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बहादुरगढ़ माइनर की सीसी लाइनिग का मसला : एचएसवीपी और जन स्वास्थ्य विभाग से बजट का इंतजार

शहर को पेयजल की आपूर्ति देने वाली बीडब्ल्यूएस (बहादुरगढ़ वाटर सप्लाई) माइनर की सीसी लाइनिग (दोनों तरफ सीमेंटेड दीवार) की प्रकिया अब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) और जन स्वास्थ्य विभाग की बजट स्वीकृति पर अटक गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 06:30 AM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 06:30 AM (IST)
बहादुरगढ़ माइनर की सीसी लाइनिग का मसला : एचएसवीपी और जन स्वास्थ्य विभाग से बजट का इंतजार

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : शहर को पेयजल की आपूर्ति देने वाली बीडब्ल्यूएस (बहादुरगढ़ वाटर सप्लाई) माइनर की सीसी लाइनिग (दोनों तरफ सीमेंटेड दीवार) की प्रकिया अब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) और जन स्वास्थ्य विभाग की बजट स्वीकृति पर अटक गई है। सीसी लाइनिग पर आने वाला खर्च जन स्वास्थ्य विभाग और एचएसवीपी को वहन करना है। एस्टीमेट में दोनों की खर्च राशि तय की गई है। जब दोनों विभागों की ओर से सिचाई विभाग को पैसा दिया जाएगा, उसके बाद ही काम शुरू होगा। यह रहेगा बजट

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इस माइनर की देखरेख सिचाई विभाग की दिल्ली डिवीजन के पास है। चूंकि सिचाई विभाग द्वारा जन स्वास्थ्य विभाग और एचएसवीपी को पानी दिया जाता है। ऐसे में यह डिपाॉजिट वर्क होगा। इसके लिए जन स्वास्थ्य विभाग को दो करोड़ 12 लाख और एचएसवीपी को एक करोड़ 80 लाख रुपये जमा करवाने हैं। दोनों विभागों में इसके लिए प्रकिया चल रही है। डेढ़ से दो महीने का वक्त और लगेगा। उसके बाद दिसंबर अंत में सिचाई विभाग इस काम को शुरू करेगा। माइनर की क्षमता हो जाएगी 45 क्यूसेक

फिलहाल माइनर खस्ताहाल है। ऐसे में पर्याप्त पानी नहीं मिला। इसको लेकर जन स्वास्थ्य विभाग और एचएसवीपी में तकरार भी होती रही है। जब तक सीसी लाइनिग होगी तब तक साथ लगती दूसरी माइनर से शहर को कच्चा पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। निर्माण पूरा होने के बाद इस माइनर की क्षमता बढ़कर 45 क्यूसेक हो जाएगी। जिस वक्त इस माइनर का निर्माण कराया गया था, तब शहर की आबादी आज के हिसाब से करीब 30 फीसद तक कम थी। मुख्य जल घर के अलावा कहीं और बूस्टिग स्टेशन नहीं थे। तब इस माइनर से पर्याप्त पानी मिलता था। अब तक एक तरफ आबादी काफी बढ़ चुकी है और दूसरी तरफ माइनर खस्ता हाल हो गई है। यह है जरूरत

जन स्वास्थ्य विभाग को रोजाना 22 क्यूसेक पानी चाहिए। एक दिन छोड़कर पानी की सप्लाई देने में भी 11 क्यूसेक पानी की खपत होती है। इन दिनों जरूरत के हिसाब से कम पानी मिल रहा है। ज्यादा गर्मी में संकट और बढ़ जाता है। उस समय पानी की उपलब्धता घट जाती है और डिमांड बढ़ जाती है। दूसरी ओर एचएसवीपी को 14.25 क्यूसेक पानी चाहिए, मगर विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस समय 10 क्यूसेक पानी भी नहीं मिल रहा है। माइनर के सुधार के बाद एचएसवीपी को 20 क्यूसेक पानी मिलेगा। माइनर की सीसी लाइनिग के लिए कागजी प्रक्रिया चल रही है। एचएसवीपी और जन स्वास्थ्य विभाग से बजट की स्वीकृति के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। साल के आखिर में सीसी लाइनिग के लिए निर्माण शुरू हो सकता है।

विनोद कुमार, एसडीओ, सिचाई विभाग।


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