दहकौरा में 10 साल पहले आवंटित हुए सौ-सौ वर्ग गज के प्लाटों पर अब तक नहीं मिला कब्जा
गांव दहकौरा में महात्मा गांधी बस्ती योजना के तहत वर्ष 2009 में आवंटित किए गए सौ-सौ वर्ग गज के प्लाटों पर लाभार्थियों को अब तक कब्जा नहीं मिल सका है। लाभार्थी प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, मगर उन्हें अब तक कहीं से भी कोई उचित आश्वासन नहीं मिला है। प्लाट लाभार्थी मंगलवार को बीडीपीओ कार्यालय में पहुंचे और कार्यालय में ज्ञापन देकर प्लाटों का कब्जा दिलाने की मांग की है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:
गांव दहकौरा में महात्मा गांधी बस्ती योजना के तहत वर्ष 2009 में आवंटित किए गए सौ-सौ वर्ग गज के प्लाटों पर लाभार्थियों को अब तक कब्जा नहीं मिल सका है। लाभार्थी प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, मगर उन्हें अब तक कहीं से भी कोई उचित आश्वासन नहीं मिला है। प्लाट लाभार्थी मंगलवार को बीडीपीओ कार्यालय में पहुंचे और कार्यालय में ज्ञापन देकर प्लाटों का कब्जा दिलाने की मांग की है।
बीडीपीओ कार्यालय में आई दहकौरा निवासी निर्मला पंच, ज्योति पंच, माया, रीना, प्रमिला, सरोज, ओमदेवी, संगीता, मूर्ति, इंद्रावती, कृष्णा, भतेरी, मधु, दया, सुनीता, सावित्री, इशवंती आदि ने बताया कि वर्ष 2009 में महात्मा गांधी योजना के 82 लोगों को 100-100 वर्ग गज के प्लाट आवंटित किए गए थे। वर्ष 2011 में उनके प्लाटों की रजिस्ट्री भी हो गई थी। मगर 10 साल बीत जाने के बाद भी उन्हें प्लाटों पर कब्जा नहीं मिला है। जब उन्होंने वर्तमान सरपंच से प्लाटों की निशानदेही की बात कही तो उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। कोर्ट के माध्यम से रजिस्ट्री की प्रतियां भी निकलवाकर सरपंच को दी लेकिन सरपंच प्लाटों की निशानदेही नहीं की। उन्होंने कहा कि उनके पास कोई जमीन भी नहीं है। जिस जमीन पर प्लाट आवंटित किए गए थे वहां से पिछली सरपंच ने मिट्टी उठवा दी थी और अब वहां पर मृत पशु दबाए जा रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें जल्द से जल्द प्लाट आवंटित किए जाएं। वर्जन..
गांव में प्लाट आवंटित किए जाने वाली जमीन दूसरी है और जिस जमीन की रजिस्ट्री हुई है वह कोई और है। ऐसे में ये प्लाट विवादित हो गए हैं। जब तक यह विवाद नहीं सुलझ जाएगा तब तक मैं प्लाटों पर कब्जा देने की कार्रवाई नहीं हो सकती। दूसरा जो लिस्ट प्लाट लाभार्थियों की है उसमें ऐसे लोग भी शामिल हैं जो योजना की शर्तो को भी पूरा नहीं करते हैं और वे साधन-संपन्न हैं।
----आजाद, सरपंच, दहकौरा। दहकौरा में प्रशासन की ओर से सौ-सौ गज के प्लाट आवंटित कर दिए गए थे। अब प्लाटों पर कब्जे और निशानदेही का विवाद है तो लाभार्थी तहसीलदार से कमीशन नियुक्त करवाकर अपना कब्जा ले सकता है। अगर लाभार्थियों ने उनके कार्यालय में कोई ज्ञापन दिया है तो एसडीएम के माध्यम से डीसी से आगामी कार्रवाई की अनुमति ले लेंगे। जो भी कार्रवाई प्रशासन की ओर से बनेगी उसे कर दिया जाएगा।
---रामफल, बीडीपीओ, बहादुरगढ़।