अब बहादुरगढ़ में उत्तम गुणवत्ता के फुटवियर का ही होगा निर्माण, जुलाई 2021 के बाद लागू होगा बीआइएस स्टैंडर्ड
वाणिज्य मंत्रालय की ओर से उद्यमियों के पक्ष में यह निर्णय लिए जाने का यहां के फुटवियर उद्यमियों ने जोरदार स्वागत किया है। बीआइएस स्टैंडर्ड लागू होने के बाद फुटवियर की सभी फैक्ट्रियों को अपने यहां एक लैब बनानी होगी। या फिर फुटवियर पार्क स्थित क्लस्टर में स्थापित लैब से संबंधित फैक्ट्री को अपने फुटवियर का बीआइएस स्टैंडर्ड का प्रमाण पत्र लेना होगा।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : बहादुरगढ़ की फुटवियर इंडस्ट्री में अब कम गुणवत्ता का फुटवियर नहीं बन सकेगा। इसके लिए फुटवियर इंडस्ट्री पर भी जुलाई 2021 के बाद बीआइएस स्टैंडर्ड (द ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड) लागू हो जाएगा। पहले यह एक नवंबर से लागू होना था लेकिन फुटवियर उद्यमियों की मांग पर इसे सात-आठ माह के लिए टाल दिया गया है।
वाणिज्य मंत्रालय की ओर से उद्यमियों के पक्ष में यह निर्णय लिए जाने का यहां के फुटवियर उद्यमियों ने जोरदार स्वागत किया है। बीआइएस स्टैंडर्ड लागू होने के बाद फुटवियर की सभी फैक्ट्रियों को अपने यहां एक लैब बनानी होगी। या फिर फुटवियर पार्क स्थित क्लस्टर में स्थापित लैब से संबंधित फैक्ट्री को अपने फुटवियर का बीआइएस स्टैंडर्ड का प्रमाण पत्र लेना होगा। कम गुणवत्ता का फुटवियर न तो स्थानीय बाजार में टिक पाएगा और न ही एक्सपोर्ट हो सकेगा। बीआइएस स्टैंडर्ड लागू होने से उद्यमियों को काफी फायदा होगा। फुटवियर का बाजार खूब दौड़ेगा। बीआइएस लागू होने से स्थानीय बाजार में भी बहादुरगढ़ के फुटवियर की मांग बढ़ेगी तथा एक्सपोर्ट भी बढ़ जाएगा। फिलहाल ढाई से तीन हजार करोड़ रुपये का सालाना एक्सपोर्ट है। मगर यह बढ़कर करीब पांच हजार करोड़ सालाना होने की संभावना है। फिलहाल उद्यमियों ने इसलिए बीआइएस स्टैंडर्ड लागू कराने में ढील मांगी है ताकि उनका तैयार माल खत्म हो जाए और फैक्ट्री में भी बीआइएस स्टैंडर्ड के मापदंड लागू किए जा सकें। फुटवियर पार्क स्थित क्लस्टर का अब उद्यमियों को होगा काफी फायदा
नवंबर 2018 में बहादुरगढ़ के फुटवियर पार्क में फुटवियर क्लस्टर का उद्घाटन सीएम मनोहर लाल ने किया था। इसमें कई तरह की लैब स्थापित की गई हैं। क्लस्टर में स्थापित लैब से हर तरह के फुटवियर को लेकर प्रमाण पत्र लिया जा सकता है तथा बीआइएस स्टैंडर्ड को लेकर भी प्रमाण पत्र लिया जा सकता है। अब जब फुटवियर पर भी बीआइएस स्टैंडर्ड लागू हो रहा है तो ऐसी स्थिति में फुटवियर उद्यमियों को इस क्लस्टर का काफी फायदा मिलने लगेगा। यह है बहादुरगढ़ में फुटवियर कारोबार की स्थिति
- बहादुरगढ़ में दो हजार से ज्यादा फुटवियर इंडस्ट्री
- इनमें से करीब 1000 में होता है जॉब वर्क यानी जूते का अपर व सोल बनाया जाता है
- सालाना टर्न ओवर 20 हजार करोड़
- 10 से 15 फीसद फुटवियर एक्सपोर्ट होता है
- यहां पर आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र पार्ट ए व बी, रोहद, फुटवीयर पार्क सेक्टर 17, एचएसआइआइडीसी सेक्टर 16 व 4बी और पुराना औद्योगिक क्षेत्र में बनता है फुटवियर
- देश का 50 फीसद नॉन लेदर फुटवियर बहादुरगढ़ में बनाया जाता है
- करीब 1 लाख लोग सीधे तौर पर फुटवियर इंडस्ट्री में काम करते हैं
- भारत में करीब 45-50 फीसद फुटवियर होता है आयात
- पूरे भारत में फुटवियर का कारोबार करीब एक लाख करोड़ का
- बहादुरगढ़ से करीब ढाई से तीन हजार करोड़ का फुटवियर सालाना होता है एक्सपोर्ट
(नोट: ये आंकड़े बहादुरगढ़ फुटवियर पार्क एसोसिएशन के महासचिव सुभाष जग्गा और वरिष्ठ उपप्रधान नरेंद्र छिकारा से लिए गए हैं।) बहादुरगढ़ फुटवियर पार्क एसोसिएशन के प्रधान राजकुमार गुप्ता, रिलेक्सो के प्रबंध निदेशक रमेश दुआ, राजेंद्र, आलोक वैध आदि वाणिज्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव अनिल अग्रवाल से मिले थे। उन्हें बीआइएस स्टैंडर्ड का नियम लागू करने में कुछ ढील देने की मांग की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। अब जुलाई 2021 के बाद यह नियम लागू होगा। उसके बाद बीआइएस स्टैंडर्ड के मानकों अनुसार फुटवियर बनाया जा सकेगा। घटिया क्वालिटी का फुटवियर न तो बन सकेगा और ना ही बिक सकेगा।
नरेंद्र छिकारा, वरिष्ठ उपप्रधान, बहादुरगढ़ फुटवियर पार्क एसोसिएशन।