अंबाला में 19 करोड़ के कूड़ा घोटाले में नेता-अफसरशाही लिप्त, विजिलेंस करेगी जांच
अंबाला में करीब 19 करोड़ के सालाना कूड़ा घोटाले की जांच अब राज्य सतर्कता ब्यूरो करेगी। अंबाला नगर निगम ने इतने बड़े टेंडर में शहरी निकाय निदेशालय से बिना अनुमित के ही टेंडर अलाट कर दिया था। कम बैंक गारंटी होने पर भी अफसरों ने ठेकेदार पर मेहरबानी कर दी।
दीपक बहल, अंबाला: अंबाला में करीब 19 करोड़ के सालाना कूड़ा घोटाले की जांच अब राज्य सतर्कता ब्यूरो करेगी। अंबाला नगर निगम ने इतने बड़े टेंडर में शहरी निकाय निदेशालय से बिना अनुमित के ही टेंडर अलाट कर दिया था। कम बैंक गारंटी होने पर भी अफसरों ने ठेकेदार पर मेहरबानी कर दी। निदेशालय से अनुमति न लेनी पड़े, इसके लिए टेंडर में सालाना राशि की बजाय प्रतिमाह की राशि बताकर अफसरशाही ने बचने का प्रयास किया। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इस घोटाले में नेता और अफसरशाही के लिप्त होने का पर्दाफाश किया था। रोहतक नगर निगम कमिश्नर के नेतृत्व में गठित पांच सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट निदेशालय को सौंपी। इसी रिपोर्ट पर निदेशक ने अपनी टिप्पणी करते मुख्यमंत्री के समक्ष रखा, जिसके बाद विजिलेंस जांच के आदेश हुए। यह टेंडर कभी भी रद करने का फरमान जारी किया जा सकता है। विजिलेंस जांच के बाद अफसरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होना भी तय है।
बता दें कि 22 मई को विज ने कूड़ा उठान में घोटाला होने का अंदेशा जताया था। विज का कहना था कि अफसरों ने ऐसा टेंडर डाल दिया, जिसमें कितने सफाई कर्मचारी होंगे, इसका उल्लेख नहीं था। शायद दुनिया में यह पहला ऐसा टेंडर होगा। राज्य सरकार ने रोहतक नगर निगम के कमिश्नर के नेतृत्व में पांच सदस्यीय कमेटी 30 मई को गठित कर दो दिन में रिपोर्ट मांगी थी। कमेटी ने अंबाला नगर निगम में रिकार्ड कब्जे में लेकर जांच को आगे बढ़ाया और टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताएं पाई। अंबाला छावनी, अंबाला शहर और हुडा का अलग-अलग तीन टेंडर अलाट किए गए। सालाना 19 करोड़ 32 लाख रुपये के टेंडरों में निदेशालय से पत्राचार कर कोई अनुमति नहीं ली गई। 19 करोड़ के मुताबिक ही तीनों टेंडरों में बैंक गारंटी की राशि भी अधिक होनी चाहिए थी, लेकिन जांच यह गारंटी भी कम पाई गई। सफाई व्यवस्था की मॉनीटरिग पर अफसरशाही की जगह जूनियर कर्मचारी के कंधे पर जिम्मेदारी रख बिलों को पास किया गया। जांच कमेटी की रिपोर्ट में तय हो गया है कि टेंडर प्रक्रिया में औपचारिकताओं को सही ढंग से पूरा नहीं किया गया। अफसरशाही से जांच कमेटी ने जब सवाल जवाब किए तो उन्होंने सालाना टेंडर को एक-एक माह के हिसाब से बताकर अपनी गर्दन बचाने का प्रयास किया, जबकि टेंडर की राशि सालाना जोड़ी जानी थी।
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विजिलेंस जांच के लिए लिखा : कविता जैन
शहरी स्थानीय निकाय, महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन ने बताया कि इस संबंध में निदेशक से जांच रिपोर्ट मिली थी, जिसे मुख्यमंत्री के समक्ष पेश किया गया। इस मामले में मुख्यमंत्री ने विजिलेंस जांच करवाने की अप्रूवल दी है। जांच के बाद ही सच खुलकर सामने आएगा।