15 किलोमीटर में फैले आंदोलन की भूल-भुलैया में न उलझे पंजाब से आने वाले किसान, इसीलिए लगाए संकेतक बोर्ड
तीनों कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर 54 दिन से आंदोलन कर रहे हैं
तीनों कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर 54 दिन से आंदोलन कर रहे हैं फोटो-14: जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
किसानों का आंदोलन हर रोज नए रंग दिखा रहा है। किसान तीनों कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर 54 दिन से आंदोलन कर रहे हैं, मगर कोई हल होता नहीं दिख रहा है। ऐसे में किसान अपने मोर्चे पर डटे रहने के लिए स्थायी ठिकाना बनाने में जुट गए हैं। किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। आंदोलन को तेज करने के लिए किसानों के जत्थे भी बार-बार बदल रहे हैं। पंजाब के गांवों से आने वाला जत्था एक सप्ताह या 10 दिन में बदल जाता है। ऐसे में पंजाब से आने वाले किसान करीब 15 किलोमीटर में फैले इस आंदोलन में भूल-भुलैया में ना उलझे और उन्हें अपने पंडाल तक पहुंचने में कोई परेशानी ना हो इसीलिए किसानों ने पूरे बाईपास पर जगह-जगह संकेतक बोर्ड लगा दिए हैं। जहां गांव का जत्था डेरा जमाए बैठा है, वहीं पर सड़क किनारे संबंधित गांव का संकेतक बोर्ड लगा दिया गया है। इसके अलावा कुछ किसानों ने अपने बोर्ड बाईपास पर भी लगा दिए हैं। उसमें लिखा भी गया है कि इस गांव का जत्था या गांव यहां से कितनी दूरी, किस दिशा में है। ऐसे में पंजाब से रेल, बस और अन्य वाहनों के जरिए पहुंचने वाले किसान बाईपास पर पहुंचते ही तुरंत यह पता लगा लेते हैं कि उनका जत्था यहां से कितनी दूर है और कहां पर वह पंडाल जमाए बैठा है। बठिडा जिले के किराडवाला से देवेंद्र सिंह, मान सिंहवाला के गुरदीप सिंह, सरपंच सुखचैन सिंह व गुरवंत सिंह भुल्लर ने बताया कि ये संकेतक लगाने से उनके गांव से आने वाले किसानों को काफी सहूलियत मिलती है और वे आसानी से अपने पंडाल तक पहुंच जाते हैं।