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पुलिस पार्टी पर भी हमला करने से नहीं चूकता था गैंगस्टर भंवर

ध की दुनियां मे सक्रिय था। लगातार संगीन अपराध करके इसने इलाके मे खौफ बना रखा था। मानेसर गांव में उसके खिलाफ कोई नहीं बोलता था। जो बोलता था उस पर हमला करा देता था। वह दसवीं पास था, उसके दो बच्चे हैं। घुड़सवारी का भी शौकीन था। कुछ साल पहले हादसे में उसके पैर मे चोट लग गई थी जिसके कारण यह लंगड़ाने ल

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 08:48 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 08:48 PM (IST)
पुलिस पार्टी पर भी हमला करने से नहीं चूकता था गैंगस्टर भंवर

सत्येंद्र ¨सह, गुरुग्राम

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वर्ष 2009 के अप्रैल माह में मानेसर थाना क्षेत्र में लूट की वारदात को अंजाम देकर भंवर ¨सह उर्फ भूदेव (35)ने अपराध की दुनिया में कदम रखा था। इस मामले में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा तो कुछ दिन बाद वह जमानत पर जेल से बाहर आया तो एक के बाद एक वारदात को अंजाम देने लगा। जबरन उगाही करने व रंगदारी नहीं देने पर कातिलाना हमला करना उसकी आदत बन चुकी थी। मानेसर में एक बार उसने पुलिसकर्मियों को बंधक बनाकर उनके साथ मारपीट की थी।

हत्या के प्रयास के एक मामले में उसे सात साल की सजा हुई तो सजा काटने के बाद भी उसने अपराध की दुनिया से नाता नहीं तोड़ा। इलाके के लोगों में कुख्यात बदमाश का खौफ था। कई मामलों में तो उसके खिलाफ गवाह मुकर गए, जिसके चलते वह बरी हो गया था। विगत दो सालों से विवादित जमीन पर कब्जा जमा खेती कराना पेशा बना चुका था। कुछ प्रॉपर्टी डीलर भी उसे अपना मोहरा बना रहे थे। मंगलवार को पुलिस मुठभेड़ में भंवर मारा गया तो मानेसर व आसपास के लोगों ने राहत की सांस ली होगी। क्योंकि वह लोगों के लिए खौफ बना हुआ था। इस मामले से पुलिस के लिए बना नासूर

करीब दस साल पहले मानेसर व समीपवर्ती गांव के किसानों की जमीन को पूर्ववर्ती सरकार ने अधिग्रहण कर बिल्डरों को बेच दी। कम मुआवजा मिलने पर किसानों ने अदालती लड़ाई लड़ी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 912 एकड़ जमीन को सरकार के हक में कर दिया था। यह निर्देश दिए थे कि जमीन बिल्डरों से ले ली जाए। जिसके बाद सरकार ने इस जमीन को एचएसआइआइडीसी को सौंपा था, जिसके तहत ही एचएसआइआइडीसी की टीम चौदह अगस्त को सर्वे करने पहुंची थी। 912 एकड़ जमीन के बीच में कुछ जमीन पर भंवर ने कब्जा कर फसल बो रखी थी। जमीन उसके कब्जे से जाए यह बात उसे अच्छी नहीं लगी थी। इसी मंशा के चलते उसने एचएसआइआइडीसी की सर्वे टीम में शामिल पटवारी ईश्वर ¨सह (55) के सीने व पेट में गोली मार हत्या कर दी थी। ईश्वर हिसार जिला के गांव शाहपुर के रहने वाले थे। एक गोली नूंह जिले के गांव मोहम्मदपुर अहीर निवासी एचएसआइआइडीसी में चालक बीरेंद्र (32) के हाथ में लगी थी। इस वारदात के बाद पुलिस ने भंवर पर एक लाख का इनाम घोषित किया था। अन्य जिलों में भी मामले दर्ज थे

भंवर के खिलाफ थाना मानेसर, सदर गुरुग्राम के अतिरिक्त दिल्ली व हिसार में भी हत्या, लूट, पुलिस पर जानलेवा हमला करने, जबरन उगाही करने के कई मामले दर्ज थे। उसके पास पिस्टल से लेकर एके-47 व अन्य कई हथियार थे। एके-47 को लेकर ली गई फोटो सोशल साइट पर डाल रखी थी। हालांकि पुलिस अभी एके-47 बरामद नहीं कर पाई है। गुर्गों के पकड़े जाने के बाद ही यह भी स्पष्ट होगा की एके-47 असली है या खिलौना रायफल तो नहीं। घुड़सवारी का भी शौकीन था

पिछले लगभग 10 साल से अपराध की दुनिया में सक्रिय था। लगातार संगीन अपराध करके इसने इलाके में खौफ बना रखा था। मानेसर गांव में उसके खिलाफ कोई नहीं बोलता था। जो बोलता था उस पर हमला करा देता था। मानेसर गांव का रहने वाला भंवर दसवीं पास था, उसके दो बच्चे हैं। घुड़सवारी का भी शौकीन था। कुछ साल पहले हादसे में उसके पैर मे चोट लग गई थी, जिसके कारण यह लंगड़ा कर चलता था।


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