स्वास्थ्य मंत्री के अस्पतालों से 21 डॉक्टर लापता
स्वास्थ्य विभाग सरकारी अस्पतालों में बिल्डिगों के साथ-साथ बेडों की भी संख्या बढ़ा रहा। जबकि डॉक्टरों की संख्या कम होती जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के गृह क्षेत्र से 21 डॉक्टर लंबे समय से लापता हैं। जैसे-तैसे काम चलाया जा रहा है।
अवतार चहल, अंबाला शहर : स्वास्थ्य विभाग सरकारी अस्पतालों में बिल्डिगों के साथ-साथ बेडों की भी संख्या बढ़ा रहा। जबकि डॉक्टरों की संख्या कम होती जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के गृह क्षेत्र से 21 डॉक्टर लंबे समय से लापता हैं। जैसे-तैसे काम चलाया जा रहा है। विभागीय अफसर भी इन्हें तलाश नहीं पाए। घर के पते पर कई बार नोटिस भी भेजे गये, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। सालों बाद भी डॉक्टर गैरहाजिर चल रहे हैं। अब विभाग ने डीजी हेल्थ को गैराहाजिर डॉक्टरों की रिपोर्ट भेज दी है।
कुछ डाक्टर तो ऐसे हैं जो ज्वाइन करने के बाद कुछ महीने तक अपनी सेवाएं देने के बाद बताकर छुट्टी पर चले गए। छुट्टी की अवधि बढ़ाने तक तो विभाग के संपर्क में रहे, पर अब लापता हैं। इससे शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ा गई हैं। 2014 के बाद से लापता डॉक्टरों के बारे में कुछ पता न चलने पर विभाग ने इन्हें लापता की श्रेणी से अनुपस्थिति के दर्जे में रख दिया है। हालांकि चिकित्सकों की ज्यादा कमी के चलते महकमे का प्रयास है कि यह लौट आएं। बात न बनती देख अब रुख कार्रवाई की ओर बढ़ रहा है। शहर नागरिक अस्पताल में 16 डॉक्टरों की कमी
शहर नागरिक अस्पताल में रोजाना दो हजार की ओपीडी होती है। इसी तरह छावनी में भी करीब 2200 की ओपीडी रहती है। इसी कारण नागरिक अस्पतालों में चमड़ी रोग विशेषज्ञ, फिजिशियन, सर्जन, महिला रोग विशेषज्ञ, आंख-कान-नाक समेत के डाक्टरों के पास मरीजों की लाइन नहीं टूटती। शहर नागरिक अस्पताल में 16 डॉक्टरों की कमी खल रही है।
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नारायणगढ़ में 29 डाक्टरों की कमी
सबसे बुरा हाल नारायणगढ़ अस्पताल में है। यहां पर 42 पद डॉक्टरों के लिए स्वीकृत हैं, लेकिन मौजूदा समय में महज 13 ही काम कर रहे हैं।
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ये डॉक्टर चल रहे हैं गैरहाजिर
डॉ. रोहित रैना, डॉ. प्रदीप चोपड़ा, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. दिव्य अरोड़ा, डॉ. गौरव कालड़ा, डॉ. सोनिया गर्ग, डॉ. समृद्धि सरीन, डॉ. राधिका चोपड़ा, डॉ. संदीप गोयल, डॉ. अवनीत कौर, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. प्राची गुप्ता, डॉ. आयुषी, डॉ. सुमित गुप्ता, डॉ. वरुण मोदगिल, डॉ. मोनिका चौधरी, डॉ. मोनिका सरोही, डॉ. संदीप तायल, डॉ. सौरभ मित्तल, डॉ. अमन सैनी, डॉ. सिमरनजीत कौर।
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यह डॉक्टर दे चुके हैं त्याग पत्र
डॉ.नमिता, डॉ.विश्वदीप सैनी, डॉ.रूपिद्र सिंह, डॉ.विकास मच्छल, डॉ.मधुर कालड़ा।
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जो डॉक्टर गैरहाजिर हुए उन्हें नोटिस दिए थे, जिनका कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद आगे की कार्रवाई के लिए डीजी को रिपोर्ट भेज दी गई है। डीजी हेल्थ ही चार्टशीट या आगे की कार्रवाई करते हेैं।
पूनम जैन, पीएमओ एवं कार्यकारी सीएमओ
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