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किसान विरोधी कानून बनाने के खिलाफ महापंचायत कर ऐलान चुप नहीं बैठेगा किसान

संवाद सूत्र ढिगावा मंडी भारतीय किसान यूनियन जिला भिवानी के बैनर तले खरीफ की बर्बाद फसलों

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 05:09 AM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 05:09 AM (IST)
किसान विरोधी कानून बनाने के खिलाफ महापंचायत कर ऐलान चुप नहीं बैठेगा किसान
किसान विरोधी कानून बनाने के खिलाफ महापंचायत कर ऐलान चुप नहीं बैठेगा किसान

संवाद सूत्र, ढिगावा मंडी:

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भारतीय किसान यूनियन जिला भिवानी के बैनर तले खरीफ की बर्बाद फसलों के मुआवजे, बीमा क्लेम की मांग के अलावा किसान विरोधी तीनों विधेयकों को रद करने की मांग की। सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए वक्ताओं ने कोसा। कहा कि किसानों को बर्बाद करने की साजिश रची जा रही है। किसान अब चुप बैठने वाला नहीं है। पांच अक्टूबर को बरवाला में होने वाली महापंचायत को कामयाब बनाने का संकल्प दोहराया। सोमवार को भी कृषिमंत्री के आवास के बाहर किसानों का पड़ाव जारी रहा। अध्यक्षता किसान नेता कमल सिंह मंडी ने की। किसान पंचायत का संचालन भारतीय किसान यूनियन के युवा प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद ने किया। किसान पंचायत में किसानों और युवाओं ने नारेबाजी की।

किसान पंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी रत्न मान उपस्थित रहे। किसान पंचायत को लोहारू बार एसोसिएशन ने प्रधान एडवोकेट संजय बिसलवास के नेतृत्व में समर्थन दिया। किसान पंचायत को किसान नेता धर्मपाल बारवास, करनाल भाकियू प्रवक्ता सुरेंद्र सांगवान, छज्जू राम कंडेला, गंगा राम चहड़िया, कमेटी सचिव उमेद फर्टिया,रामावतार आलमपुर, सुरेश संडवा, कमेटी प्रधान जेपी हसानिया ने संबोधित किया।

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी रतन मान ने कहा कि यह कैसी विडंबना है किसान कृषि मंत्री के दरवाजे पर बैठे हैं और मंत्री उनकी सुनवाई नहीं कर रहे हैं।

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला ने कहा कि फसल खरीद गारंटी कानून की मांग पर किसान अंतिम समय तक लड़ाई लड़ेगा। पांच अक्टूबर को पूरे प्रदेश की किसान अधिकार महापंचायत हिसार जिले के बरवाला में की जाएगी, जिसमें कड़ा निर्णय लिया जाएगा। आज से 26 तक क्रमिक भूख हड़ताल

किसान पंचायत में फैसला हुआ कि 22 सितंबर से 26 सितंबर तक प्रत्येक दिन पांच किसान 24 घंटे की भूख हड़ताल पर अपनी मांगों के लिए बैठेंगे। अगर पांच दिन में उपरोक्त किसानों की मांग पूरी नहीं हुई तो फिर से किसान महापंचायत बुलाकर अंतिम कड़ा निर्णय लेने पर मजबूर होंगे। कल पांच किसान क्रमिक अनशन करेंगे।


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