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स्वच्छ सर्वेक्षण 2021: हम खुद ही नहीं चाहते कि शहर स्वच्छ हो, अब तक 161 लोगों ने ही दी फीडबैक

- सिटीजन वाइस के तहत मिलने वाले 1800 अंकों पर निर्भर करेगी शहर की स्वच्छता रैंकिग

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 06:40 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 06:40 AM (IST)
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021: हम खुद ही नहीं चाहते कि शहर स्वच्छ हो, अब तक 161 लोगों ने ही दी फीडबैक

- सिटीजन वाइस के तहत मिलने वाले 1800 अंकों पर निर्भर करेगी शहर की स्वच्छता रैंकिग

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- 1100 अंकों वाले गारबेज फ्री सिटी की स्टार रेटिग में हम पहले ही पिछड़ चुके

- अब सर्विस लेवल प्रोग्रेस व सिटीजन वाइस के तहत ही 3200 अंक निर्धारित करेंगे हमारे शहर की स्वच्छता रैंकिग फोटो-10: जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 इस बार मार्च में होगा। नगर परिषद के साथ-साथ हमारे शहर को अपनी स्वच्छता रैंकिग सुधारने के लिए दो माह का और समय मिल गया है। ऐसे में हम पूरा प्रयास कर सकते हैं शहर को सफाई के मामले में अव्वल बनाने के लिए। वैसे दो लाख की जनसंख्या वाले इस शहर में लोग बहुत कम ही ही सर्वेक्षण में भाग ले रहे हैं। यहीं कारण है कि सिटीजन वाइस के तहत अन्य गतिविधियों में भाग लेना तो दूर लोग फीडबैक देने में भी पिछड़े हुए हैं। अब तक मात्र 161 लोगों ने ही स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर फीडबैक दी है। यह हालात तो तब है जब सिटीजन वाइस के तहत होने वाली गतिविधियों के 1800 अंक हैं। सर्विस प्रोग्रेस लेवल के 2400 अंक हैं। सर्टिफिकेशन के भी 1800 अंक हैं लेकिन इसमें से गारबेज फ्री सिटी की स्टार रेटिग में हम पहले ही पिछड़ चुके हैं। ऐसे में इस स्टार रेटिग के 1100 अंक हमें नहीं मिलने वाले हैं। सर्टिफिकेशन के शेष 700 अंक ओडीएफ, ओडीएफ प्लस-प्लस और जल संरक्षण पर हैं। अगर शहर को ये सर्टिफिकेट भी नहीं मिले तो यहां के अंक भी खत्म हो जाएंगे। ऐसे में सर्विस लेवल प्रोग्रेस और सिटीजन वाइस के अंकों पर ही शहर की स्वच्छता रैंकिग निर्भर रहेगी। सर्विस लेवल प्रोग्रेस में 500 अंक पहले और 700 अंक दूसरे क्वार्टर के तथा 1200 अंक तीसरे क्वार्टर के हैं। इनमें नगर परिषद की ओर सफाई व्यवस्था को लेकर जुटाए गए संसाधनों पर निर्भर करेगी। सिटीजन वाइस के अंक काफी अहम:

स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 इस बार छह हजार अंकों का होगा। सिटीजन वाइस व सर्टिफिकेशन के 1800-1800 अंक होंगे और सर्विस लेवल प्रोग्रेस के 2400 अंक। सिटीजन वाइस में लोगों की ओर से शहर के बारे में दी जाने वाली अच्छी फीडबैक के 600, अनुभव के 300, इंगेजमेंट के 450, स्वच्छता एप के 350 व इनोवेशन के 100 अंक हैं। सिटीजन फीडबैक के तहत लोगों से ऑनलाइन आठ सवाल पूछे जा रहे हैं कि आप इस सर्वे के बारे में जानते हैं या नहीं, पिछले साल आपके शहर को कौन सा स्थान मिला था और सफाई के अलग-अलग स्तरों पर शहर को कितने अंक देंगे। सिटीजन इंगेजमेंट के तहत निकाय की ओर से कितने लोगों को सरकार की विभिन्न स्कीमों से जोड़ा गया। लोगों ने अपनी ओर से स्वच्छता को लेकर जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लिया या नहीं। सिटीजन के अनुभव में स्लम बस्ती, सार्वजनिक स्थल, पार्क, फ्लाइओवर आदि की स्वच्छता पर लोगों का अनुभव रहेगा। स्वच्छता एप के माध्यम से कितनी शिकायतों का समाधान किया गया। इनोवेशन में निकाय की ओर से सफाई, कूड़े के निस्तारण व स्वच्छता को लेकर कितने नए-नए आइडिया पर काम किया गया और यह कितना कारगर साबित हुआ। यह सब सिटीजन वाइस के तहत ज्यादा से ज्यादा अंक दिलाने में अहम भूमिका निभाएंगे। जल संरक्षण के भी होंगे अंक:

स्वच्छ सर्वेक्षण इस बार जल संरक्षण को भी महत्व दिया गया है। सर्टिफिकेशन के 700 अंकों में से एक तिहाई अंक जल संरक्षण के ही होंगे। इसमें सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और सामुदायिक शौचालय के पानी का रियूज तथा पार्काें में रेन वाटर हार्वेस्टिग को लेकर क्या-क्या प्रबंध किए गए हैं, इनका पता लगाया जाएगा। जल संरक्षण की दिशा में जितने ज्यादा प्रबंध किए गए होंगे, शहर को उतने ही अच्छे अंक मिलेंगे। शहर में सफाई व्यवस्था व कूड़े से संबंधित आंकड़ा:

- शहर में करीब 115 कालोनी

- शहर की जनसंख्या करीब 2 लाख

- हर रोज करीब 80 टन कूड़ा होता है जनरेट

- तंग गलियों से कूड़े का उठान करने के लिए 35 रिक्शा

- करीब 240 सफाई कर्मचारी करते हैं शहर की सफाई बहादुरगढ़ शहर की वर्ष वार रैंकिग:

वर्ष रैंकिग

2020 216

2019 228

2018 209

2017 353 वर्जन.

स्वच्छता सर्वे को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने का टेंडर भी जल्द ही किया जाएगा। सिटीजन फीडबैक के लिए लोगों को आगे आना होगा। सक्षम युवाओं की भी ड्यूटी लगाई गई है। कूड़े का उचित प्रबंधन इस बार किया जाएगा। डंपिग स्टेशन के कूड़े का निस्तारण किया जा रहा है। कोरोना और किसान आंदोलन के कारण इस बार जनवरी की बजाय मार्च माह में यह सर्वे होगा। ऐसे में हमें तैयारियों के लिए ज्यादा समय मिल गया है।

-राजेश मलिक, सिटी इंचार्ज, स्वच्छ भारत मिशन


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