विश्वकर्मा हैं वट वृक्ष, सभी जीव इसके पत्ते : दर्शन धीमान
कथावाचक दर्शन धीमान ने कहा भगवान विश्वकर्मा वट वृक्ष की तरह हैं और इस धरती के सभी जीव इसके पत्ते हैं। वे बृहस्पतिवार को छावनी के विश्वकर्मा मंदिर में चल रही विश्वकर्मा पुराण कथा के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे।
जागरण संवाददाता, अंबाला
कथावाचक दर्शन धीमान ने कहा भगवान विश्वकर्मा वट वृक्ष की तरह हैं और इस धरती के सभी जीव इसके पत्ते हैं। वे बृहस्पतिवार को छावनी के विश्वकर्मा मंदिर में चल रही विश्वकर्मा पुराण कथा के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मुख्य यजमान रमन जांगड़ा ने पूजा अर्चना की।
दर्शन धीमान ने कहा कि विश्वकर्मा जी रूपी वट वृक्ष के पत्ते समय आने पर झड़ जाते हैं। लेकिन जो जीव अपनी आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है, वह इस वट वृक्ष में फल के समान अपनी जगह पाता है। पूरा विश्व ही भगवान विश्वकर्मा का विराट रूप है। द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को अपना विराट रूप दिखाते हैं, जिसके दर्शन मात्र से अर्जुन मोह माया से मुक्त हो जाते हैं। यह केवल अपने कर्मों को पवित्र करने से ही संभव हो सकता है। कथा के समापन पर प्रसाद के रूप में 108 कलश वितरित किए गए। शुक्रवार को मंदिर परिसर में हवन यज्ञ का आयोजन किया जाएगा और यहीं पर भजन संध्या का आयोजन भी किया जाएगा।