सावन की पहली झड़ी में 52 एमएम बारिश, कहीं राहत, कहीं आफत
सावन की पहली झड़ी में 52 एमएम बारिश कहीं राहत कहीं आफत
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : सावन का आगाज उसी के अंदाज में हुआ। पूर्णिमा की रात से ही लगी बारिश की झड़ी में सावन भी भीगा। गर्मी से राहत मिली। किसान खुश हुए मगर जलभराव से प्रभावित इलाकों में आफत भी बरसी। लगातार 16 घंटों तक रुक-रुककर चली बरसात की मात्रा 52 मिलीमीटर दर्ज की गई। अभी कई दिनों तक बारिश का सिलसिला चलेगा।
बारिश की झड़ी का सबको इंतजार था। इस बार आषाढ़ में ज्यादा बारिश नहीं हुई। शहर और इसके आसपास में तो पहले सप्ताह में अच्छी बारिश हुई थी, लेकिन उसके बाद बढ़े तापमान ने फिर से जनजीवन के लिए मुश्किल खड़ी कर दी थी। फसलें सूख रही थी और किसान मायूस थे। मगर सावन राहत लेकर आया है। ----52 मिलीमीटर बारिश से लुढ़का तापमान आसमान में बादल तो कई दिनो से ही उमड़-घुमड़ रहे थे। मगर पूर्णिमा या यानी मंगलवार की रात से इंदद्रेव ठीक से मेहरबान हुए। बारिश की झड़ी लगी तो बुधवार की शाम तक रुक-रुककर जारी रही। हालांकि उसके बाद बादल छंट गए। सूर्य देव भी चमके। इसके बाद बादलों की आवाजाही और सूर्य की लुकाछिपी चली। इससे तापमान कई डिग्री लुढ़क गया है। बुधवार को अधिकतम तापमान 30 और न्यूनतम 26 डिग्री दर्ज किया गया। ---किसान हुए खुश
बारिश से किसान भी खुश हैं। खेतों में फसलें सूख रही थी। उन्हें संजीवनी मिली है। साथ ही अब धान की रोपाई का सिलसिला भी तेज होगा। किसानों ने खेतों की जुताई करके उन्हें धान की रोपाई के लिए तैयार कर रखा था। मगर बारिश के बिना यह कार्य मुमकिन न था। अब बारिश होते ही यह कार्य जोर पकड़ेगा। और बारिश होती है तो जुलाई के आखिर तक ज्यादातर किसान धान की रोपाई का कार्य निपटा सकते हैं। ---कई जगह आफत लेकर आई बारिश सावन की पहली ही बारिश ने मौसम में तो मस्ती घोल दी है लेकिन इसके साथ कई जगह आफत भी खड़ी हो गई है। शहर की कई सड़कों और कालोनियों की गलियां इस बारिश के बाद जलमग्न हो गई। नालों से निकासी ठप होने के कारण यह समस्या आई। वहीं बस स्टैंड एक बार फिर तालाब का रूप ले गया। होशियार सिंह स्टेडियम में भी पहले की तरह जलभराव हो गया है।