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आंदोलन को पूरे हुए सात माह, दो महीने रहा उबाल, अब दिन बिताने तक है सीमित

दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर परेड के दौरान हुई हिसा के बाद से तो आंदोलन में वह जोश बना ही नहीं

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Jun 2021 07:10 AM (IST)Updated: Sun, 27 Jun 2021 07:10 AM (IST)
आंदोलन को पूरे हुए सात माह, दो महीने रहा उबाल, अब दिन बिताने तक है सीमित
आंदोलन को पूरे हुए सात माह, दो महीने रहा उबाल, अब दिन बिताने तक है सीमित

दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर परेड के दौरान हुई हिसा के बाद से तो आंदोलन में वह जोश बना ही नहीं। जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

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तीन कृ़षि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन को शनिवार को सात माह पूरे हो गए हैं। नवंबर 2020 से शुरूआत के बाद पहले दो महीनों में तो आंदोलन में उबाल रहा, मगर उसके बाद से यह दिन बिताने तक ही सीमित रहा है। अब न यहां पर पहले जितनी भीड़ बन पा रही है और न ही शासन-प्रशासन पर दबाव बनाने में आंदोलनकारी कामयाब हो रहे हैं। दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर परेड के दौरान हुई हिसा के बाद से तो आंदोलन में वह जोश बना ही नहीं। उसके बाद टीकरी बार्डर पर तो इस आंदोलन से लगातार विवाद जुड़ते चले गए। कभी हत्या, कभी दुष्कर्म, कभी चोरी, कभी नशा, कभी हुड़दंगबाजी जैसे मामले आंदोलन के बीच से ही सामने आए। कहने की जरूरत नहीं कि इस आंदोलन के कारण उद्योग और व्यापार का कहीं ज्यादा नुकसान उठा चुके बहादुरगढ़ में ज्यादातर नागरिक बेहद परेशान हैं। मगर यह जल्द खत्म होता नहीं दिख रहा, क्योंकि शुरूआत से लेकर अब तक आंदोलनकारियों की जो मांग है, उस पर वे बरकरार है। तीनों कानूनों की वापसी के अलावा एमएसपी पर कानून की जो मांग है, वह पूरी न कर पाने की सरकार भी मजबूरी जता चुकी है, लेकिन आंदोलनकारियों की यही मांग है कि तीनों कानून वापस हो और एमएसपी पर कानून बने। इन दो बातों के अलावा आंदोलनकारी कोई तीसरी बात सरकार से करने को तैयार ही नहीं है। कोई बीच का रास्ता निकालने की बात पर आंदोलनकारी सोचने तक को राजी नहीं है। अब, जबकि कोरोना की दूसरी लहर शांत पड़ गई है और तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में आंदोलन में जारी गतिविधियां फिर से नागरिकों की चिता को बढ़ा सकती हैं। इधर, शनिवार को आंदोलन को सात माह पूरे होने पर किसानों द्वारा खेती बचाओ-लोकतंत्र बचाओ दिवस मनाया जा रहा है। इसको लेकर पुलिस-प्रशासन अलर्ट है और सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं।


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