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मेट्रो यार्ड लाइन की दिसंबर माह तय की डेडलाइन, 8 पिलरों का बेस तैयार, 7 की चल रही का¨स्टग

सेक्टर 9 बाईपास के पास बने मेट्रो यार्ड की लाइन के पिलर का¨स्टग का काम अब अंतिम दौर में पहुंच गया है। काम में तेजी होने की वजह से मेट्रो ने अब इस यार्ड लाइन की डेडलाइन दिसंबर माह तय कर दी है। मेट्रो की ओर से

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 11:51 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 11:51 PM (IST)
मेट्रो यार्ड लाइन की दिसंबर माह तय की डेडलाइन, 8 पिलरों का बेस तैयार, 7 की चल रही का¨स्टग

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़:

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सेक्टर-9 बाईपास के पास बने मेट्रो यार्ड की लाइन के पिलर का¨स्टग का काम अब अंतिम दौर में पहुंच गया है। काम में तेजी होने की वजह से मेट्रो ने अब इस यार्ड लाइन की डेडलाइन दिसंबर माह तय कर दी है। मेट्रो की ओर से 8 पिलरों का बेस तैयार कर दिया है जबकि 7 अन्य पिलरों की का¨स्टग का काम तजी से चल रहा है। दिसंबर तक सिविल वर्क पूरा होने के बाद मेट्रो ट्रेन हर रोज रात के समय यार्ड में ही खड़ी की जा सकेंगी और बहादुरगढ़ से इंद्रलोक स्टेशन के लिए ट्रेन की सुविधा शुरू हो जाएगी। फिलहाल मेट्रो की ओर से कीर्तिनगर के लिए ही मेट्रो ट्रेन की सुविधा चालू है।

एमआइई स्टेशन से लेकर बाईपास तक यार्ड को जोड़ने के लिए 15 पिलर और बनाए जाने हैं। एमआइई स्टेशन से लेकर जेजे अस्पताल तक 11 और बाकी के यार्ड लाइन के शेष हिस्से में बनाए जाने हैं। एक पिलर बनाने के लिए एक स्थान पर चार-चार बो¨रग किए जा रहे हैं और इन चारों से एक बेस तैयार कर उस पर पिलर बनाया जाएगा। हर बो¨रग की ग्राउंड लेवल से करीब 35 फीट की गहराई होगी। जहां-जहां खुदाई का काम किया जा रहा है वहां पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध भी डीएमआरसी की ओर से किए गए हैं। दिसंबर तक सभी पिलर खड़े करके यार्ड लाइन तैयार कर दी जाएगी। गौरतलब है कि मेट्रो यार्ड लाइन की जमीन के अधिग्रहण का मामला काफी लंबे समय से अटका हुआ था। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की डबल बैंच में शामिल जस्टिस राजेश ¨बदल और जस्टिस गुर¨वद्र ¨सह गिल ने सितंबर 2017 में इस जमीन के अधिग्रहण को रद कर दिया था। हाईकोर्ट ने उस समय एचएसवीपी को दुकानदारों को सीधे तौर पर मनाने के लिए छह माह का समय दिया था लेकिन इस दौरान जमीन के रेट को लेकर सरकार सौदा तय नहीं कर पाई थी। इसी के चलते मई माह में सरकार व एचएसवीपी ने मिलकर सुप्रीम कोर्ट में अधिग्रहण रद किए जाने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिवादी पक्ष को स्टे नोटिस जारी किया था, जिस पर मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। इसी जमीन की वजह से मुंडका-बहादुरगढ़ मेट्रो के परिचालन में देरी हुई थी। यार्ड लाइन का काम पूरा न होने की वजह से अब तक मेट्रो कीर्तिनगर तक ही सीधे जा रही है। इंद्रलोक जाने के लिए मुंडका से ट्रेन बदलनी पड़ रही है। अगर यार्ड लाइन बन जाएगी तो यहां से सीधे इंद्रलोक भी ट्रेन शुरू हो जाएगी। यह है मामला

दरअसल, सेक्टर-9 बाईपास के पास बन रहे मेट्रो यार्ड की लाइन के लिए बाईपास के साथ दिल्ली रोड पर राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ लगती जमीन का अधिग्रहण किया गया था। 50 से अधिक लोगों की करीब 4 हजार वर्ग गज जमीन के अधिग्रहण का अवार्ड 1 अप्रैल 2016 को सुनाया गया था। अवार्ड का दुकानदारों ने विरोध किया था। जमीन के रेट को लेकर दुकानदारों में रोष था। मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो हाई कोर्ट ने इस मामले का निपटारा करते हुए जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया को ही रद कर दिया था। बाद में इस प्रोजेक्ट को छोटा भी किया गया और दुकानदारों से रेट को लेकर मान-मनौव्वल भी की गई। बात सिरे नहीं चढ़ी तो पिछले दिनों हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों सरकार की ओर से बनाए गए प्रतिवादी पक्ष के लोगों को नोटिस स्टे जारी किए थे।

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यार्ड लाइन के लिए मेट्रो ने दिसंबर माह डेडलाइन तय की है। यहां पर काम तेजी से चल रहा है। 8 पिलरों का बेस तैयार हो चुका है। अन्य पिलरों पर का¨स्टग का काम भी तेज गति से किया जा रहा है। यहां पर 15 पिलर बनाए जाने हैं, जिन पर लाइन बनाई जाएगी।

- विकास ढांडा, संपदा अधिकारी, एचएसवीपी।


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