छात्र संघ चुनावों से विकसित होगी स्वच्छ राजनीति
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : लंबे अर्से बाद हरियाणा प्रदेश फिर से छात्र राजनीति की तरफ
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
लंबे अर्से बाद हरियाणा प्रदेश फिर से छात्र राजनीति की तरफ लौटा है। सरकार इन चुनावों का विगत में ऐलान कर चुकी है। तारीख भले अभी तय नहीं, मगर छात्रों में खूब उत्साह है। छात्र संघ के चुनावों में प्रदेश का जो कड़वा अनुभव रहा है, यकीनन उसकी पुनरावृत्ति कोई नही चाहेगा। सभी की इच्छा है कि एक शातिपूर्वक माहौल में भविष्य की राजनीति की पौध कालेजों से निकले। इसी विषय को लेकर दैनिक जागरण की तरफ से सोमवार को वैश्य आर्य कन्या महाविद्यालय में पैनल डिस्कसन का आयोजन किया गया। इसमें शिक्षाविदें से लेकर छात्र और राजनीतिक नुमाइदों से लेकर कालेज प्रबंधन व छात्र सघ नेताओं की उपस्थिति रही। सभी ने अपने विचारों को प्रभावी ढग से रखा। निष्कर्ष यही रहा कि चुनाव तो हों, मगर अप्रत्यक्ष नहीं बल्कि प्रत्यक्ष रूप से हों ओर योग्यता का पैमाना भी बने। तभी हम देश और प्रदेश के लिए स्वच्छ राजनीति विकसित कर पाएंगे।
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प्राथमिक स्तर से सही नेतृत्व के लिए छात्र संघ चुनाव जरूरी हैं। इससे बच्चे किसी भी मंच पर अपनी और दूसरों की बात अच्छे ढंग से रख सकेंगे। अवश्य ही इसके दूरगामी परिणाम आएंगे। बशर्ते नियमों को सख्ती से लागू किया जाए।
--शालू शर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, वैश्य कालेज। छात्र संघ चुनावों को ऐसे उत्सव के रूप में लेना चाहिए, जिसके जरिये देश और प्रदेश को अच्छे नेता दे सकें। विश्वविद्यालय स्तर पर सही हाथों में नेतृत्व देंगे, तो आने वाले कल की राजनीति को हम स्वच्छ बना पाएंगे। पढ़े-लिखे और अच्छी छवि के युवा आगे आएंगे और नई पीढि़यों के लिए उदाहरण पेश करेंगे। इन चुनावों के जरिये योग्यता को प्रोत्साहन देने का अवसर मिलता है।
--डा. राजवंती शर्मा, प्रधानाचार्या, वैश्य कालेज। छात्र संघ चुनावों में ऐसे प्रतिनिधि चुने जाएं, जिनका प्रदर्शन बिल्कुल हरफनमौला की तरह हो। अच्छी छवि हो, होनहार और अनुशासित हो। जिससे कुछ सीखने को मिले।
--सौरव, छात्रा, वैश्य कालेज। लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों से पहले तक छात्र संघ चुनावों के जरिये हम अच्छे परिणामों की उम्मीद नही करते थे। मगर उसके बाद इन चुनावों का माहौल बदला है। स्तर भी बढ़ा है। यह अलग बात है कि कुछ नियम व्यवहारिक स्थिति से मेल नहीं खाते। समय के साथ इनमें सुधार हो सकता है। हरियाणा में चुनाव लिंगदोह कमेटी की सिफारिशो के अनुसार प्रत्यक्ष तौर पर होने चाहिए।
--अजय छिकारा, पूर्व अध्यक्ष, डुसू छात्र संघ चुनाव के लिए इनसो प्रमुख दिग्विजय चौटाला की मेहनत रग लाई है। अब सरकार को चाहिए कि वह सीधे तौर पर चुनाव करवाए। अप्रत्यक्ष चुनावों से उसी तरह का माहौल बनने की संभावना रहेगी, जिसकी वजह से चुनावों पर रोक लगी थी।
--जयंत वशिष्ठ, हलकाध्यक्ष, इनेसो। छात्रों का यह कर्तव्य है ही कि वे अच्छे उम्मीदवारों को चुनें। संगठनों को भी चाहिए कि वे अच्छी छवि के उम्मीदवारों को मैदान में उतारे। ताकि प्रतिस्पर्धा योग्यता को लेकर बने और अच्छों के बीच सबसे अच्छे को चुनने का मौका मिले।
