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बाढड़ा खंड के 53 गांवों में लागू की जाएगी अटल भूजल योजना, हर गांव का बनेगा वाटर सिक्योरिटी प्लान

जागरण संवाददाता चरखी दादरी अटल भूजल योजना को बाढड़ा खंड के 53 गांवों में चलाया जाएगा। इस

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 08:21 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 08:21 PM (IST)
बाढड़ा खंड के 53 गांवों में लागू की जाएगी अटल भूजल योजना, हर गांव का बनेगा वाटर सिक्योरिटी प्लान
बाढड़ा खंड के 53 गांवों में लागू की जाएगी अटल भूजल योजना, हर गांव का बनेगा वाटर सिक्योरिटी प्लान

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : अटल भूजल योजना को बाढड़ा खंड के 53 गांवों में चलाया जाएगा। इस योजना के तहत गांव को उपलब्ध जल का उचित दोहन एवं संरक्षण के लिए जागरूक किया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर पर इस कार्यक्रम के लिए छह हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। जिसमें से हरियाणा का बजट 700 करोड़ का रखा गया है। यह जानकारी बुधवार को दादरी के नगराधीश अमित मान ने दादरी लघु सचिवालय सभागार में अटल भूजल योजना से संबंधित बैठक को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने बताया कि विश्व बैंक की सहायता से देश के सात राज्यों, 81 जिलों एवं 222 खंडों में यह योजना लागू की गई है। इसमें केवल डार्क जोन क्षेत्र को चुना गया है जहां जमीन के नीचे पानी कम जा रहा है और उसका प्रयोग चार सौ गुणा तक अधिक किया जा रहा है। हरियाणा प्रदेश के 14 जिले, 36 खंडों एवं 1669 गांवों में यह योजना क्रियान्वित की जानी है। उन्होंने बताया कि बाढड़ा खंड के ग्रामीण क्षेत्र को ही इसमें शामिल किया जाएगा। योजना के दौरान जोहड़ की सफाई, पौधारोपण, साक पिट का निर्माण करना, वर्षा जल संचयन के लिए टैंक व बोरवेल बनाना, खेती में फसल चक्र परिवर्तन करवा कर बागवानी को बढ़ावा देना तथा सिचाई के लिए जरूरत के हिसाब से ही पानी इस्तेमाल करना इत्यादि कार्य किए जाएंगे। नगराधीश ने बताया कि अटल भूजल योजना में पहले से विभिन्न विभागों की चलाई जा रही योजनाओं एवं उनके पास उपलब्ध आंकड़ों का भी सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए उन्होंने वन विभाग, पंचायत विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, बिजली वितरण निगम, कृषि, बागवानी, राजस्व इत्यादि विभागों के अधिकारियों को दिशानिर्देश दिए। उन्होंने कहा है कि सभी विभाग मिलकर केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए इस जल संरक्षण कार्यक्रम में अपनी अपनी मदद करेंगे। अटल भूजल योजना के सफल संचालन के लिए स्टेट लेवल, जिला स्तर, खंड एवं ग्राम स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में इकाईयां बनाई गई हैं। गिरते भूमिगत जलस्तर को कम करने के प्रयास

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तकनीकी विशेषज्ञ प्रतीक कुमार ने बताया कि इस कार्यक्रम में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि धरती का जलस्तर जो तेजी से नीचे गिरता जा रहा है उसको कम किया जा सके। इसके लिए चुने गए हर एक गांव में पानी का स्तर नापने की मशीनें व उपकरण लगाए जाएंगे। जिनमें पीजोमीटर, रेन गेज, फ्लोमीटर इत्यादि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए हर एक गांव का वाटर सिक्योरिटी प्लान बनाया जाएगा। जिसे ग्राम सभा की बैठक में मंजूर करवाया जाएगा। इसके अलावा ग्रामीणों से जल संरक्षण के लिए सुझाव भी मांगे जाएंगे। ये रहे मौजूद

बैठक में लोहारू जलसेवा मंडल के कार्यकारी अभियंता जेपी तंवर, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी रोशन लाल श्योराण, नगर परिषद सचिव प्रशांत पाराशर, बिजली निगम के एसडीओ प्रदीप सोनी, जिला वन अधिकारी दलीप सिंह, योजना के जिला समन्वयक कुलविद्र इत्यादि भी उपस्थित रहे।


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