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टीकरी बॉर्डर पर आंदोलनकारियों ने संपत्ति क्षतिपूर्ति कानून की प्रतियां फूंकी

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बीच टीकरी बॉर्ड

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 07:35 PM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 07:35 PM (IST)
टीकरी बॉर्डर पर आंदोलनकारियों ने संपत्ति क्षतिपूर्ति कानून की प्रतियां फूंकी
टीकरी बॉर्डर पर आंदोलनकारियों ने संपत्ति क्षतिपूर्ति कानून की प्रतियां फूंकी

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बीच टीकरी बॉर्डर पर वीरवार को आंदोलनकारियों द्वारा राज्य सरकार की ओर से पारित किए गए संपत्ति क्षतिपूर्ति कानून की प्रतियां फूंकी गई। आंदोलनकारियों का तर्क है कि उनके आंदोलन को दबाने के लिए सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया है। इससे पहले यहां कई घंटे तक सभा चली। इसमें वक्ता सरकार पर बरसे। दादरी के निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान फिर यहां आंदोलन के मंच पर पहुंचे और सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग दोहराई।

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सांगवान ने कहा कि वैसे तो किसी भी सरकार ने किसानों का हित नहीं किया। सभी ने इस कमेरे वर्ग का शोषण ही किया है। इस सरकार से उम्मीद थी, मगर वह भी पूरी नहीं हुई। मौजूदा सरकार द्वारा जो कृषि कानून बनाए गए हैं, उससे सबसे ज्यादा नुकसान छोटे किसानों को होगा। उन्होंने कहा कि अगर सरकार यह समझ रही है कि यह आंदोलन ऐसे ही दब जाएगा तो यह सरकार की भूल है। उन्होंने दोहराया कि कोरोना के समय में सरकार की ओर से जिस तरह से कानूनों को लेकर अध्यादेश जारी किया गया और फिर संसद में इन्हें पारित किया गया, उससे साफ है कि विपक्ष ने इस मसले पर कमजोरी का परिचय दिया।

सभा के बाद जलाई प्रतियां

टीकरी बॉर्डर पर सभा के बाद शाम को आंदोलनकारियों द्वारा सरकार के खिलाफ नारेबाजी और संपत्ति क्षतिपूर्ति कानून बनाने को सरकार की तानाशाही करार देते हुए इसकी प्रतियां जलाई। आंदोलनकारियों ने कहा कि सरकार द्वारा बातचीत से समाधान निकालने की बजाय आंदोलन विरोधी फैसले लिए जा रहे हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


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