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शुरू हुई लापरवाही की जांच, डॉक्टरों को बचाने का प्रयास

जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के नागरिक अस्पताल में एक बुजुर्ग महिला को पत्थरी का दर्द हो

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Jul 2018 07:55 PM (IST)Updated: Mon, 23 Jul 2018 07:55 PM (IST)
शुरू हुई लापरवाही की जांच, डॉक्टरों को बचाने का प्रयास
शुरू हुई लापरवाही की जांच, डॉक्टरों को बचाने का प्रयास

जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के नागरिक अस्पताल में एक बुजुर्ग महिला को पत्थरी का दर्द होने पर इलाज नहीं मिलने के बाद उसके बेटे द्वारा डॉक्टरों के बर्ताव व लापरवाही को लेकर सोशल मीडिया में वायरल की गई वीडियो का मामला तूल पकड़ गया है। दैनिक जागरण द्वारा इस मामले को अधिकारियों व स्वास्थ्य मंत्री के सामने उठाए जाने के बाद आखिरकार जांच शुरू हो गई है। सोमवार को छावनी के तीन एसएमओ की टीम ने मामले से जुड़े डॉक्टरों के सामने पीड़ित पक्ष से पूछताछ की। युवक ने आपबीती सबके सामने खुलकर सुनाई। लेकिन जांच टीम ने डॉक्टरों का बचाव करते हुए भविष्य में इस तरह की गलती दोबारा नहीं करने और सिस्टम को बदलने की बात कहते हुए कोई कार्रवाई करने के बजाए पीड़ित पक्ष से ही एक कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए। वहीं पीड़ित पक्ष ने कहा कि वह इस कार्रवाई से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है।

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गौरतलब है कि बीते मंगलवार की सुबह बब्याल निवासी योगेश अपनी मां बोहती देवी 60 वर्षीय को पित्ते में पत्थरी का जबरदस्त दर्द होने पर इलाज के लिए लेकर आया था। दो घंटे इंतजार करने के बाद डॉक्टर ने चेक किया और कार्ड पर तत्काल लिखकर अल्ट्रासाउंड के लिए भेज दिया। जब खिड़की पर पहुंचा तो नौवें महीने की डेट दे दी। अल्ट्रासाउंड कमरे के बाहर पहुंचे तो कर्मी ने दो महीने बाद आने के लिए कहा। वहीं जब वह वापस कमरा नंबर 202 में चेक करवाने के लिए पहुंचे तो डॉक्टर ने योगेश व उसकी मां से बुरा बर्ताव करते हुए उन्हें बाहर इलाज करवाने के लिए कह दिया। इसके बाद युवक अस्पताल में बिना इलाज वापस लौटने लगा तो उसने डॉक्टरों के बर्ताव व लापरवाही को लेकर सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल कर दी।

शहर की टीम आने से पहले कर ली पूछताछ

दैनिक जागरण द्वारा इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किए जाने के बाद सिविल सर्जन डॉ. अशोक ने जांच के आदेश दिए। साथ ही शहर से पीएनडीटी डॉ. विपिन भंडारी, सिविल सर्जन डॉ. संजय ¨सगला और एसएमओ डॉ. पवन चौधरी को जांच का जिम्मा दिया। वह सोमवार को सुबह करीब 11:30 बजे जांच के लिए छावनी अस्पताल में पहुंचे तो पता चला कि यहां के डॉक्टरों की टीम पहले ही पीड़ित पक्ष से पूछताछ कर चुकी है। इसके बाद एसएमओ से बात करके चली गई। पीड़ित पक्ष से की गई पूछताछ की रिपोर्ट अब छावनी एसएमओ शहर के डॉक्टरों की टीम को सौंपेगे। प्रारंभिक जांच में तीन एसएमओ की टीम द्वारा डॉक्टरों को बचाने के लिए जांच में लीपापोती का प्रयास किया जा रहा है।

रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा

इस मामले में जांच करने के लिए सिविल सर्जन की ओर से टीम बनाकर जांच के लिए भेजा गया था। पीड़ित पक्ष से छावनी अस्पताल से तीन एसएमओ की टीम द्वारा संबंधित डॉक्टरों के सामने पूछताछ की जा चुकी थी। अब एसएमओ द्वारा रिपोर्ट हमें दी जाएगी और उस रिपोर्ट को परखने के बाद हम सिविल सर्जन को देंगे। डॉक्टर द्वारा कार्ड पर अर्जेंट लिखा होने के बाद भी अल्ट्रासाउंड नहीं किया जाना और निजी अस्पताल में इलाज करवाने की बात कहना, इसमें कहीं न कहीं लापरवाही है।

डॉ. विपिन भंडारी, जांच टीम सदस्य।

मैं कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हूं

मैं अपनी मां सहित अस्पताल में बुलाया गया और मैंने डॉक्टरों के सामने पूरा मामला बताया। लेकिन डॉक्टर ने कार्रवाई के बजाए केवल दोबारा ऐसी गलती नहीं होने और सिस्टम बदलने की बात कहकर कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए गए है। अगर यहां मेरी मां का इलाज होता तो फ्री हो जाता लेकिन डॉक्टरों के कारण मुझे निजी अस्पताल में इलाज के लिए करीब 25 हजार रुपये खर्च करने पड़े। मैं इस कार्रवाई से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हूं। अगर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मैं मंत्री के पास शिकायत करूंगा।

योगेश, पीड़िता बुजुर्ग का बेटा।


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