सेक्टर का गंदा पानी नहर में डालने को बिछ़ाई गई पाइप लाइन हटाई
सेक्टर का गंदा पानी नहर में डालने को बिछ़ाई गई पाइप लाइन हटाई
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : शहर के सेक्टर-6 और 7 का गंदा पानी सिंचाई माइनर में डालने का मामला गंभीर हो गया है। एक दिन पहले जन स्वास्थ्य विभाग की टीम के निरीक्षण के बाद बुधवार को आनन-फानन में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा डिस्पोजल पंप की लाइन को माइनर के पास से हटा लिया गया। यह मामला हाईकोर्ट में पहुंचा हुआ है। ऐसे में वहां से निर्देश मिलने के बाद जन स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके का निरीक्षण किया था और अब रिपोर्ट तैयार कर ली है।
दरअसल, सेक्टर-6 के गंदे पानी की निकासी के लिए तीसरी पुलिया के पास सांखौल गांव के सामने डिस्पोजल पंप बनाया गया है। यहां पर गहरा कुआं बना है, जिसमें सेक्टर का गंदा पानी एकत्रित होता है। बाद में इस कुएं से पंप के जरिये इस गंदे पानी को बाहर फेंक दिया जाता है। मामला तब गंभीर हुआ जब यह मामला उठा कि इस गंदे पानी को बहादुरगढ़ वाटर माइनर के साथ-साथ गुजरने वाली सिचाई माइनर में डाल दिया जाता है। इसी तरह का एक डिस्पोजल सेक्टर-7 के मुहाने पर भी बनाया गया है। इसको लेकर कुछ लोगों ने आपत्ति की थी। उनका तर्क था कि इस डिस्पोजल से सेक्टर का गंदा पानी सिंचाई माइनर मे डाला जाएगा जो पूर्णतया गलता है। कई दिनों तक इस पर विवाद रहा। उसी दौरान यह मसला उठा था कि एक तो पहले ही सेक्टर-6 का गंदा पानी सिचाई माइनर में डाला जाता है। ऊपर से अब एक और डिस्पोजल बना दिया गया। विरोध के बाद जब दूसरे डिस्पोजल इसका काम नहीं रुका तो विरोध कर रहे लोगों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अब वहां से ही जन स्वास्थ्य विभाग के जरिये तीन दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है। ---टीम ने किया निरीक्षण तो पाइप लाइन हटाई जन स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मंगलवार को सेक्टर-7 के मुहाने पर बनाए जा रहे डिस्पोजल का निरीक्षण किया था और अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। इस बीच पहले से सांखौल के सामने डिस्पोजल से लेकर सिचाई माइनर तक जो दो पाइप लाइन बिछाई गई थी, उन्हें हटा लिया गया है। बुधवार को यहां पर कई कर्मी इन पाइपों को हटाने में जुटे रहे। इस डिस्पोजल को आपरेट कर रहे राजेंद्र ने बताया कि आम दिनों में गंदा पानी इस माइनर में नहीं डाला जाता। इसके लिए अलग पाइप लाइन बिछाई गई है। उसके जरिये गंदा पानी ड्रेन में डाला जाता है। बरसात के दिनों में ज्यादा पानी भर जाता है तो उसे निकालने के लिए ही अलग से पाइप लाइन थी। बरसानी पानी तो दूसरी जगहों पर भी माइनरों के जरिये ही निकाला जाता है। फिलहाल उस लाइन को भी हटा दिया गया है।
विभाग ने तैयार की फाइनल रिपोर्ट जन स्वास्थय विभाग के एसडीओ अनिल रोहिल्ला ने बताया कि विभाग ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। मौके पर जो स्थिति मिली, उसी के अनुसार रिपोर्ट तैयार की गई है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को भी सिचाई माइनर तक बिछाई गई पाइप लाइन हटाने के लिए कह दिया गया था। बुधवार को यह पाइप लाइन हटा ली गई।