सवा साल में मिले टीबी के साढ़े तीन सौ मरीज
सवा साल में मिले टीबी के साढ़े तीन सौ मरीज
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
बहादुरगढ़ क्षेत्र में टीबी रोग भी लगातार फैल रहा है। पिछले सवा साल के अंदर ही करीब साढ़े तीन सौ लोग इस बीमारी की चपेट में आए हैं। खास बात यह है कि बहुत से मरीज इलाज बीच में छोड़कर मौत के मुंह में चले जाते हैं।
रविवार को विश्व टीबी दिवस है। हर साल यह दिन जब आता है तो टीबी के बढ़ते आंकड़ों के साथ इस रोग की भयावह स्थिति भी दिखाता है। दरअसल, बहादुरगढ़ क्षेत्र में लोग बढ़ते प्रदूषण, खानपान में लापरवाही व जागरूकता के अभाव में टीबी की जकड़ में आ रहे हैं। कम उम्र के बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। वर्ष 2018 में 300 मरीज समाने आए थे। इस वर्ष में अभी तक ही 43 मरीज मिल चुके हैं। ---डाट्स प्रणाली ने आसान किया इलाज वैसे तो डाट्स प्रणाली ने इस बीमारी का इलाज आसान किया है। मगर बहुत से मरीज इसका उपचार बीच में छोड़ देते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार यदि डाट्स प्रणाली में पूरा उपचार लिया जाए तो इस बीमारी से छुटकारा अवश्य ही मिलता है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार अपने देश में हर साल में लगभग 20 लाख लोग टीबी की चपेट में आ जाते हैं। लगभग 5 लाख लोगों की मौत प्रति वर्ष हो जाती है। इसमें इलाज में लापरवाही सबसे बड़ी वजह बनती है। जागरूकता का अभाव और स्वच्छता की कमी भी बड़े कारण हैं। ----यह है स्थिति सिविल अस्पताल में टीबी के लिए अलग से लैब है। यहां वर्ष 2018 में कुल 2 हजार 899 मरीजों के सैंपल जांच के लिए लिए गए। इसमें से 300 मरीज टीबी पॉजीटिव पाए गए। इनका उपचार अस्पताल से ही चल रहा है। 2019 में अभी तीन माह भी पूरे नहीं हुए हैं। अब तक जांच के लिए 586 मरीज पहुंच चुके हैं। इनमें से 43 मरीज पॉजिटिव पाए गए। जनवरी में 230 की जांच में से 21 पॉजिटिव, फरवरी में 206 में से 5, मार्च माह में अब तक लगभग 150 मरीजों की जांच में 17 केस पॉजिटिव पाए गए हैं। --- टीबी रोग से बचाव को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। खानपान पर ध्यान दिया जाना चाहिए। जागरूक्ता व स्वच्छता का अभाव इस बीमारी को बढ़ा देता है। किसी को टीबी के लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत जांच करवानी चाहिए।
-डा. बिजेंद्र, फिजिशियन, सिविल अस्पताल