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घर वापसी की बजाय इन वर्करों ने दी काम को तवज्जो, ऐसे कर्मचारियों की बदौलत फुटवियर पार्क में करीब 100 फैक्ट्रियों में चल रहा उत्पादन

कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन की संभावना के चलते बहादुरगढ़ से हजारों की संख्या में कामगार घर वापसी कर गए। कामगारों के चले जाने से तथा दिल्ली से कच्चा माल न मिले पाने की वजह से करीब 70 फीसद फैक्ट्रियां बंद हो गई या फिर उत्पादन काफी कम हो गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 May 2021 07:30 AM (IST)Updated: Sat, 01 May 2021 07:30 AM (IST)
घर वापसी की बजाय इन वर्करों ने दी काम को तवज्जो, ऐसे कर्मचारियों की बदौलत फुटवियर पार्क में करीब 100 फैक्ट्रियों में चल रहा उत्पादन
घर वापसी की बजाय इन वर्करों ने दी काम को तवज्जो, ऐसे कर्मचारियों की बदौलत फुटवियर पार्क में करीब 100 फैक्ट्रियों में चल रहा उत्पादन

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

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कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन की संभावना के चलते बहादुरगढ़ से हजारों की संख्या में कामगार घर वापसी कर गए। कामगारों के चले जाने से तथा दिल्ली से कच्चा माल न मिले पाने की वजह से करीब 70 फीसद फैक्ट्रियां बंद हो गई या फिर उत्पादन काफी कम हो गया। मगर इन सबके बीच ऐसे भी कामगार हैं जो इस महामारी के दौर में भी अपने काम पर न केवल डटे हुए हैं बल्कि फैक्ट्रियों का पहिया भी नहीं थमने दे रहे हैं। इन कामगारों के इस जज्बे की वजह से ही फुटवियर पार्क में करीब 100 फैक्ट्रियां ऐसी हैं, जहां पर अब भी काम चल रहा है। हालांकि इन फैक्ट्रियों 50 फीसद वर्करों के साथ काम किया जा रहा है जिससे उत्पादन कम जरूर हुआ है लेकिन कामगारों के इस हौसले ने फैक्ट्रियों मालिकों को काफी राहत पहुंचाई है। फैक्ट्रियों के ऑर्डर पूरे होने में कुछ देरी तो जरूर हो रही है लेकिन काम के प्रति कामगारों की ओर से दिखाए गए इस जज्बे के कारण उन्होंने एक भी ऑर्डर रद नहीं होने दिया है। उधर, फैक्ट्री संचालकों की ओर से भी कामगारों को खान-पान, रहन-सहन व बीमार होने पर इलाज का पूरा भरोसा दिया जा रहा है। उन्हें मोटिवेट किया जा रहा है। किसी तरह की परेशानी नहीं होने देने का पूरा आश्वासन दिया जा रहा है।

कोरोना से बचाव रखते हुए काम बहुत जरूरी: विनोद

यूपी के गोरखपुर से विनोद ने बताया कि वह कई सालों से बहादुरगढ़ फुटवियर पार्क में काम करता है। इस समय एसएलवी शूज कंपनी में सुपरवाइजर के रूप में कार्यरत है। लॉकडाउन के भय से जब सब काम छोड़कर जा रहे थे उस दौरान फैक्ट्री मालिक की ओर से उन्हें पूरा भरोसा दिया गया था। ऐसे में मैं ही नहीं बल्कि 100 से ज्यादा कामगार भी काम कर रहे हैं। पूरी सावधानी के साथ सभी कामगार अपना सौ फीसद पहले की तरह की काम कर रहे हैं। घर वापस जाकर बीमारी से बच जाएंगे, इसका भरोसा नहीं, इसलिए काम को दी तवज्जो:

यूपी के मथुरा निवासी अनुपम शर्मा ने बताया कि काफी संख्या में वर्कर घर चले गए हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि घर जाकर क्या इस बीमारी से बच जाएंगे। वहां भी तो बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। काम करेंगे तो परिवार का गुजर-बसर होगा। लॉकडाउन की संभावना को लेकर हम चितित हो हुए थे लेकिन जैसे ही चिता का माहौल बना तो फैक्ट्री मालिकों की ओर से उन्हें समझाया और हर परिस्थिति में साथ देने का भरोसा दिया तो हमने काम को ही तवज्जो दी। मैं यहां सुपरवाइजर का काम करता हूं और काफी संख्या में वर्कर भी उनके साथ काम कर रहे हैं। काम कम जरूर हुआ लेकिन बहुत से कामगारों के जज्बे के कारण ऑर्डर हो रहे पूरे:सचिन

एसएलवी शूज कंपनी के मालिक सचिन अग्रवाल ने बताया कि लॉकडाउन की संभावना के चलते काफी संख्या में कामगार चले गए। कोरोना महामारी के इस दौर में पिछले साल की तरह फैक्ट्री चलाना मुश्किल सा हो गया। हमारे यहां करीब 600 कामगार काम करते थे। जैसे ही कामगार जाने लगे तो उन्होंने उन्हें मोटिवेट किया। हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। ऐसे में काफी संख्या में कामगार चले गए लेकिन करीब 100 कामगार ऐसे हैं जिन्होंने हमारा साथ दिया और वे काम के प्रति डेडिकेटिड हैं। इस वजह से उनकी फैक्ट्री के ऑर्डर पूरे हो रहे हैं। कामगारों की वजह से अब भी घूम रहा करीब 100 फैक्ट्रियों का पहिया: छिकारा

बहादुरगढ़ फुटवियर पार्क एसोसिएशन के वरिष्ठ उपप्रधान नरेंद्र छिकारा ने बताया कि बहादुरगढ़ से हजारों कामगार घर लौट गए हैं, मगर हजारों की संख्या में कामगारों ने काम को भी तवज्जो दी है। इसी वजह से यहां पर करीब 100 फैक्ट्रियों में अब भी काम चल रहा है। हां इनमें कामगारों की संख्या कम रहने से उत्पादन पर प्रभाव जरूर पड़ा है, मगर ऑर्डर पूरे हो रहे हैं जो राहत की बात है।


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