Move to Jagran APP

अफसरों की मिलीभगत से बिना नक्शा पास करवाए खोल दिए दो मूवी ऑडिटोरियम

बाल भवन के नजदीक बने डीएसआर माल में बिना ड्राइंग स्वीकृति के दो मूवी ऑडिटोरियम खोल दिए गए। पहले मालिक ने इन्हें खुद चलाया, लेकिन जब कामयाब नहीं हुए तो उसे आगे किराए पर चढ़ा दिया। हैरत की बात तो यह है कि खुद किरायेदार को भी इस बात से बेखबर रखा गया कि इस मूवी ऑडिटोरियम को नक्शा ही पास नहीं करवाया गया। किरायेदार ने भी बिना सोचे समझे मोटी कमाई के लालच में इसे ले लिया। अब इस मामले की जांच अर्बन लोकल बॉडी के निदेशक शेखर विद्यार्थी खुद कराएंगे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 01:03 AM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 01:03 AM (IST)
अफसरों की मिलीभगत से बिना नक्शा पास करवाए खोल दिए दो मूवी ऑडिटोरियम

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर

loksabha election banner

बाल भवन के नजदीक बने डीएसआर माल में बिना ड्राइंग स्वीकृति के दो मूवी ऑडिटोरियम खोल दिए गए। पहले मालिक ने इन्हें खुद चलाया, लेकिन जब कामयाब नहीं हुए तो उसे आगे किराए पर चढ़ा दिया। हैरत की बात तो यह है कि खुद किरायेदार को भी इस बात से बेखबर रखा गया कि इस मूवी ऑडिटोरियम को नक्शा ही पास नहीं करवाया गया। किरायेदार ने भी बिना सोचे समझे मोटी कमाई के लालच में इसे ले लिया। अब इस मामले की जांच अर्बन लोकल बॉडी के निदेशक शेखर विद्यार्थी खुद कराएंगे। ऐसे में जिन कर्मचारियों की लापरवाही इस मामले में रही है उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी तय मानी जा रही है।

----------------------

क्या है मामला

दरअसल, अंबाला शहर में बाल भवन के पास बने डीएसआर माल को सिटी प्लाजा के नाम से खोला गया है। इस माल की शुरुआत वर्ष 2014 में हुई थी। लेकिन लंबे समय तक इस माल की दुकानें किराए पर किसी ने नहीं ली। करोड़ों रुपये खर्चने के बावजूद जब दुकानें किराए पर नहीं चढ़ी तो घाटे में चल रहे संचालकों ने माल की दूसरी मंजिल पर मूवी आडिटोरियम खोलने का निर्णय लिया। लेकिन इसके लिए अर्बन लोकल बॉडी से परमिशन लेनी थी जोकि नहीं ली गई। इतना ही नहीं नक्शे के विपरीत जाकर फाइल को लोकल स्तर पर आगे बढ़वा दिया गया। इस तरह जून 2017 में लोकल स्तर पर डीसी से मिली इसकी बिना नक्शे के ही परमिशन लेकर यहां मूवी आडिटोरियम खोल दिए गए।

------------------------------------

समय के साथ बदले नाम

समय के साथ-साथ इन मूवी आडिटोरियम का नाम भी बदल दिया गया। शुरुआत में जब इन मूवी आडिटोरियम को संचालकों ने खुद चलाया तो इसका नाम रेड रॉक का रखा गया था। लोकल स्तर पर अधिकारियों से मिलीभगत कर बिना नक्शे के जब इसकी मंजूरी ली गई तो उसमें भी इसका नाम रेड रॉक ही था। जब घाटा बढ़ता गया और संचालकों ने इसे चलाने से हाथ खड़े कर दिए तो इसे किराये पर बेच दिया गया। अब इसे किसी दूसरे नाम से चलाया जा रहा है।

------------------

हमने लोकल स्तर पर सभी विभागों से अनुमति ली है। नक्शे में ऑडिटोरियम इसीलिए नहीं है क्योंकि इसे बाद में भी लोकल स्तर की परमिशन से खोला जा सकता है। हमारे पास सभी विभागों से ली गई अनुमति मौजूद है। यह सिनेमा नहीं है बल्कि 100 सीटों से कम का मूवी ऑडिटोरियम है।

दिनेश ग्रोवर, संचालक।

-------------------

मैंने अभी चार्ज संभाला है। मेल से मिली शिकायत के आधार पर अब मैं खुद रिकॉर्ड चेक करूंगा। यदि जांच में पाया गया तो बिना नक्शा स्वीकृति के खुले आडिटोरियम के मामले में जिसकी भी लापरवाही है उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

शेखर विद्यार्थी, निदेशक, लोकल अर्बन बॉडी।

----------------

मेरे संज्ञान में अभी मामला नहीं है। इस मामले की निश्चित तौर पर जांच करवाई जाएगी।

जयबीर ¨सह आर्य, आयुक्त नगर निगम।

-----------------

रिकार्ड को पूरा देखने के बाद ही बताया जा सकता है कि नक्शे में मूवी ऑडिटोरियम हैं य ा नहीं। नहीं थे तो कैसे बने और बनवाए जा सकते हैं या नहीं यह भी चेक करने के बाद ही बताया जा सकता है।

दर्शन, बि¨ल्डग इंस्पेक्टर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.