सीवर जाम होने से सिविल अस्पताल के प्रांगण में भर रहा गंदा पानी
शहर के सिविल अस्पताल के काफी हिस्से में सीवरेज का गंदा पानी भरा हुआ है। इससे दिनभर यहां दुर्गंध का वातावरण रहता है। इस समस्या से न केवल मरीज बल्कि उनके तीमारदार भी परेशान हैं। अस्पताल प्रबंधन ने भी कई बार जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर व मौखिक तौर पर शिकायत दी है लेकिन उसके बाद भी कोई सुध अब तक नहीं ली गई है। सीवर जाम से गंदा पानी खड़ा होने की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: शहर के सिविल अस्पताल के काफी हिस्से में सीवरेज का गंदा पानी भरा हुआ है। इससे दिनभर यहां दुर्गध का वातावरण रहता है। इस समस्या से न केवल मरीज बल्कि उनके तीमारदार भी परेशान हैं। अस्पताल प्रबंधन ने भी कई बार जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर व मौखिक तौर पर शिकायत दी है लेकिन उसके बाद भी कोई सुध अब तक नहीं ली गई है। सीवर जाम से गंदा पानी खड़ा होने की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।
अस्पताल के मुख्य गेट के आसपास से लेकर ब्लाक डी की बिल्डिंग के साथ काफी गंदा पानी भरा हुआ है। दिन-प्रतिदिन यहां पर सीवरेज लाइनों से निकलने वाले गंदे पानी की मात्रा बढ़ती जा रही है। अब तो स्थिति यह हो गई है कि यहां सड़क जो पहले से ही खस्ताहाल थी, वह भी काफी बदतर हो गई है। सीवरेज पानी के भरने से रोड़ी पूरी तरह से निकल गई हैं। गंदे पानी के बीच से होकर लोगों को निकलना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि अस्पताल के साथ लगते बराही रोड की तरफ के क्षेत्र में कहीं पर सीवरेज लाइन जाम पड़ी है और इसके चलते पीछे से पानी के दबाव के चलते लाइन से गंदा पानी ओवर फ्लो होकर अस्पताल परिसर में भर रहा है। अस्पताल में आए प्रदीप, सतीश, सुरेश, मोहन व नरेंद्र आदि ने कहा कि जब सिविल अस्पताल में ही गंदे पानी की समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है तो अन्य क्षेत्रों में पनपी समस्याओं को लेकर अधिकारी कितने गंभीर हैं यह उनकी कार्यशैली को दर्शा रहा है।
--सीवरेज लाइन ब्लाक होने से अस्पताल में भरे गंदे पानी की समस्या के निदान को लेकर जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कई बार पत्र लिखा जा चुका है। यहां तक कि मौखिक तौर पर अवगत भी कराया गया है लेकिन उसके बाद भी कोई समाधान नहीं हुआ है। लगातार गंदा पानी अस्पताल में भरता जा रहा है, जिससे आने-जाने वालों को भी परेशानी होने लगी है।
-- डा. जितेंद्र कादियान, पीएमओ, सिविल अस्पताल।