अधिकारियों की बेरुखी के कारण विज्ञापन की मद में नप को लाखों का नुकसान
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: नगर परिषद की ओर से विज्ञापन का ठेका एक साल के लिए आखिर
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
नगर परिषद की ओर से विज्ञापन का ठेका एक साल के लिए आखिरकार आवंटित कर दिया गया है। विज्ञापन का ठेका इस बार करीब सवा 23 लाख रुपये सालाना के हिसाब से आवंटित किया गया है। जनवरी माह में जहा विज्ञापन का टेडर करीब 31 लाख रुपये में छोड़ा गया था वहीं अब 23 लाख रुपये में आवंटित किए जाने की वजह से सीधे तौर पर करीब 8 लाख रुपये नगर परिषद को घाटा हुआ है। वहीं ठेका आवंटित करने में देरी होने की वजह से भी नप को कई लाख रुपये की चपत लग गई। विज्ञापन के मद से होने वाली आय में इतनी चपत लगने की जिम्मेदारी कोई लेने को तैयार नहीं है। उधर, जिस कंपनी को टेंडर अलाट किया गया है उसने ठेके की शर्त अनुसार पहली तिमाही की किश्त जमा करवा दी है और शहर में यूनीपोल भी लगाने शुरू कर दिए है। विज्ञापन का ठेका छोड़े जाने की वजह से अब शहर में विज्ञापन के अवैध कारोबार पर अंकुश लग जाएगा। जनवरी माह में 31 लाख रुपये आई थी बिड, समय पर स्वीकृति न मिलने पर ठेकेदार ने छोड़ दिया था ठेका:
शहर की सीमा में अधिकारिक रूप से विज्ञापन लगाने के लिए इस साल जनवरी माह में टेडर खोल दिया गया था। 38 स्थानों पर विज्ञापन लगाने के लिए उस समय करीब 31 लाख रुपये की बिड एक कंपनी ने भरी थी। सिरसा की इस कंपनी को यह टेडर अलाट करने के लिए स्वीकृति बाबत उपायुक्त को फाइल भेजी गई थी लेकिन कई माह यह फाइल उपायुक्त कार्यालय के चक्कर काटती रही। काफी जद्दोजहद के बाद कुछ माह बाद जब उपायुक्त की ओर से स्वीकृति दी गई तो बिड भरने वाली कंपनी के ठेकेदार ने टेडर लेने से मना कर दिया था। ऐसे में नप की ओर से दोबारा से टेडर लगाया गया। दो-तीन बार टेडर लगाने के बाद अब जाकर 23 लाख 25 हजार 600 रुपये में पायनियर कंपनी को विज्ञापन टेडर का वर्क आर्डर दिया है। यानी पहले टेडर से इस बार करीब 8 लाख रुपये की राशि नगर परिषद को कम मिलेगी। साथ ही समय पर टेडर अलाट न होने से नप को लाखों रुपये की चपत लग गई सो अलग।
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विज्ञापन के ठेके का वर्क आर्डर दे दिया गया है। करीब 23 लाख रुपये सालाना विज्ञापन मद से नप को आय होगी। उन्होंने कहा कि विज्ञापन का ठेका छोड़े जाने के बाद अब शहर में अवैध रूप से लगाए जा रहे विज्ञापनों का बाजार भी बंद हो जाएगा।
- अपूर्व चौधरी, कार्यकारी अधिकारी, नप।