नजदीक आ गया कोरोना, मगर पीछे नहीं हट रहे कदम, जारी है जंग
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जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : कोरोना से जंग के बीच डाक्टरों के साथ ही अगली पंक्ति की योद्धा बनीं स्टाफ नर्सों के लिए हर दिन चुनौतियां बढ़ रही हैं। कल तक जिन अस्पतालों में कोरोना के संक्रमित नहीं होते थे, वहां पर भी ड्यूटी आसान नहीं थी। मगर अब तो वहां संक्रमितों का इलाज भी चल रहा है, तो जाहिर सी बात है कोरोना इन अस्पतालों के स्टाफ के नजदीक आ गया है, मगर फिर भी स्टाफ नर्स के रूप में नारी शक्ति के कदम पीछे नहीं हट रहे।
पहले की तरह ही ये शिद्दत से ड्यूटी पर डटी हैं। कुछ दिनों पहले तक बहादुरगढ़ में मिलने वाले सभी कोरोना संक्रमितों को रोहतक पीजीआइ में ही भेजा जाता था। मगर अब कुछ मरीज बहादुरगढ़ के सिविल अस्पताल में भी भर्ती किए जा रहे हैं। इनकी केयर स्टाफ नर्स ही कर रही हैं। परिवार से तो ये स्टाफ नर्स काफी दिनों से दूर ही हैं, मगर अब संक्रमित मरीजों की देखभाल और उनके इलाज की ड्यूटी से इनके कंधों पर जिम्मेदारी का बोझ बढ़ गया है। ये निभा रहीं ड्यूटी
सिविल अस्पताल की मुख्य नर्स कृष्णा, स्टाफ नर्स पूनम सांगवान, रेणु गुलिया, संगीता, सविता गोदारा, रेणु कालिया, विनती ईएमटी अस्पताल में कोरोना संक्रमितों के इलाज से लेकर दूसरी ड्यूटियां दे रही हैं। विभाग के अधिकारियों ने भी इनकी सेवा को सराहा है। अभी भी ये परिवार से दूर विश्राम गृह में रहकर ही ड्यूटी कर रही हैं। मैट्रन कृष्णा कहती हैं कि सभी अधिकारियों का सहयोग मिला है। इससे सभी स्टाफ नर्स का ड्यूटी के प्रति हौसला बढ़ा है।