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बेसहारा पशुओं का सड़कों पर बसेरा, वाहनों के टकराने से हो रहे हादसे

बेसहारा पशुओं का सड़कों पर बसेरा वाहनों के टकराने से हो रहे हादसे

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Aug 2019 01:51 AM (IST)Updated: Mon, 12 Aug 2019 06:33 AM (IST)
बेसहारा पशुओं का सड़कों पर बसेरा, वाहनों के टकराने से हो रहे हादसे
बेसहारा पशुओं का सड़कों पर बसेरा, वाहनों के टकराने से हो रहे हादसे

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : शहर में एक बार फिर से बेसहारा पशुओं की संख्या बेतहाशा बढ़ गई है। जहां देखों वही सड़कों पर इन पशुओं का बसेरा है। अक्सर ये पशु वाहनों से टकरा रहे हैं। इससे हादसे हो रहे हैं। शहर में कई लोगों की इन पशुओं की टक्कर से जान भी जा चुकी है। वहीं कई दुपहिया वाहन चालक इनकी टक्कर से जख्मी हो चुके हैं। इन हालातों में प्रशासन की तरफ से इस समस्या का कोई समाधान नहीं किया जा रहा है।

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विगत में प्रशासन की ओर से एक बार स्ट्रे कैटल अभियान चलाया गया था। शहर से सभी बेसहारा पशुओं को पकड़कर इधर-उधर गोशालाओं में भेजा गया था। इससे एक बार तो कुछ दिनों के लिए सड़कों पर ये पशु नजर नहीं आए, मगर अब फिर से हालात पहले जैसे बन गए हैं। दिल्ली-रोहतक रोड हो, नजफगढ़ रोड, रेलवे रोड, झज्जर रोड या फिर दूसरा कोई प्रमुख रोड और सार्वजनिक स्थल, सभी जगहों पर 24 घंटे ये पशु नजर आते हैं। बड़ी दिक्कत तो यह है कि अक्सर ये पशु दिल्ली-रोहतक रोड पर बैठे मिलते हैं। इससे वाहनों के लिए रास्ता भी तंग हो जाता है। अब पशु तो पशु हैं, कहां बैठना है, उस तो यह मालूम नहीं। मगर प्रशासन का इस तरफ ध्यान न होना लोगों की परेशानी को बढ़ा रहा है। ----शहर में हो चुके हैं कई हादसे इन बेसहारा पशुओं के कारण कई हादसे हो चुके हैं। अकेले लाइन पार क्षेत्र में ही सड़क से गुजरते दो लोगों को बेसहारा पशुओं ने टक्कर मार दी थी। इससे कुछ दिनों बाद उनकी मौत हो गई थी। इन पशुओं की टक्कर से लोगों के जख्मी होने के तो कई मामले हैं। गाड़ी और दुपहिया वाहनों से भी ये पशु अक्सर टकरा जाते हैं। महीने में ऐसे एक या दो हादसे तो होते ही रहते हैं। ----शहर वासी बोले, कब मिलेगी मुक्ति शहर के महाबीर पार्क निवासी राजेंद्र ने बताया कि वैसे तो पुराना कोर्ट परिसर के पास इन पशुओं का झुंड रहता है, मगर दिन में ये अक्सर दिल्ली-रोहतक रोड पर आ जमते हैं। वही जटवाड़ा निवासी मुकेश के अनुसार सब्जी मंडी के सामने झज्जर रोड पर तो अक्सर ये पशु मिल जाते हैं। कई बार जब इनमें टकराव होता है तो राहगीरों के लिए भी आफत खड़ी हो जाती है। पता नहीं इस समस्या से कब निजात मिलेगी। ---नप बोर्ड की मीटिग में इस मसले पर दो प्रस्ताव पारित किए गए हैं। एक तो नंदीशाला बनाई जाएगी। जहां पर बैल और सांड रखे जाएंगे। दूसरा जितनी भी गाय हैं, उनको गोशाला में भेजा जाएगा। यह कार्य जल्द ही होगा।

--डा. विजयपाल, ईओ, नगर परिषद


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