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धरने पर बैठे किसानों ने दिया 10 दिन का अल्टीमेटम

जागरण संवाददाता चरखी दादरी नेशनल हाइवे 152 डी के लिए अधिग्रहित की जा रही भूमि की मुआव

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 11:34 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 06:39 AM (IST)
धरने पर बैठे किसानों ने दिया 10 दिन का अल्टीमेटम

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : नेशनल हाइवे 152 डी के लिए अधिग्रहित की जा रही भूमि की मुआवजा राशि में वृद्धि की मांग को लेकर किसानों का धरना मंगलवार को 50 वें दिन में प्रवेश कर गया। किसानों ने उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार न किए जाने पर किसानों ने प्रशासन व सरकार के खिलाफ रोष प्रकट किया। उन्होंने प्रशासन, सरकार को दस दिन का अल्टीमेटम देते हुए बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। किसान मांगें पूरी न होने तक धरना जारी रखेंगे। किसानों ने साफ कहा कि नरमा बिजाई का समय आ गया है किसान अपने खेतों में नरमा की बिजाई करेंगे। यदि सरकार ने शीघ्र उनकी मांगें पूरी नहीं कि तो सभी किसान अपने खेतों में नरमा-बिजाई करेंगे और बिजाई के बाद किसी भी हाल में जमीन का अधिग्रहण नहीं होने दिया जाएगा। इसलिए सरकार ने अतिशीघ्र संज्ञान नहीं लिया तो मामला और तूल पकड़ेगा।

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धरना दे रहे जिले के 17 गांवों के किसानों ने सरकार, प्रशासन के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए कहा कि उनकी मांगों को गंभीरता नहीं लिया गया है। जिसके कारण सभी किसान आक्रोशित है और जल्द ही बड़ा कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि जब भी किसान बड़े आंदोलन की तैयारी या आंदोलन का अल्टीमेटम देते है तो प्रशासन उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित कर जल्द से जल्द उनकी मांगों को उच्चस्तर पर भेज कर पूरा करवाने का आश्वासन देता है। लेकिन बाद में प्रशासन की ओर से उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती। बातचीत के नाम पर किसानों को शांत करवाकर प्रशासन उनके मामले को लंबा खींच रहा है। लेकिन किसानों का संघर्ष जारी रहेगा और जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती वे किसी भी शर्त पर पिछे नहीं हटेंगे।

धरनास्थल पर प्रधान अनूप सिंह खातीवास, संचालक विनोद मोड़ी, महावीर झींझर, नसीब दातौली, विरेंद्र सिंह, सोनू कुमार, सुमित फौगाट, राजकुमार, राजीव, सज्जन सिंह, रमेश इत्यादि मौजूद थे।

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प्रशासन को करना पड़ेगा किसानों के आंदोलन का सामना

किसानों ने कहा कि सरकार ने 27 अप्रैल तक उनकी मांगों की ओर ध्यान नहीं दिया तो प्रशासन को किसानों के बड़े आंदोलन का सामना करना पड़ेगा। प्रशासन के पास दस दिन का समय है यदि समय रहते उनकी मांगें पूरी नहीं करवाई गई तो 17 गांवों के किसान नए सिरे से रणनीति तैयार कर बड़ा आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि 50 दिन से धरने पर बैठे किसानों का सब्र अब जवाब देने लगा है इसलिए सरकार को समय रहते संभल जाना चाहिए और किसानों की मांगों पर गंभीरता से विचार करते हुए उन्हें जल्द पूरा किया जाए।


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