ सकता है। मिठाईयों की सजावट को देखकर उनके बहकावे में न आएं। संभलकर व परखकर ही मिठाईयों को खरीदें। हालांकि चिकित्सक भी लोगों को घर में बनी मिठाईयां व खाद्य सामग्री खाने की सलाह देते हैं। घर में बनी मिठाईयां ही सबसे अच्छी व सेहत के लिए लाभकारी मानी जाती है। ये बरते सावधानी
* गहरे रंग की मिठाईयां न खरीदे। बिना रंग या नेचुरल रंगी की मिठाई का प्रयोग करें।
* रसगुल्ला, गुलाब जामुन, घी आदि के कंटेनर पुराने हो तो नुकसानदायक होते हैं। इनमें अच्छे से सफाई नहीं होती, जिसका स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
* मिठाईयां पॉलीथिन में न डालें। पॉलीथीन में मिठाईयों डालने से मिठाईयां नुकसानदायक हो जाती हैं।
* मिठाईयों को सीधे हाथों के संपर्क में न लाए। चम्मच का प्रयोग करें।
* खुले में रखी मिठाईयों को न खरीदे। खुले में रखी मिठाईयों में धूल गिरने व मक्खी बैठने से उसे हानिकारक बना देती है।
* चमकीली व रंगदार मिठाईयों का प्रयोग न करें। इनमें ¨सथेटिक कल¨रग एजेंट का प्रयोग किया जाता है। जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
* दूध व खोया से बने खाद्य पदार्थों का कम प्रयोग करें। इनमें अधिक मिलावट होने की आशंका होती है। ऐसे करें मिलावटी मिठाईयों की पहचान -अगर मिठाईयों में गहरे रंग हैं तो वह मिलावटी हो सकती है।
-मिठाई को बीच से तोड़ें। उसे उंगली व हथेली से दबा दें। यदि वह आसानी से दबे तो वह ताजा होगी। यदि आसानी से न दबे तो पुरानी होगी। जितनी मुश्किल से दबेगी उतनी पुरानी मिठाई मिलेगी।
-मिठाई अगर अधिक चमकीली हो भी उसमें केमिकल मिलाए होते हैं। ताकि मिठाईयां आकर्षित बनें।
-मिलावटी व नकली मावे का रंग व स्वाद भी अलग होता है। मावे को उंगलियों में लेकर रगड़े। यदि चिकनापन नहीं है तो वह मिलावटी है। विभाग की टीम मिलावटखोरी को रोकने के लिए लगातार छापेमारी अभियान चलाए हुए है। इसका असर भिवानी में साफ देखने को मिल रहा है। आगे भी मिलावटी मिठाईयों पर रोकथाम के लिए छापेमारी अभियान चलता रहेगा।
डा. सुरेंद्र पूनिया, खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी,भिवानी।
मिलावटी मिठाईयों के खाने से गुर्दे, आंत, पेट, लीवर से संबंधित बीमारियां होने का खतरा रहता है। मिलावटी मिठाईयां कैंसर का भी कारण बन सकती हैं। घर में बनी मिठाईयों का ही प्रयोग करें। खुले में रखी मिठाईयों का प्रयोग भी न करें, इनके खाने से टाइफाइड, उल्टी-दस्त व पीलिया जैसी बीमारी हो सकती हैं।
डा. रघुवीर शांडिल्य, चौ. बंसीलाल नागरिक अस्पताल,भिवानी।