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हड़ताली कर्मचारियों ने नहीं स्वीकारी सरकार की पेशकश, ड्यूटी पर नहीं लौटे

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल खत्म करने के लिए सरकार और विभाग की पेशकश कर्मचारियों ने नहीं स्वीकारी। दरअसल, बस स्टैंड पर नोटिस चस्पा किया गया था कि 1 व 2 नवंबर को यदि कर्मचारी ड्यूटी पर लौटते हैं तो उन्हें हड़ताल के समय को अवकाश मानकर ज्वाइ¨नग दी जाएगी। पूरे माह का वेतन भी मिलेगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 06:25 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 06:25 PM (IST)
हड़ताली कर्मचारियों ने नहीं स्वीकारी सरकार की पेशकश, ड्यूटी पर नहीं लौटे
हड़ताली कर्मचारियों ने नहीं स्वीकारी सरकार की पेशकश, ड्यूटी पर नहीं लौटे

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

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रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल खत्म करने के लिए सरकार और विभाग की पेशकश कर्मचारियों ने नहीं स्वीकारी। दरअसल, बस स्टैंड पर नोटिस चस्पा किया गया था कि 1 व 2 नवंबर को यदि कर्मचारी ड्यूटी पर लौटते हैं तो उन्हें हड़ताल के समय को अवकाश मानकर ज्वाइ¨नग दी जाएगी। पूरे माह का वेतन भी मिलेगा। हालांकि इस नोटिस पर संबंधित अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं।

उधर, रोडवेज कर्मचारियों ने इससे दूरी बनाए रखी। ज्यादातर ने इस पर अनभिज्ञता जताई। बाकी ने इसे सरकार का गुमराह करने वाला पैंतरा करार दिया।

यह नोटिस महाप्रबंधक के आदेशानुसार जारी किए जाने की बात कही जा रही है। इस पर महाप्रबंधक के हस्ताक्षर न होने को लेकर स्थानीय अधिकारी कुछ कहने की स्थिति में नही हैं। उनका कहना है कि जिस तरह के आदेश मिले थे, उसके अनुसार नोटिस चस्पा किया गया। इससे ज्यादा उनके पास जानकारी नही है। अधिकारियों के मुताबिक इन दो दिनों में कोई हड़ताली कर्मचारी इस नोटिस के अनुसार ड्यूटी ज्वाइन करने नहीं पहुंचा। शुक्रवार को चली 44 बसें, बढ़ने लगा है किराया

रोडवेज की ओर से शुक्रवार को भी 44 बसें सड़कों पर उतारी गई। दिल्ली, चरखी दादरी, हिसार, सिरसा के लिए भी बस भेजी गई थी। इस बीच हायर बसों को वापस भेजा जा चुका है। अब रूट परमिट और रोडवेज की बसें ही चल रही हैं। ठेके पर कार्यरत कर्मचारियों से ही बसें चलवाई जा रही हैं। उधर, दिल्ली में डीटीसी के कच्चे कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। ऐसे में दिल्ली जाने के लिए लोग मेट्रो का सहारा ले रहें हैं। इस बीच किराया भी बढ़ने लगा है। बृहस्पतिवार को यहां की बसों को करीब ढाई लाख की रिकवरी हुई थी। किलोमीटर भी 11 हजार तक किए जा रहें हैं। आम दिनों में किराया पांच लाख तक मिलता है। जबकि किलोमीटर 25 हजार तक होते हैं। काले बिल्ले लगाकर किया काम

सर्व कर्मचारी संघ से जुड़े कर्मचारी संगठनों में शामिल विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने रोडवेज की हड़ताल के समर्थन में शुक्रवार को काले बिल्ले लगाकर काम किया। इसके साथ ही तालमेल कमेटी के बैनर तले रविवार को जींद में प्रस्तावित रैली के लिए भी कमर कस ली है। सर्व कर्मचारी संघ के ब्लाक बहादुरगढ़ प्रधान बिजेंद्र सैनी ने बताया कि जब तक सरकार की ओर से मांगे पूरी नही की जाती तब तक सभी कर्मचारी काले बिल्ले लगाकर ही काम करेंगे। जींद रैली में भी बढ़-चढ़कर भाग लिया जाएगा। कर्मचारी बोले, सरकार कर रही गुमराह

ड्यूटी पर वापस लेने से संबंधित विभाग के नोटिस को लेकर रोडवेज कर्मचारी नेताओं ने कहा कि इस तरह के नोटिस को लेकर उन्हें जानकारी नही है। ऐसा नोटिस जारी भी किया गया है तो यह सरकार का गुमराह करने वाला पैंतरा है। वैसे भी जब तक सरकार परमिट को रद नहीं करती और मांगे पूरी नही करती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। यह रोडवेज कर्मचारियों के निजी हित की नहीं बल्कि जनता और विभाग के हित की लड़ाई है। यह रोजगार बचाने का संघर्ष है।


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