Move to Jagran APP

पीवीसी मार्केट को हटाने की तैयारी, 38 जमीन मालिकों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी किए नोटिस

दिल्ली बार्डर के साथ बहादुरगढ़ की करीब 100 एकड़ से अधिक जमीन में बसी अवैध पीवीसी मार्किट को हटाने की तैयारी शुरू हो गई है। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उन किसानों को नोटिस दिए हैं जिनकी जमीन पर पीवीसी मार्किट बसी हुई है। राजस्व विभाग की ओर से गत 2

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 06:06 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 06:20 AM (IST)
पीवीसी मार्केट को हटाने की तैयारी, 38 जमीन मालिकों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी किए नोटिस
पीवीसी मार्केट को हटाने की तैयारी, 38 जमीन मालिकों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी किए नोटिस

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

loksabha election banner

दिल्ली बॉर्डर के साथ बहादुरगढ़ की करीब 100 एकड़ से अधिक जमीन में बसी अवैध पीवीसी मार्केट को हटाने की तैयारी शुरू हो गई है। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उन किसानों को नोटिस दिए हैं, जिनकी जमीन पर पीवीसी मार्केट बसी हुई है। राजस्व विभाग की ओर से गत 28 नवंबर को करीब 39 एकड़ के 38 जमीन मालिकों की सूची बोर्ड को दी गई थी, जिन्हें प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमैंट रूल्स 2016 के उल्लंघन का नोटिस थमा दिया है। नोटिस में लिखा गया है कि 2016 में नोटिफाई हुए प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स के तहत प्लास्टिक वेस्ट उत्पादक को वेस्ट मैनेजमेंट प्लान बनाना होता है, जिसके तहत वेस्ट को इकठ्ठा करने के साथ उसके भंडारण, ढुलाई, दोबारा इस्तेमाल, खाद बनाने और उसका निपटान पर्यावरण को सुरक्षित रखने के तरीके से करना होता है। इस नियम के तहत वेस्ट जनरेटर को कम से कम वेस्ट जनरेट हो इसका ख्याल भी रखना होता है और मौके पर ही वेस्ट को छांटकर अलग-अलग भी करना जरूरी है। अलग-अलग छांटकर रखे गए वेस्ट को किसी अधिकृत एजेंसी या स्वयं जाकर वेस्ट डिस्पोजल सेंटर पर उसे डिस्पोज करना होता है। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जरूरी लाइसेंस भी लेना होता है, लेकिन दिल्ली बार्डर के साथ बहादुरगढ़ के किसानों की जमीन पर प्लास्टिक कबाड़ का पूरा बाजार सजा हुआ है। यहां नियमों की कोई परवाह नही की जाती। प्लास्टिक कबाड़ की अवैध मंडी में प्लास्टिक कबाड़ को छांटकर अलग-अलग किया जाता है और वेस्ट प्लास्टिक को जला दिया जाता है। इससे पर्यावरण प्रदूषण भी बढ़ रहा है। भूरेलाल ने दिए थे पीवीसी मार्केट को हटाने या फिर रेगूलराइज करने के आदेश:

दरअसल, गत 13 अक्टूबर को पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण प्राधिकरण के चेयरमैन भूरेलाल और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन अशोक खेत्रपाल ने पीवीसी मार्केट का निरीक्षण किया था। इस दौरान नियमों की भारी अवहेलना भी पाई गई थी। भूरेलाल ने प्रशासनिक अधिकारियों को इस मार्केट को हटाने या फिर नियमानुसार रेगूलराइज करने के आदेश दिए थे। भूरेलाल के आदेश पर ही किसानों को नोटिस दिए गए हैं। किसानों को नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। इस अवधि में संतोषजनक जवाब नही मिलने पर पर्यावरण सुरक्षा नियम 1986 की धारा 15 और 19 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इन किसानों को दिए गए नोटिस:

खेवट नंबर 99 के तहत अंगूरी और दूसरे हिस्सेदारों, खेवट नंबर 104 में भयराम, खेवट नंबर 107 में राकेश, राजेश और संजय, खेवट नंबर 116 में सुरेंद्र, नरेंद्र, प्रेमो, दया, बेदो और दूसरे हिस्सेदार, खेवट नंबर 120 व 125 में तेज सिंह, धर्मसिंह, राजबाला और दूसरे हिस्सेदार, खेवट नंबर 228 में रामकंवार, रामनिवास व दिलबाग, खेवट नंबर 285 में कृष्ण कुमार व आनंद कुमार, खेवट नंबर 289 में ऋषिप्रकाश व राजेश कुमार, 306 में सुरजीत, ताराचंद, सुरेंद्र और यशपाल, खेवट नंबर 360 में महेंद्र, श्रीकिशन, जिले व अतर सिंह को नोटिस दिया गया है। इसके अलावा खेवट 416 में यादराम, खेवट 437 में जयपाल, खेवट 444 में वेदप्रकाश, 448 में ईश्वर, जोतराम, खेवट 449 में देवीदत्त व सुरेश, खेवट 450 में गजराज, मदन और रिछपाल, खेवट 468 में सतबीर,  खेवट 477 में सूरजभान, श्रीकिशन, जिले, खेवट 556 में नफे सिंह, खेवट 582 में राजबीर, सुरेश, विजय, नरेश, अमरजीत, खेवट 626 में आनंद कुमार, खेवट 629 में तारीफ, खेवट 632 में सतबीर व हरबीर, खेवट 636 में गोर्धन, चंद्र, मेहर सिंह और महाबीर, खेवट 638 में मूलचंद, ईश्वर, यादराम, रणधीर व बलवान, खेवट 646 में दीपचंद, सूरत खेवट 661 में रोहित, मोहित व राहुल, खेवट 675 में समुंद्र, 676 में लक्ष्मीनारायण, खेवट 728 में मुख्तार सिंह, रणबीर, बलबीर, नफे, बलवान व धर्मबीर, 748 में गोपाल व योगश, 817 में करतार सिंह, 818 में मुख्तयार सिंह, 821 में ताराचंद, 827 में जयकिशन, किशनचंद व टेकराम आदि, 837 में श्रीकिशन व कर्णसिंह और 1324 में घनश्याम दास के नाम राजस्व विभाग ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दिए हैं, जिन्हें बोर्ड विभाग की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। वर्जन..

ईपीसीए के चेयरमैन भूरेलाल के आदेश पर पीवीसी मार्केट को हटाने की तैयारी की गई है। राजस्व विभाग से जमीन मालिकों का रिकार्ड मांगा गया था। रिकार्ड के अनुसार 38 जमीन मालिकों को नोटिस दिया गया है। राजस्व विभाग के सर्वे के दौरान अगर कोई और भी नाम आया तो उसे भी नोटिस दिया जाएगा। नोटिस का जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

- कृष्ण कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, बहादुरगढ़।

-------------------

कृष्ण


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.