जीएसटी नंबर में फर्जीवाड़ा, कारपेंटर की आइडी पर हुआ पांच फर्मों का जीएसटी रजिस्ट्रेशन
जीएसटी नंबर को लेकर एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। बहादुरगढ़ के रहने वाले एक कारपेंटर की आइडी पर फर्जी तरीके से पांच फर्मो के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवा लिया गया। इनमें से दो फॉर्म दिल्ली की हैं।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : जीएसटी नंबर को लेकर एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। बहादुरगढ़ के रहने वाले एक कारपेंटर की आइडी पर फर्जी तरीके से पांच फर्मो के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवा लिया गया। इनमें से दो फॉर्म दिल्ली की हैं। एक पानीपत की और एक ग्वालियर की। पांचवीं बंद हो चुकी है। दिल्ली की फर्म से तो इसी जीएसटी नंबर के आधार पर 11 करोड़ का कारोबार हो रखा है। कारपेंटर जब खुद का जीएसटी नंबर लेने पहुंचा तब इस फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हुआ। पुलिस ने अब केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार बहादुरगढ़ की काठमंडी के रहने वाले राकेश ¨सह कारपेंटर हैं। वे अपना जीएसटी नंबर लेने के लिए सीए के पास गए थे। उन्होंने अपना पैन कार्ड और आधार कार्ड उन्हें दे दिया। मगर तब वे दंग रह गए जब सीए ने बताया कि उनके पैन कार्ड के आधार पर तो पहले से ही पांच फर्मो के लिए जीएसटी नंबर लिया गया, जो कि व्यापार कर रही हैं। इनमें से एक बंद हो चुकी है। दिल्ली की एक फर्म ने तो फर्जीवाड़ा कर जो जीएसटी नंबर लिया उसके आधार पर अब तक 11 करोड़ का कारोबार भी कर लिया है। कई लोगों को उसने माल बेचा हुआ है। इसका पता लगते ही सीए और राकेश दोनों विभाग के ऑफिस पहुंचे। पहले पानीपत गए। वहां से उन्हें दिल्ली भेजा गया। दिल्ली में जीएसटी आयुक्त कार्यालय में उन्होंने आप बीती सुनाई। इस पर कारपेंटर को स्थानीय पुलिस थाने में एफआइआर दर्ज करवाने की सलाह दी गई और उसी के आधार पर विभागीय तौर पर जांच शुरू करने की बात कही। इधर राकेश ने बहादुरगढ़ पहुंचकर लाइन पार थाना पुलिस को शिकायत दी। जिस पर पुलिस ने तुरंत केस दर्ज कर लिया। हालांकि पुलिस ने अभी तक संबंधित फर्मो पर दबिश नहीं दी है। इसके लिए टीम गठित कर दी गई है। जिन फर्मों के लिए फर्जीवाड़ा करके जीएसटी नंबर लिया गया है उनके नाम और पते संबंधित विभाग ने पुलिस को दे दिए हैं। इधर, पीड़ित को शक है कि जिन फर्मो के लिए फर्जी तरीके से जीएसटी नंबर लिए गए हैं वे किसी बैंक या वित्तीय संस्थान से लोन लेकर भी भाग सकते हैं और उसे फंसा सकते हैं। कारपेंटर ने अपनी शिकायत में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जीएसटी नंबर अलॉट करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है। ----मैं अपना जीएसटी नंबर लेने गया था, तब इसका पता लगा। अब संबंधित विभाग और पुलिस ही इस मामले में पता लगा सकते हैं कि यह फर्जीवाड़ा किसने और कैसे किया।
--राकेश, कारपेंटर ---धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज करके छानबीन की जा रही है। जल्द ही संबंधित फर्मो के पते पर पुलिस टीम जाएगी। उसके बाद जांच आगे बढ़ेगी।
--अमित कुमार, एसएचओ, लाइन पार थाना