वीटा ने कहा -दूध की जांच में इस्तेमाल नहीं होगा तेजाब
दुग्ध संघ अंबाला (वीटा) की ओर से पर्यावरण के बचाव की दिशा में कदम उठाए गया है। इसको लेकर अब वीटा में तेजाब का इस्तेमाल बंद कर दिया गया है।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : दुग्ध संघ अंबाला (वीटा) की ओर से पर्यावरण के बचाव की दिशा में कदम उठाए गया है। इसको लेकर अब वीटा में तेजाब का इस्तेमाल बंद कर दिया गया है। मिल्क प्लांट अंबाला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि पर्यावरण को बचाने और कदम बढ़ाते हुए सबसे पहले दूध की जांच में इस्तेमाल होने वाले तेजाब का प्रयोग करना बंद कर दिया है। जो कि 800 किलोग्राम तक हर महीने इस्तेमाल में लाया जाता था।
वहीं प्लांट ने 29 मिल्क कूलर की स्थापना की, जिससे 14 मिल्क रूट बंद हो गए। जिसमें रोजाना 1300 किलोमीटर की दूरी तय की जाती थी। इसके साथ ही ऊर्जा की खपत कम करने के लिए सभी सेंटरों व डीपीएमसीयू में सोलर पैनल स्थापित किए जा रहे हैं। आनलाइन मानिटरिग सिस्टम के तहत मिल्क रिपोर्ट एसएमएस के तहत भेजी जाती है। जिससे कागज का इस्तेमाल कम कर दिया गया है। धुएं को कम करने के लिए 10 बायो गैस प्लांट लगाए गए हैं। लकड़ी व गोबर के उपलों के स्थान पर बायो गैस के चूल्हों का प्रयोग किया जा रहा है। प्लांट में लगे बायलर को भी फसल अवशेष से चलाया जाता है। जिससे प्रदूषण बहुत कम होता है। प्रदूषण न हो इसके लिए चिमनियों में मानिटरिग सिस्टम भी लगाए गए हैं। प्लांट में इस्तेमाल होने वाले पानी को जल उपचार करके पेड़ पौधों को दिया जाता है, जिससे जल संरक्षण हो रहा है। वहीं प्लांट के प्रांगण में पेड़ों की बढ़ोतरी भी हो रही है। लगभग 300 पेड़ इस समय प्रांगण में लगे हुए हैं। इससे पर्यावरण की शुद्धता बनी रहती है।