डीजल और पेट्रोल के दामों में वृद्धि के 3खलाफ थाली बजाकर किसान संगठनों ने सौंपा ज्ञापन
भारतीय किसान यूनियन ने सहयोगी किसान संगठनों के साथ मिलकर देश में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के विरोध किया है। संगठन के सदस्यों ने थाली-ताली बजाकर एसडीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया तथा प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : भारतीय किसान यूनियन ने सहयोगी किसान संगठनों के साथ मिलकर देश में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के विरोध किया है। संगठन के सदस्यों ने थाली-ताली बजाकर एसडीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया तथा प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
संगठन सदस्य चौधरी प्रताप सिंह छिल्लर, चौधरी रणबीर छिल्लर, सुखबीर सिंह, प्रदीप धनखड़, डा. शमशेर सिंह, शमशेर खत्री, अशोक, वजीर सिंह राठी ने आदि ने डीजल-पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग की है, ताकि बढ़ती हुई दरों पर नियंत्रण लगे। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार ने किसान सम्मान निधि आंशिक राशि जारी करने की घोषणा की है जो पेट्रोल पंप पर बढ़ी हुई डीजल दरों के साथ सम्मान के साथ लौटाई जा रही है। सिचाई सुविधा कम होने के कारण हरियाणा में ज्यादातर फसलें डीजल की मदद से ही सिचित होती है। ऐसे में कोरोना काल में मजदूरों के अभाव में खेती में बढ़ती लागत के साथ डीजल में बढ़ोतरी कमर तोड़ने वाली साबित हो रही है। किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। संगठन के सदस्यों ने कहा कि सरकार होश में नहीं आई और तेल के बढ़े दाम वापस नहीं लिए तो भाजपा के सभी प्रतिनिधियों का उनके गृह क्षेत्र में घुसने पर विरोध प्रदर्शन होगा। किसान विरोधी नीतियों के कारण ही हमारे संगठन को बरोदा उपचुनाव में अन्य किसान संगठनों के साथ भाजपा के विरोध में प्रचार करना पड़ेगा।