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ड्राइंग की मंजूरी के बिना अटका फुट ओवर ब्रिज का निर्माण

ड्राइंग की मंजूरी के बिना अटका फुट ओवर ब्रिज का निर्माण

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 12:42 AM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 06:21 AM (IST)
ड्राइंग की मंजूरी के बिना अटका फुट ओवर ब्रिज का निर्माण
ड्राइंग की मंजूरी के बिना अटका फुट ओवर ब्रिज का निर्माण

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : रेलवे लाइनपार क्षेत्र को स्टेशन से जोड़ने वाले फुटओवर ब्रिज का निर्माण अब ड्राइंग की मंजूरी के बिना अटका हुआ है। इसकी फाउंडेशन तैयार की जा चुकी है, मगर आगे का काम ड्राइंग के आधार पर होना है। रेलवे के अधिकारी एक सप्ताह बाद इसके काम में तेजी आने का दावा कर रहे हैं।

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एक करोड़ से ज्यादा लागत से यह ब्रिज बनना है। दरअसल, रेलवे स्टेशन पर फुटओवर ब्रिज तो दो बने हुए हैं, मगर एक तरह से दोनों ही अधूरे हैं। जो ओवरब्रिज पहले बने था, वह केवल प्लेटफार्मो तक ही सीमित है। इससे स्टेशन के दोनों तरफ जाने का रास्ता नहीं है, जबकि दूसरे ओवरब्रिज का प्लेटफार्मो से जुड़ाव नहीं है। यह रेलवे स्टेशन के पूर्वी दिशा में वैश्य कालेज के ठीक सामने बना हुआ है। ऐसे में शहर के लाइनपार क्षेत्र के दैनिक रेल यात्रियों के लिए स्टेशन पर आना मुश्किलों भरा होता है। अब जो नया फुटओवर ब्रिज बनेगा, वह अत्याधुनिक होगा और रेलवे लाइनपार क्षेत्र को सभी प्लेटफार्मो से जोड़ेगा। डिजाइन बदलने से बढ़ गई थी लागत

शहर के लाइनपार में रहने वाले लोगों की सुविधा को ध्यान में देखते हुए रेलवे स्टेशन पर बनाए जाने वाले फुटओवर ब्रिज का डिजाइन व ड्राइंग रेलवे की अभियांत्रिकी शाखा की ओर से बदला गया था। पहले यह पुरानी तकनीकों के आधार पर ही बनाया जाना था लेकिन बाद में इसे आधुनिक तरीके से बनाना तय हुआ। इससे लागत बढ़ी। काम तो शुरू हुआ, मगर अब ड्राइंग की मंजूरी के बिना काम अटका हुआ है। यह मिलेगी सुविधा:

लाइनपार क्षेत्र से तीनों प्लेटफार्मो को जोड़ने वाले फुटओवर ब्रिज निर्माण की योजना है। इस फुटओवर ब्रिज के बनने से लाइनपार क्षेत्र के निवासियों को काफी सुविधा मिलेगी। उन्हें स्टेशन तक आने-जाने में आसानी होगी। मौजूदा हालतों में लोगों को या तो फुटओवर ब्रिज के जरिए काफी घूमकर आना पड़ता है या फिर जान जोखिम में डालकर लाइनों को पार करके स्टेशन तक पहुंचना पड़ता है। वर्जन..

फुट ओवर ब्रिज की ड्राइंग की मंजूरी के बिना काम अटका हुआ है। एक सप्ताह में यह अड़चन दूर हो जाएगी। उसके बाद इसका कार्य गति पकड़ेगा।

--रवींद्र सांगवान, एसएसई, रेलवे बहादुरगढ़।


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