चुनावी और त्योहारी सीजन में ट्रैफिक भगवान भरोसे, अब तो चालान का भी डर नहीं
जागरण संवाददाता, अंबाला : त्योहार और चुनावों के इस महीने में बाजारों में ट्रैफिक के हालात बिगड़ने
जागरण संवाददाता, अंबाला : त्योहार और चुनावों के इस महीने में बाजारों में ट्रैफिक के हालात बिगड़ने लगे हैं। चालान का अभी डर नहीं है, जबकि आने वाले कुछ दिनों में स्थिति और बिगड़ जाएगी। बाजारों में हालात ऐसे हैं कि राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है। दशहरे के बाद बाजारों में भीड़ एकदम बढ़ेगी और यही परेशानियां पैदा करेंगी। अभी पुलिस भी ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर ज्यादा संजीदा दिखाई नहीं दे रही है, जबकि दुकानदार भी फेस्टिव सीजन की बात कह अपना सामान सड़कों तक सजाकर बैठे हैं। अंबाला छावनी में वाहन पार्किंग की दो जगह ही हैं, जबकि इसके अलावा कहीं पर भी पार्किंग की ठोस व्यवस्था नहीं है।
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इस कारण से पैदा होगी परेशानी
अंबाला छावनी में राय मार्केट की बैकसाइड, रामबाग रोड पर ही पार्किंग की व्यवस्था। मल्टी लेवल पार्किंग का काम अभी चल रहा है, जिसको पूरा होने के समय लगेगा। इसके अलावा सदर एरिया में पार्किंग के नाम पर पीली पट्टी का ही प्रावधान है, जबकि इस पर भी अधिकतर दुकानदारों ने सामान सजा रखा है। इसी तरह महेश नगर क्षेत्र की बात करें, तो पार्किंग की व्यवस्था यहां पर तो है ही नहीं। अंबाला छावनी का सदर और महेश नगर एरिया सबसे ज्यादा व्यस्त है। इन क्षेत्रों में दशहरे के बाद स्थिति बिगड़ेगी।
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यह व्यवस्थाएं करनी पड़ेंगी
अंबाला छावनी की सबसे व्यस्त सड़कें राय मार्केट, निकलसन रोड, सदर बाजार, चौड़ा बाजार, दाल बाजार, गुड़ बाजार, बजाजा बाजार, हलवाई बाजार, रामबाग रोड, हिल रोड सर्राफा बाजार, बरतन बाजार, कबाड़ी बाजार, गांधी मार्केट ऐसे क्षेत्र हैं, जहां सबसे ज्यादा ट्रैफिक है। इसके अलावा अंबाला की एक से बारह तक क्रास रोड हैं, जिस पर ट्रैफिक काफी है।
------------------------वन वे ही दिलाएगा राहत
त्योहारी सीजन में जब तक वन वे नहीं होता, तब तक हालात बिगड़े रहेंगे। हालांकि त्योहारों के अंतिम दिनों में यह व्यवस्था की जाती है, जबकि इसे दशहरे के बाद ही की जानी चाहिए। दशहरा समाप्त होते ही एक के बाद एक त्योहार हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा ट्रैफिक इन रास्तों पर ही होगा। इसी कारण से जब तक वन वे नहीं किया जाता, राहत मिलने वाली नहीं है।
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त्योहारी दिनों में तो बाजार में चौपहिया वाहन तो छोड़ो दोपहिया वाहन तक लाना मुश्किल हैं। दीवाली के आसपास तो पैदल चलने के लायक जगह नहीं बचती। त्योहारी सीजन शुरू होते ही धीरे-धीरे बाजारों में व्यवस्थाएं बनाई जानी चाहिए। जो अस्थायी स्टाल लगने हैं, उनके लिए बाजार नहीं अन्य जगहों पर व्यवस्था दी जानी चाहिए।
- रविदर कुमार बख्शी, एडवोकेट