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विज ने पहले सर्वेसर्वा बताया, फिर किया चैलेंज, चौटाला ने इस पर ली चुटकी

राजनीति में कुछ भी संभव है। कब किसके पक्ष और विपक्ष में बयानबाजी करनी पड़ जाए कुछ नहीं कहा जा सकता। प्रदेश में इन दिनों सीआइडी की रिपोर्टिग को लेकर उभरे विवाद पर जहां विपक्ष चुटकियां भर रहा है वहीं सत्ता पक्ष में आपसी बयानबाजी भी जगजाहिर कर रही है कि सब कुछ ठीकठाक नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 06:45 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 06:45 AM (IST)
विज ने पहले सर्वेसर्वा बताया, फिर किया चैलेंज, चौटाला ने इस पर ली चुटकी
विज ने पहले सर्वेसर्वा बताया, फिर किया चैलेंज, चौटाला ने इस पर ली चुटकी

::इनकी भी सुनो:: अंबाला : राजनीति में कुछ भी संभव है। कब किसके पक्ष और विपक्ष में बयानबाजी करनी पड़ जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता। प्रदेश में इन दिनों सीआइडी की रिपोर्टिग को लेकर उभरे विवाद पर जहां विपक्ष चुटकियां भर रहा है, वहीं सत्ता पक्ष में आपसी बयानबाजी भी जगजाहिर कर रही है कि सब कुछ ठीकठाक नहीं है। इनेलो के नेता अभय चौटाला ने इस प्रकरण पर चुटकी लेते कहा कि प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सर्वेसर्वा बता रहे थे और अब चैलेंज कर रहे हैं, यह बात उनके गले से नीचे नहीं उतर रही। चौटाला सीआइडी की रिपोर्टिग को लेकर विज के पक्ष में ही नहीं बल्कि उनके शब्दों को दोहराते नजर आए जिस पर विज ने कहा था कि गृह विभाग से सीआइडी का अलग होना जैसे आंख, नाक, कान के बिना व्यक्ति का होना। चौटाला ने कहा कि गृह विभाग का ही अंग सीआइडी रहना चाहिए। सीआइडी प्रकरण पर विज के साथ खड़े रहने वाले चौटाला ने नशे को लेकर विज के साथ-साथ मुख्यमंत्री को भी घेरा। चौटाला ने यहां तक कहा कि यदि गृह विभाग से सीआइडी अलग की जाती है तो ईमानदारी से विज को विभाग छोड़ देना चाहिए सिर्फ अखबारों में न रहें।

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भ्रष्टाचार कैसे होगा दूर, हुडा अफसर कर्मियों पर मेहरबान

अंबाला शहर के मानव चौक पर हुडा की सरकारी जमीन पर दुकानें बनी और मामला सुर्खियों में आने के बाद अधिकारियों को दुकानें गिरवानी पड़ गई। एक नहीं बल्कि पांच दुकानें बनी जिनके 9 शटर लगाकर दुकानों को बेचने का सिलसिला शुरू हो गया। 50 से 60 लाख एक दुकान की कीमत रखी गई। दिन के उजाले में सरकारी जमीन पर कब्जा हुआ और अफसरशाही इसे नजरअंदाज कर गई। दुकानें गिरा तो दी गई लेकिन इस मामले में हुडा विभाग ने किसी भी कर्मचारी या अधिकारी की जिम्मेदारी तय करना मुनासिब नहीं समझा। हुडा विभाग की एक विग है जिसकी जिम्मेदारी है कि खाली प्लाटों पर कोई कब्जा न कर ले। यहां तो एक के बाद एक दुकानें बन गई जिसमें शहर के प्रापर्टी डीलरों पर रसूखदारों का हाथ था। जिस विग की लापरवाही उजागर हुई उसे जांच के दायरे में न लाकर अफसरशाही ने दिखा दिया कि वह किस कदर कर्मचारियों पर मेहरबान हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार कैसे दूर होगा।

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बाबाजी ने ईओ साहब को घर बुला लगाई क्लास

हरियाणा शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज इन दिनों चार मंजिला मल्टी लेवल पार्किग के कछुआ गति को लेकर चितित हैं। यह पार्किग विज की अंबाला छावनी विधानसभा क्षेत्र में बनाई जा रही है जिसको लेकर ईओ साहब को कोठी बुलाकर क्लास लगाई गई। करीब 11.12 करोड़ रुपये खर्च बनाई जा रही पार्किंग का निर्माण महज 35-40 फीसद हुआ है जबकि जून 2020 तक कार्य पूरा होना चाहिए था। बाबाजी ने ईओ साहब और इंजीनियरिग विग के अधिकारी को कोठी पर तलब कर पूछा कि आखिर क्यों नहीं पार्किंग का कार्य निर्धारित समय पूरा नहीं हो आ रहा तो अधिकारियों ने ड्राईंग का तर्क देकर बचने का प्रयास किया। विज ने ईओ साहब से पूछा कि ठेकेदार के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई जो निर्माण कार्य लटका रहे हैं, नोटिस तक नहीं देना कहीं न कहीं दूसरी तरफ इशारा कर रहा है। बाबाजी ने कहा यहां ऐसा कुछ नहीं चलेगा, यहां रहना है तो काम करना पड़ेगा। विज बोले, छावनी विस में कौन-कौन सा निर्माण कार्य कितना हुआ और कब पूर होना था, इसकी रिपोर्ट दो। यह पार्किग विजय रतन चौक से कबाड़ी बाजार तक लगभग 700 फुट लंबाई व 60 फुट चौड़े स्थान में बनाई जा रही है जिससे बड़ी राहत मिलेगी, लेकिन इस साल कार्य पूरा होते नहीं दिख रहा।

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दुकानदारों की दो-नंबर की कमाई पर संकट अंबाला छावनी के बाजारों में दुकानदारों की दो-नंबर की कमाई बंद होने जा रही है। सब्जी मंडी में दुकानों के आगे रेहड़ी-फड़ी लगाने के लिए नगर परिषद को नहीं बल्कि दुकानदारों को रोजाना एक-एक रेहड़ी के 200 से 300 रुपये देने पड़ते हैं। कुछ दुकानदार तो मंथली बांधे हैं लेकिन अब इन दुकानदारों की दो नंबर की यह कमाई घटने जा रही है। हरियाणा शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज चाहते हैं कि रेहड़ी वालों को बाजार से शिफ्ट कर दिया जाए इसके लिए दीना की मंडी और गांधी मैदान के पास टिन शेड के पास निर्माण कार्य आरंभ कर दिया गया है। इससे कुछ दुखी हैं, तो कुछ खुश भी हैं। कुछ दुकानदारों के बहकावे में आकर रेहड़ी लगाने वालों ने पहले विरोध किया, लेकिन साथ ही शिफ्ट होने वाली जगह के लिए आवेदन भी किया। ऐसे में दुकानदारों के माथे पर भी शिकन देखने को मिल रही है कि रेहड़ी वालों से मिलने वाली कमाई छिनने वाली है। प्रस्तुति : दीपक बहल


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