Move to Jagran APP

कूड़ा प्रबंधन प्लांट में वैज्ञानिक व जैविक ढंग से नहीं किया जा रहा लीचेट का प्रोसेस, समय-समय पर नहीं होता मिस्ट स्प्रे

फोटो-10 व 17 - मिस्ट स्प्रे न होने से उठती रहती है दुर्गंध साथ लगते इंजीनियरिग कालेज में ह

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 09:55 PM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 09:55 PM (IST)
कूड़ा प्रबंधन प्लांट में वैज्ञानिक व जैविक ढंग से नहीं किया जा रहा लीचेट का प्रोसेस, समय-समय पर नहीं होता मिस्ट स्प्रे
कूड़ा प्रबंधन प्लांट में वैज्ञानिक व जैविक ढंग से नहीं किया जा रहा लीचेट का प्रोसेस, समय-समय पर नहीं होता मिस्ट स्प्रे

फोटो-10 व 17: - मिस्ट स्प्रे न होने से उठती रहती है दुर्गंध, साथ लगते इंजीनियरिग कालेज में हजारों बच्चों की पढ़ाई हुई प्रभावित - 500 मीटर दूर से शुरू हो जाती है कूड़ा प्रबंधन केंद्र में सड़ रहे लीचेट की दुर्गंध, यहां रहती है मक्खियों-मच्छरों की भरमार जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

loksabha election banner

नया गांव स्थित नगर परिषद के कूड़ा प्रबंधन प्लांट में लीचेट को खत्म करने के लिए वैज्ञानिक व जैविक प्रक्रिया का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। यहां पर लीचेट की प्रोसेसिग के दौरान मिस्ट स्प्रे भी नहीं किया जा रहा है। यह स्प्रे काफी महंगा है। इस कारण लीचेट को डिस्पोज करने का काम करने वाली कंपनी समय-समय पर यह स्प्रे नहीं करती है। मिस्ट स्प्रे न होने से लीचेट से दुर्गंध उठती रहती है। केंद्र से 500 मीटर से ज्यादा दूरी पर भी दुर्गंध काफी तीखी होती है। साथ ही यहां पर मक्खियों व मच्छरों की भरमार है। पिछले दिनों प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने यहां का निरीक्षण किया तो संबंधित कंपनी वैज्ञानिक व जैविक ढंग से लीचेट को प्रोसेस करने का एक भी प्रबंध नहीं दिखा पाई। इस कारण से बोर्ड के अधिकारियों ने कंपनी को नोटिस भी दिया है। उधर, लीचेट से उठती दुर्गंध व मक्खियों की वजह से साथ लगते इंजीनियरिग कालेज में भी हजारों बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती रहती है और कालेज प्रबंधन को मक्खियों को खत्म करने के लिए स्प्रे करना पड़ा है, जिससे कालेज को सालाना दो-तीन लाख रुपये की राशि अतिरिक्त खर्च करनी पड़ रही है। लीचेट की प्रोसेसिग में बरती जा रही इन खामियों को लेकर नगर परिषद के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। आक्सीकरण होने से सड़ता है कूड़ा, उठती है दुर्गंध, इसलिए जरूरी है मिस्ट स्प्रे:

एक जगह खुले में पड़े कूड़े या लीचेट का आक्सीकरण होने से वह गल-सड़ जाता है। आम बोलचाल की भाषा में चीजों के सड़ने-गलने और खराब होने को आक्सीकरण कहते हैं। कोई भी चीज आक्सीजन के संपर्क में आकर गलती-सड़ती है तो उस प्रक्रिया को आक्सीकरण कहते हैं। लीचेट का जब आक्सीकरण होता है तो उससे बहुत दुर्गंध उठती है। यह दुर्गंध काफी खतरनाक होती है, जिससे आसपास का पर्यावरण दूषित होता रहता है। ऐसे में मिस्ट स्प्रे करने से लीचेट से उठने वाली दुर्गंध को रोका जा सकता है। कूड़े से उठती रहती है दुर्गंध, पूरे कालेज में मक्खियों की भरमार, स्प्रे पर सालाना दो-तीन लाख हो रहा खर्च:

नया गांव के कूड़ा प्रबंधन केंद्र के पास दिल्ली टेक्निकल कैंपस इंजीनियरिग कालेज है। कालेज के चेयरमैन प्रवेश लाकड़ा ने बताया कि इस डंपिग साइट से उनके कालेज को काफी परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। यहां से दुर्गंध उठती रहती है, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। पूरे कालेज में मक्खियों की भरमार रहती है। हर साल दो-तीन लाख रुपये का स्प्रे कराना पड़ रहा है। यह कालेज के बिल्कुल अतिरिक्त खर्च है। वर्जन..

हमने नया गांव के कूड़ा प्रबंधन केंद्र का निरीक्षण किया था। कंपनी की ओर से जैविक व वैज्ञानिक ढंग से कूड़े या लीचेट को डिस्पोज करने का कोई भी प्रबंध नहीं किया जा रहा है। लीचेट को प्रोसेस करने वाली कंपनी की ओर से उन्हें कोई ऐसी प्रणाली या प्रबंध नहीं दिखाए, जिससे प्रतीत हो कि केंद्र पर वैज्ञानिक ढंग से लीचेट का प्रोसेस किया जाता है या नहीं। मिस्ट स्प्रे न होने से यहां पर दुर्गंध उठती रहती है।

-दिनेश यादव, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, बहादुरगढ़। वर्जन..

कूड़ा प्रबंधन केंद्र पर लीचेट को प्रोसेस करने के लिए सारे प्रबंध किए जाते हैं। कहीं पर कोई कमी नहीं है।

-अमन राठी, एमई, नगर परिषद, बहादुरगढ़।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.