संसार में सब कुछ मिलना संभव है लेकिन मा नहीं
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: देश का भविष्य बेटियों में ही मिलता है। बेटियों को न केवल बचा
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
देश का भविष्य बेटियों में ही मिलता है। बेटियों को न केवल बचाना व पढ़ाना जरूरी है बल्कि उनको आगे बढ़ाना भी जरूरी है। राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए बेटियों को संस्कारवान होना चाहिए। संस्कारवान महिला के बिना सभ्य समाज की कल्पना नहीं की जा सकती। यह उद्गार उपमंडल विधिक सेवाएं समिति के सदस्य सत्येंद्र दहिया ने प्रकट किए। वे सोमवार को शहर के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में गर्ल्स चाइल्ड दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित विशेष विधिक साक्षरता शिविर में छात्राओं को संबोधित कर रहे थे।
जीवन ज्योति अस्पताल की निदेशक डा. ज्योति मलिक ने भी छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि एक बेटी पूरे परिवार को सही रखती है। उन्होंने कहा कि बेटियों से ही मा का स्वरूप बनता है और एक मा के बिना परिवार की कल्पना नहीं की जा सकती, जिससे समाज बनता है। उन्होंने कहा कि संसार में सब कुछ मिलना संभव है लेकिन मा नहीं मिल सकती। यदि बेटियों को नहीं बचाया तो मा कहा से लाएंगे। इसलिए समाज के लिए बेटियों का सुशिक्षित व संस्कारवान होना जरूरी है। यह हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि लड़कियों को शिक्षा से संबंधित सभी सुविधाएं मिलें। उन्होंने छात्राओं को सुकन्या, सुरक्षा, साक्षरता, स्वास्थ्य, समानता एवं स्वाभिमान के लिए प्रेरित किया। उन्होंने छात्राओं को स्वस्थ रहने के हेल्थ टिप्स भी दिए। विशेष शिविर में छात्राओं को संबोधित करते हुए पैनल एडवोकेट अंजू रानी ने कहा कि लड़कियों को बचाने के लिए सिर्फ अभियान चलाने से काम नहीं चलेगा बल्कि उनको सामाजिक सुरक्षा देने के लिए आगे आना होगा। लड़कियों को समाज में उचित स्थान दिलाने के लिए जागरूकता की आवश्यकता है। उन्होंने सरकार द्वारा दी जा रही अनेक सुविधाओं जैसे महिला हेल्पलाइन नंबर व स्वयं रक्षा, दुर्गा शक्ति एप तथा अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने आदि के विषय में विस्तार से बताया। मंच संचालन प्रवीन कुमारी ने किया तथा उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शपथ भी दिलाई।
इस मौके पर स्कूल की प्राचार्या तारावती जून, विरेंद्र सिंह, प्राध्यापक सुशीला सागवान आदि मौजूद थे।