किसानों के लिए सड़क पर शुरू किया अस्पताल, हर रोज 200 से ज्यादा की ओपीडी, नींद पूरी न लेने और उचित खान न होने से किसानों में मिल रही शुगर व बीपी की शिकायत
- अस्पताल के चिकित्सक बोले आंदोलन की वजह से तनाव में हैं किसान
- अस्पताल के चिकित्सक बोले आंदोलन की वजह से तनाव में हैं किसान, जिसकी वजह से भी बढ़ रहा शुगर व बीपी का लेवल फोटो- 7,8,9,10 व 11:
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
बहादुरगढ़ बाईपास के नजफगढ़ रोड फ्लाईओवर पर खालसा मिशन चैरिटेबल सोसायटी की ओर से एक किसान अस्पताल बनाया गया है। सड़क पर टेंट में ही यह अस्पताल बनाया गया है। अस्पताल में इमरजेंसी के अलावा सामान्य वार्ड भी बनाया गया है। इसके अलावा दवाइयों के साथ-साथ अस्पताल में लेबोरेट्री भी बनाई गई है। अस्पताल में दो चिकित्सा विशेषज्ञ हर समय तैनात रहते हैं। साथ ही पांच-छह पैरामेडिकल स्टाफ भी मौजूद रहता है। गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए इमरजेंसी वार्ड बनाया है। अगर किसी की ज्यादा तकलीफ ज्यादा होती है तो उसके लिए दो एंबुलेंस की सुविधा भी है, जिसकी मदद से उन्हें पीजीआइ रोहतक या अन्य अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है। अस्पताल में मरीजों की जांच करने के लिए जम्मू से आई डा. बवमीत ने बताया कि ठंड अधिक होने और खानपान अच्छा न होने की वजह से अधिकांश किसानों में बीपी व शुगर का लेवल बढ़ा हुआ मिलता है। पेट में गैस बनने की शिकायत भी है। उनकी ओपीडी हर रोज करीब 200 तक पहुंच जाती है। इसमें 20 से 50 फीसद किसान ऐसे होते हैं जिनका बीपी व शुगर बढ़ा हुआ मिलता है। यह लेवल 200 तक पहुंच जाता है। डा. बवमीत ने बताया कि अधिकांश किसान नींद पूरी नहीं आने के कारण इन बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। यहां पर अधिक ठंड है। तनावपूर्ण स्थिति होने की वजह से किसान पूरी नींद नहीं ले पाते हैं। मुश्किल से चार-पांच घंटे ही सो पा रहे हैं। खाना-पीना भी अच्छे से नहीं हो पा रहा है। ऐसे में लोग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इसी वजह से खालसा मिशन चैरिटेबल सोसायटी की ओर से यह अस्पताल चालू किया गया। इसमें हर रोज करीब 200 किसानों की जांच की जाती हैं। अगर बीमारी ज्यादा हो तो उन्हें इमरजेंसी वार्ड में रखा जाता है। अगर किसी को चार-पांच घंटे या एक-दो दिन के लिए भर्ती करने की जरूरत है तो उसे भर्ती भी किया जाता है। अति गंभीर स्थिति में एंबुलेंस लगाई गई हैं ताकि उन्हें रेफर किया जा सके। अस्पताल में दूसरे डा. अंचित हैं, जो मेडिसिन विशेषज्ञ हैं। अस्पताल के हेड हरविदर ने बताया कि अस्पताल में तमाम तरह की सुविधाएं दी गई हैं। किसानों को किसी तरह की परेशानी न आए और उनका इलाज अच्छे से हो सके तो यहां पर दवाइयों के साथ-साथ इलाज भी मुफ्त में किया जाता है।