Move to Jagran APP

विदेश भेजकर ठगे 34 लाख, दस माह जेल, ढाई महीने नजरबंद

विदेश भेजने के नाम पर एक युवक से तीन लोगों ने 34 लाख रुपये ठग लिए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 08:14 AM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 08:14 AM (IST)
विदेश भेजकर ठगे 34 लाख, दस माह जेल, ढाई महीने नजरबंद
विदेश भेजकर ठगे 34 लाख, दस माह जेल, ढाई महीने नजरबंद

संवाद सहयोगी बराड़ा (अंबाला):

loksabha election banner

विदेश भेजने के नाम पर एक युवक से तीन लोगों ने 34 लाख रुपये ठग लिए। शातिरों ने युवक को अमेरिका में वर्क परमिट लगवाने का झांसा दिया। वहां उसे एक से दूसरे देश में घुमाते रहे। इस दौरान उसे दस महीने की जेल भी काटनी पड़ी। बाद में उसे ढाई महीने तक नजरबंद रखा। परिवार के 34 लाख देने के बाद ही उसे छोड़ा।

बराड़ा के रहने वाले परमजीत की जिदगी भर की कमाई इन शातिरों ने ठग ली। दो घरों के कागजात रखकर 34 लाख रुपये का लोन लेकर उसे वापस लाया जा सका। इतना ही नहीं पांच यों का मालिक परमजीत अब किराये की टैक्सी चलाने पर मजबूर है। पुलिस ने परमजीत की शिकायत पर सुरजीत सिह उर्फ मक्खन सिंह, परमजीत कौर, मोहनजीत सिंह निवासी करनाल कॉलोनी बराड़ा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। परमजीत ने सुनाई ये दास्तां

बराड़ा के गुरदेव मोहल्ला के रहने वाले परमजीत सिंह ने बताया कि आरोपितों ने कहा कि वे विदेश भेजने का काम करते हैं। पीआर के लिए 35 लाख रुपये लगेंगे जो बाद में देने होंगे। इन लोगों ने उसका पासपोर्ट लिया और कहा कि अमेरिका का वर्क परमिट लगवा देंगे। इन लोगों ने 29 अगस्त 2017 को दिल्ली से फ्लाइट की बात की और बताया कि वीजा इक्वाडोर से लगेगा। उसे कनेक्टिड फ्लाइट का टिकट थमा दिया। दिल्ली से मास्को, पनामा होते हुए इक्वाडोर जाना था। वीजा न होने के कारण पनामा से उसे वापस दिल्ली भेज दिया। यहां से फोन किया तो शातिरों ने कुछ दिन रुकने को कहा। इसके बाद 16 सितंबर 2017 को उसे कनेक्टिड फ्लाइट का टिकट देते हुए दिल्ली से मास्को, हवाना, सल्वाडोर से इक्वाडोर भेजा गया। यहां उसका शातिरों के साथियों ने पासपोर्ट ले लिया और एक लाख अमेरिकन डॉलर भी छीन लिए। यहां से कोलंबिया भेजा गया, जहां उसे पकड़ लिया और 15 दिन में देश छोड़कर जाने के लिए कहा। इसके बाद जंगल के रास्ते पनामा बार्डर पहुंचा, जहां फिर आर्मी ने पकड़ लिया और तीन दिन जेल में रखकर 15 दिनों में देश छोड़ने को कहा। मक्खन सिंह से बात कराई तो कहा कि कोस्टारिका बार्डर पर उनका आदमी उसे छोड़ेगा, जहां से होंडरस बार्डर जाना होगा। होंडरस पहुंचने पर उसे फिर पकड़ लिया और छह दिन तक जेल में रखा। यहां से ग्वाटेमाला से अमेरिका जाने के लिए कहा गया। ग्वाटेमाला में उसे एक होटल में बंदी बना लिया और मारीपट की। बंदी बनाकर मांगे 35 लाख

ग्वाटेमाला में उसे इन शातिरों ने उसे नजरबंद कर लिया और घर वालों को फोन किया गया कि 35 लाख रुपये दें। घर के कागजात पर 25 लाख का लोन कराया, जबकि दूसरे मकान पर भी 9 लाख का लोन लिया। इस तरह 34 लाख रुपये इन शातिरों को दिए। इसके बाद भी ढाई महीने तक नजरबंद रखा। इस दौरान उसके साथ मारपीट की जाती और हालत बिगड़ने पर उसे मैक्सिको बार्डर पर छोड़ दिया, जहां उसे 12 दिन जेल में रहना पड़ा। अमेरिका में काटी दस महीने की जेल

इन शातिरों के एक साथी ने उसे कैलिफोर्निया बार्डर पर दाखिल कराया, जहां उसे आर्मी ने पकड़ लिया। यहां पर उसने 10 माह तक जेल काटी। इस दौरान कई बार उससे पूछताछ होती रही। बाद में तीन अक्तूबर 2018 को उसे डिपोर्ट कर भारत भेजा गया और वह चार अक्तूबर 2018 को अपने घर आया। जब इन शातिरों से अपने रुपये मांगे तो मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.