मौसम में बनी उठापटक, फिर से बारिश के आसार
मौसम का मिजाज सोमवार को एक बार फिर से अनिश्चतता के साये में रहा। सुबह से ही आसमान में बादल घिर आए। बादलों और सूर्य के बीच लुकाछिपी का दौर चला। इससे फिर से हल्की बारिश के आसार बन रहें हैं। उधर, मौसम के इस रुख से क्षेत्र के किसान आशंकित हैं। पिछले सप्ताह लगातार दो दिन तक मौसम में उठापटक बनी रही। हल्की बारिश भी हुई और तेज हवा भी चली। इससे प्रदूषण से भी राहत मिली। अब फिर से मौसम रुख बदल रहा
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
मौसम का मिजाज सोमवार को एक बार फिर से अनिश्चतता के साये में रहा। सुबह से ही आसमान में बादल घिर आए। बादलों और सूर्य के बीच लुकाछिपी का दौर चला। इससे फिर से हल्की बारिश के आसार बन रहें हैं। उधर, मौसम के इस रुख से क्षेत्र के किसान आशंकित हैं।
पिछले सप्ताह लगातार दो दिन तक मौसम में उठापटक बनी रही। हल्की बारिश भी हुई और तेज हवा भी चली। इससे प्रदूषण से भी राहत मिली। अब फिर से मौसम रुख बदल रहा है। कई दिनों से आसमान साफ था, मगर सोमवार की सुबह फिर से बादल घिर आए। दोपहर तक सूर्य की लुकाछिपी के कारण कभी धूप और कभी बादलों की छांव का दौर चला। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बादल लगातार छाए रहते हैं तो हल्की बारिश हो सकती है। इससे तापमान एक बार फिर नीचे जाएगा। सोमवार को मौसम में उठापटक के बीच अधिकतम तापमान 28 और न्यूनतम 15 डिग्री दर्ज किया गया। बारिश की जरूरत नहीं, हो सकता है नुकसान
पिछले दिनों हुई हल्की बारिश से प्रदूषण से तो राहत मिली थी, मगर इससे खेतों में गेहूं की बिजाई प्रभावित हुई थी। बारिश से एक-दो दिन पहले जिन खेतों में गेहूं की फसल की बिजाई की गई थी, उसमें ऊपरी मिट्टी की पपड़ी बन जाने से फसल का अंकुरण प्रभावित हुआ था। फिलहाल बिजाई 30 फीस से ज्यादा रकबे में बकाया है। ऐसे में किसान फिलहाल तो बारिश न होने की ही दुआएं कर रहें हैं, ताकि बिजाई कार्य जल्दी से निपट जाए। सेहत का रखें ध्यान
मौसम में उतार-चढ़ाव को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सेहत का ध्यान रखने की सलाह दी है। सिविल अस्पताल के फिजीशियन डा. मुकेश इंदोरा का कहना है कि ऐसे मौसम में सावधानी बरतने की जरूरत होती है। तापमान कम ज्यादा होता है। इसलिए कोई भी लापरवारही न बरतें। बच्चों और वृद्धों का तो अतिरिक्त ख्याल रखें।