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सेना के आयुद्ध कारखाने में नियुक्ति कराने के नाम पर तीन युवकों से ठगे 21 लाख

कादमा क्षेत्र में सेना भर्ती का सब्जबाग दिखा कर तीन युवकों के अभिभावकों

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 08:17 AM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 08:17 AM (IST)
सेना के आयुद्ध कारखाने में नियुक्ति कराने के नाम पर तीन युवकों से ठगे 21 लाख
सेना के आयुद्ध कारखाने में नियुक्ति कराने के नाम पर तीन युवकों से ठगे 21 लाख

संवाद सहयोगी, बाढड़ा : कादमा क्षेत्र में सेना भर्ती का सब्जबाग दिखा कर तीन युवकों के अभिभावकों से 21 लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है। आरोपित द्वारा युवाओं को फर्जी नियुक्ति पत्र थमा कर उन्हें सेना के आयुद्ध कारखाने में ज्वाइन करने भेजा तो मामले का भंडाफोड़ हुआ। पीड़ित दोबारा उक्त गिरोह के पास पहुंचा तो उन्हें जल्द ही दूसरी नौकरी दिलवाने या पैसे देने का लालच दिया गया। लेकिन लंबे समय तक कुछ नहीं मिला तो धोखाधड़ी के शिकार हुए युवकों ने पुलिस अधीक्षक को शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई। एसपी के आदेश पर बाढड़ा थाना पुलिस ने कादमा निवासी दिनेश के खिलाफ फर्जी नियुक्ति, धोखाधड़ी व फर्जी दस्तावेज तैयार करने का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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गांव बडराई निवासी उमेश ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दी शिकायत में बताया कि उनका परिवार खेतीबाड़ी करता है। वे कुछ समय से सेना में भर्ती होने के लिए आवेदन कर रहे हैं। इसी दौरान उसके पास गांव कादमा निवासी दिनेश ने आकर बताया कि उसके सेना व अर्धसैनिक बलों की भर्ती करने वाले कुछ अधिकारियों से अच्छी जान पहचान है। वह भर्ती होने की इच्छा रखता है कुछ पैसे देकर भर्ती हो सकता है। उसने इसकी जानकारी अपने रिश्तेदार गांव चिड़िया निवासी रविद्र और अपने दोस्त ढाणी भालोठिया निवासी मुनेश को भी दी और बताया कि आर्मी आर्डिनेंस फैक्ट्री मुरादनगर में भर्ती है और वहां उसकी काफी जान पहचान है। वह वहां भर्ती करवा सकता है। सभी की सहमति के बाद आरोपित दिनेश से प्रति युवा सात लाख रुपये में बात तय हुई। दिनेश तय समय पर छह अक्तूबर 2020 को उनके घर दस्तावेज और रुपये लेने आया। वहां पर पीड़ित उमेश कुमार ने अपने साले रविद्र और दोस्त मुनेश को भी बुला लिया। मुनेश के साथ उसका बड़ा भाई दिनेश भी वहां आ गया। वहां मौजिज ग्रामीणों की मौजूदगी में उमेश, रविद्र और मुनेश ने कादमा निवासी दिनेश को तीन-तीन लाख और तीनों के दस्तावेज दे दिए। उस दौरान दिनेश ने कहा कि नियुक्ति पत्र देने पर बाकी चार-चार लाख रुपये वह और ले जाएगा। इसके बाद दिनेश का उनके पास फोन आया और बाकी रुपयों का इंतजाम करने की बात कही।

उमेश ने बताया कि दिनेश 23 नवंबर 2020 को उनके घर रुपये लेने और नियुक्ति पत्र देने आया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सबके पास से वह 12 लाख रुपये नकद ले गया। इसके बाद वह अपने रिश्तेदार व मित्र के साथ ज्वाइन करने के लिए मुरादनगर स्थित आयुद्ध कारखाने में पहुंचे तो फर्जी नियुक्ति पत्र होने का पता चला। वापस गांव आकर सारी जानकारी परिजनों को बताई तो उन्होंने आरोपित को बुलाया। आरोपित ने उन्हें पैसे देने से मना कर दिया तो पीड़ित पक्ष ने पुलिस में शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है। विशेष टीम को सौंपी जांच

बाढड़ा थाना प्रभारी बीर सिंह ने बताया कि पीड़ितों के बयान के आधार पर मुख्य आरोपित के खिलाफ फर्जी तरीके से पैसे हड़पने, झूठे दस्तावेज तैयार करने पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस मामले में विशेषज्ञों की टीम की मदद ली जा रही है और क्षेत्र में फैले नेटवर्क का सुराग लगाया जाएगा।


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