Move to Jagran APP

आठ बजे तक चक्का जाम, फिर दो घटे में बिखर गई हड़ताल

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : प्राइवेट परमिटों के विरोध में हरियाणा रोडवेज कर्मचा

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 11:48 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 11:48 PM (IST)
आठ बजे तक चक्का जाम, फिर दो घटे में बिखर गई हड़ताल
आठ बजे तक चक्का जाम, फिर दो घटे में बिखर गई हड़ताल

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :

loksabha election banner

प्राइवेट परमिटों के विरोध में हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल बुधवार को सफल नही हो पाई। बहादुरगढ़ के अंदर सुबह 8 बजे तक तो चक्का जाम रहा, मगर उसके बाद एकजुटता में दरारें पड़ गई। प्रशासन और विभागीय दबाव में कर्मचारी डयूटी पर लौटने लगे और अगले दो घटे के अंदर हड़ताल पूरी तरह खत्म हो गई। जो यूनियन इस हड़ताल की अगुवाई कर रही थी उसी के पदाधिकारी मजबूरी में लौट आए। हालाकि बाद में बसें निकली तो उनमें यात्रियों की संख्या न के बराबर रही। एक तरफ बारिश और दूसरी तरफ हड़ताल को देख यात्री दूसरे वाहनों की तरफ रुख कर चुके थे। इसके बावजूद रोडवेज विभाग के अधिकारियों ने राजस्व का ज्यादा नुकसान न होने का दावा किया।

हड़ताल को असफल करने के लिए प्रशासन और विभाग पहले से तैयार था। विभाग के व‌र्क्स मैनेजर श्रीभगवान को नोडल आफिसर लगाया गया था। डयूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर नायब तहसीलदार श्रीभगवान तैनात थे। डीएसपी भगतराम पूरी टीम के साथ मोर्चा संभाले हुए थे। पहले से कोर्ट के आदेश और एस्मा लगाए जाने के बाद अधिकारियों ने सख्ती अपनाई। हाल ही में भर्ती हुए ड्राइवरों पर पूरा दबाव बनाया, तो वे हड़ताल से किनारा कर गए। इस तरह से एक माह के अंदर ही दूसरी बार हो रही यह हड़ताल बिखर गई। सभी रूटों के लिए निकलीं बसें, यात्री कम मिले

सुबह 8 बजे तक पूरी तरह चक्का जाम रहा। इस दौरान बारिश भी हो रही थी। उसके बाद कुछ कर्मचारी डयूटी पर लौटने लगे। बसें निकली। तो धीरे-धीरे करके एक घटे के अंदर 25 से 30 बसें निकल गई और 10 बजे तक कुल 69 में से 62 बसें सड़कों पर निकल गई। बाकी बची बसों को लंबे रूटों पर भेजा गया। हालाकि सुबह के समय हड़ताल के कारण यात्री परेशान हुए। वे दूसरे वाहनों की तरफ रुख कर गए। इसके बाद रोडवेज बसें निकली तो उन्हे सड़कों पर बेहद कम यात्री मिल पाए। इस हड़ताल का प्राइवेट बस आपरेटरों ने जमकर फायदा उठाया। बस स्टैड के बाहर निजी बसों का भी जमावड़ा रहा। दिल्ली परिवहन निगम की बसें भी नहीं पहुची। ऐसे में लोगों ने मेट्रो का सहारा लिया। कुछ देर ही हो पाया विरोध

हड़ताली कर्मचारियों ने बस स्टैड पर एकजुट होकर प्राइवेट परमिट का विरोध किया। मगर यह कुछ देर ही चला। उसके बाद बसें चल पड़ी। बहादुरगढ़ के अलावा रोहतक, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद चरखी दादरी, भिवानी, जिलों से भी बसें दिल्ली की तरफ जाती है। सभी बसें यही से गुजरती है। इसके अलावा सोनीपत, गुरुग्राम, झज्जार रूट की बसें भी बहादुरगढ़ से ही होकर निकलती है। कुल मिलाकर इन बसों में यहा से रोजाना कई हजार यात्री सफर करते हैं, लेकिन बुधवार की सुबह यात्रियों को इन बसों का सफर नसीब नही हुआ। दोपहर तक दूसरे जिलों से यहा बसें पहुंचनी शुरू हुई। डीटीसी बसें शहर तक नहीं आई

रोडवेज की हड़ताल की पूर्व सूचना के चलते दिल्ली परिवहन की बसें भी शहर के बस स्टैंड तक नही आई। दरअसल, किसी भी हड़ताल के दौरान बस स्टैंड परिसर से हड़ताली कर्मचारियों द्वारा सभी बसों को बाहर निकाल दिया जाता है। ऐसे में दिल्ली परिवहन निगम की बसों को खड़ा करने के लिए कोई जगह नहीं मिल पाती। इस स्थिति में इन बसों को दिल्ली सीमा से ही वापस मोड़ लिया जाता है। बुधवार को ऐसा ही हुआ। हालाकि हड़ताल कुछ देर ही चली। दिल्ली जाने के लिए यात्रियों के पास मेट्रो का विकल्प भी रहा। वर्जन..

यह हड़ताल इटक की ओर से आहूत थी। अन्य संगठन इसे समर्थन कर रहे थे। बाद में सभी संगठनों ने हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया, क्योंकि कर्मचारियों पर अत्यधिक दबाव बनाया गया था। ऐसे में हड़ताल पूरा दिन नही चल पाई।

--अमित महराणा, बीएमएस नेता

----------------

बहादुरगढ़ में हड़ताल कुछ देर ही रही। बाद में सभी बसें चला दी गई। सभी बसें अपने रूटों पर चली। राजस्व पर ज्यादा असर नही पड़ा।

--धर्मबीर सिंह, डीआइ, बहादुरगढ़ सब डिपो।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.