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आखिरकार अंग्रेजी विषय की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के लिए यूनिवर्सिटी ने बनाई विशेष टीम

फोटो 25 सीडीआर 29 जेपीजी में है। - अंग्रेजी में 280 में से 260 छात्राओं को मूल्यांकन फे

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Aug 2022 07:54 PM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2022 07:54 PM (IST)
आखिरकार अंग्रेजी विषय की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के लिए यूनिवर्सिटी ने बनाई विशेष टीम

फोटो : 25 सीडीआर 29 जेपीजी में है।

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- अंग्रेजी में 280 में से 260 छात्राओं को मूल्यांकन, फेल करने पर उठाए जा रहे थे सवाल, सांसद धर्मबीर सिंह, एसडीएम के हस्तक्षेप के बाद यूनिवर्सिटी ने उठाए कदम पवन शर्मा, बाढड़ा:

बाढड़ा कस्बे के राजकीय महिला कालेज में बीएससी, बीकाम व बीए अंतिम वर्ष की अंग्रेजी विषय की 280 में से 260 छात्राओं को अनुत्तीर्ण करने का मामला तूल पकड़ने के बाद आखिरकार उच्चतर शिक्षा विभाग ने सभी उत्तर पुस्तिकाओं को यूनिवर्सिटी की विशेष टीम से चैक कराने का फैसला लिया है। छात्राओं द्वारा पिछले एक माह से संचालित आंदोलन तथा सांसद धर्मबीर सिंह, एसडीएम के हस्तक्षेप के बाद यूनिवर्सिटी के उपकुलपति के निर्देश पर वीरवार को सभी उत्तर पुस्तिकाएं परीक्षा नियंत्रक को सौंप दी हैं। जिससे जल्द ही छात्राओं को न्याय मिलने की उम्मीद है। राजकीय महिला महाविद्यालय की बीएससी अंतिम वर्ष की छात्राओं ने अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में कालेज से लेकर एसडीएम कार्यालय तक रोष मार्च निकाला तथा कालेज प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल उठाए। एसडीएम डा. संजय कुमार ने उनकी मांग को उपायुक्त व उपकुलपति कार्यालय भिजवा कर समाधान करवाने का भरोसा दिया। लेकिन कोई समाधान ना होने पर छात्राओं का रोष और बढ़ गया। प्रदेश सरकार व उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा कोई सुनवाई ना होने पर छात्राओं ने छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष विजय मोटू की अध्यक्षता में बैठक आयोजित कर कस्बे के राजकीय महिला महाविद्यालय में 17 अगस्त को आयोजित जिला स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक में अपनी मांग रखी। छात्रा राजकुमारी, पूनम, सविता देवी, अनिता, किरण, सोनिका, ज्योति, मनीषा, रविता देवी इत्यादि छात्राओं ने सांसद धर्मबीर सिंह को मांग पत्र देकर बताया कि उनके कालेज का संचालन चौ. बंसीलाल यूनिवर्सिटी भिवानी द्वारा किया जाता है। लेकिन अबकी वार्षिक परीक्षा परिणाम में उनके साथ जानबूझकर गड़बड़ की गई है। छात्राओं के अच्छे पेपर होने के बावजूद घोषित परीक्षा परिणाम में उनको अनुत्तीर्ण दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि उनके प्राध्यापक ने एक दिन भी कक्षा में उनको नहीं पढ़ाया और फिर यूनिवर्सिटी ने आनलाइन व आफलाइन दोनों प्रकार से परीक्षाओं में भागेदारी का अवसर दिया। लेकिन अंग्रेजी प्राध्यापक ने फिर जानबूझ कर उन पर आफलाइन ही परीक्षाओं में भाग लेने के लिए दबाव बनाया। वे बीए तृतीय वर्ष के पांचवें सेमेस्टर की पुस्तिकाओं की जांच की मांग भी कर चुकी हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही हैं। सांसद धर्मबीर सिंह ने छात्राओं को भरोसा दिया था कि उनकी मांगों को लेकर वे विश्वविद्यालय के उप कुलपति से मुलाकात कर समाधान का प्रयास करेंगे। सांसद व उपायुक्त कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद आखिरकार उच्चतर शिक्षा विभाग ने सभी उत्तर पुस्तिकाओं को अब स्वयं यूनिवर्सिटी की टीम द्वारा चैक करवाने का फैसला लिया है। 1300 छात्राओं पर मात्र एक प्राध्यापक

बाढड़ा कस्बे के एकमात्र राजकीय महिला महाविद्यालय में लगभग 13 सौ छात्राएं हैं। लेकिन यहां पर अंग्रेजी प्राध्यापक मात्र एक ही होने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कालेज में महत्वपूर्ण विषयों के पद रिक्त होने के मामले को लेकर पहले भी छात्राएं कई बार आंदोलन कर चुकी हैं। लेकिन कोई व्यवस्था नहीं होने से वे दूसरे कालेजों में जाने या पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हैं। प्रदेश के पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान व छात्र नेता विजय मोटू पिछले एक माह से लगातार उच्चतर शिक्षा विभाग से जिले के कालेजों में रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर अवगत करा रहे हैं।


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