--प्रियंका, छात्रा, वैश्य कालेज। छात्र संघ चुनाव बिल्कुल उसी तरह है जैसे बच्चों के लिए प्राइमरी की पढ़ाई। सोचो, कोई बच्चा प्राइमरी तक न पढ़ा हो और सीधे हाई या सीनियर सेकेंडरी में आए तो उसे क्या समझ आएगा? आज राजनीति का यही हाल है। इसलिए छात्र संघ चुनाव राजनीति की प्राथमिक शिक्षा की तरह है।
--अंजू चौधरी, प्रोफेसर राजनीति शास्त्र छात्र संघ चुनाव भविष्य की राजनीति तय करते है। इस स्तर पर अच्छे छात्रों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा, तो वे कल की चुनौतियों का बेहतर ढग से सामना कर पाएंगे।
--पूजा, छात्रा, वैश्य कालेज। छात्र संघ चुनाव से दो परिणाम आएंगे। एक तो यह कि छात्रों में अच्छी छवि वालों को चुनने की आदत बनेगी। दूसरा जब जमीनी स्तर से उठने वाला नेता नवयुवकों के लिए नजीर पेश कर सकेगा।
--सुजाता वर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, वैश्य कालेज। छात्र संघ चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होने चाहिए। ताकि सभी को चुनने का मौका मिले। अप्रत्यक्ष रूप से बाहुबल का इस्तेमाल होगा, जो सही नही है।
--मनीष, जिला संयोजक, एनएसयूआइ। जिस तर्ज पर दिल्ली में चुनाव होते है, उसी आधार पर हरियाणा में होने चाहिए। जब दिल्ली में इन चुनावों को लेकर कोई दिक्कत नही है तो यहा पर भी नही होनी चाहिए।
--मनीष छिकारा, एनएसयूआइ नेता। किसी भी चुनाव में यदि मत प्रतिशत कम रहता है, तो उसकी सबसे बड़ी वजह यह भी होती है कि सामने जो प्रत्याशी होते है, वे हर तरह से योग्य नजर नही आते। इसलिए चुनाव सीधे हों और सभी संगठन अच्छे उम्मीदवारों को उतारें
--दीक्षा, छात्रा, वैश्य कालेज। सरकार को चाहिए कि इन चुनावो के लिए नियमों में और भी कुछ न कुछ सुधार करे। ताकि योग्य छात्र ही राजनीति में आगे आ पाएं। देश-प्रदेश की राजनीति में सुधार करना है तो छात्र संघ से इसकी शुरूआती करनी होगी।
--अनिता गुप्ता, प्रोफेसर, वैश्य कालेज छात्र संघ चुनावों को लेकर कालेज प्रबंधन को भी सक्रिय रहना होगा, ताकि चुनावों का प्रचार और मतदान भी नियमानुसार हो और पढ़ाई भी किसी तरह से प्रभावित न हो पाए।
--प्रेमचंद बंसल, वैश्य कालेज पदाधिकारी छात्र संघ चुनाव करवाने का भाजपा सरकार ने साहसिक फैसला लिया है। यह जरूरी भी है। इससे स्वच्छ छवि के लोग आगे आएंगे। यही सरकार का ध्येय है। जहा तक चुनाव प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष की बात है तो जो भी छात्रों और प्रदेश के हित में होगा, सरकार उसी दिशा में आगे बढ़ेगी।
--बिजेंद्र दलाल, भाजपा जिला अध्यक्ष जब हमारे देश की राजधानी में हर साल छात्र संघ चुनाव हो रहे है तो हमारे प्रदेश के लिए भी जरूरी हैं। इससे हम आने वाले कल में देश को अच्छे नेता दे पाएंगे।
--प्रिया, छात्रा, वैश्य कालेज। दैनिक जागरण के प्रयासों को सराहा
कार्यक्रम में सभी वक्ताओं ने दैनिक जागरण के इस प्रयास और वैश्य कालेज की सकारात्मक भूमिका की सराहना की। इस दौरान कालेज की ओर से पुष्पा, छात्रा सारिका, सोनाली शर्मा, सविता ने भी विचार रखे।