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नहीं है बड़े साहब का डर, आएंगे तो वही शाही टाइम

ठंड की कंपकंपी है और यह कंपकंपी सरकारी बाबुओं पर कुछ ज्यादा ही चढ़ रही है। इस कारण सरकारी बाबू समय पर दफ्तर ही नहीं पहुंच रहे। ऐसा कभी कभार नहीं बल्कि काफी समय से चल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 09:20 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 09:20 AM (IST)
नहीं है बड़े साहब का डर, आएंगे तो वही शाही टाइम
नहीं है बड़े साहब का डर, आएंगे तो वही शाही टाइम

ठंड की इन दिनों पूरी कंपकंपी है और यह कंपकंपी सरकारी बाबुओं पर कुछ ज्यादा ही चढ़ रही है। जिस कारण सरकारी बाबू समय पर अपने दफ्तर ही नहीं पहुंच रहे। ऐसा कभी कभार नहीं, बल्कि पिछले काफी समय से चल रहा है। अब यह मसला बड़े साहब से कहां तक छिपने वाला था। बड़े साहब ने एक दिन सख्ती बरती और कार्यालयों में निरीक्षण करना शुरू कर दिया। जहां देखा कर्मचारी अपने घरों से आना दूर, बल्कि बगैर अनुमति के जिले से ही बाहर थे। यह बड़े साहब को कहां भाना था, उन्होंने गैरहाजिर रहने वालों की एक माह की सैलरी पर कैंची चलाने के निर्देश दे दिये। ताकि समय सुधार हो सके। लेकिन बाबुओं को बड़े साहब का भी डर नहीं कि साहब ने कौनसा रोजाना निरीक्षण करना है। अगले दिन भी वहीं शाही टाइम से पहुंचते रहे।

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----- -नड्डा की नदी में सभी लगा रहे गोते जब से नड्डा साहब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं तब से भाजपाइयों में नई जान आ गई है। खासकर अंबाला के कई भाजपाई फूले नहीं समा रहे। हो भी क्यों न इन नेताओं की नड्डा साहब के साथ फोटो जो है। यहीं नेता ताल ठोक कर सोशल मीडिया पर नड्डा साहब के साथ कभी खींची गई अपनी फोटो पोस्ट कर यह जता रहे हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ उनकी गहरी नजदीकियां हैं। यह फोटो भी तब खींची गई जब नड्डा साहब अंबाला आए या फिर यह नेता खासतौर पर नड्डा से मिलने दिल्ली तक पहुंचे। नेताओं में फोटो डालने की होड़ तो है, लेकिन इसे क्या माना जाये कि अध्यक्ष उनका खास है या वह अध्यक्ष के खास है। हालांकि असली जैकपॉट जिसके नाम लगेगा वहीं खास होगा। क्योंकि टिकट और ओहदे में इसकी अहम भूमिका रहेगी। इससे शायद जो खुड्डे लाइन में लगे हुए हैं, उन्हें दोबारा तोपची का काम मिल जाए।

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पंडित जी के ठेकेदार नेताजी के दरबार में लगा रहे हाजिरी

कभी पंडित जी के ठेकेदार रहे, लेकिन अब नेताजी का दरबार भी संभाल लिया। ठेकों के लालच में छोटी सरकार के मुखिया के साथ नेताजी के दरबार में पहुंचे। जहां दहलीज पर रोजाना हाजिरी लगाई जा रही है और पूरा दिन कमेटी में भी जमे रहते हैं। ठेकों के लालच में फ्लैक्स पर भी पूरी वफादारी दिखायी जा रही है। कभी लोहड़ी तो कभी 26 जनवरी की भी बधाइयां भी दी जा रही हैं। इतना ही नहीं बैनर भी मानो हर सप्ताह बदल जाते हैं। इस समय पूरी जय जय कार की जा रही है, लेकिन कभी यही लोग पंडित जी के साथ रहकर नेता जी के प्रतिद्वंद्वी भी थे। फिलहाल यह नेताजी के बनाये नये ठेकेदारों की आंखों में भी चुभ रहे हैं। जो हर त्योहार के बहाने नजदीकी जता रहे हैं।

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काश हर साल यहीं पर राजकीय समारोह हो

शहर के पुलिस लाइन में झाडू के पीछे झाडू चल रहा है। आसपास के एरिया को चकाचक कर दिया गया है। क्योंकि इस साल 26 जनवरी को पुलिस लाइन मैदान में राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित किया जाएगा। गणतंत्र दिवस समारोह में प्रदेश के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ध्वजारोहण करके परेड की सलामी लेंगे। इस कारण इसे भव्य एवं सुंदर तरीके से मनाने के लिए तमाम प्रयास किये जा रहे हैं, जबकि पहले जिला स्तरीय कार्यक्रम मनाया जाता है तो पुलिस लाइन ग्राउंड के बाहर भी खानापूर्ति की दी जाती है। जनता कह रही है कि काश राज्य स्तरीय कार्यक्रम हर साल यही मनाया जाए तो शहर की सूरत ही बदल जाये। सफाई अभियान नारों से निकलकर धरातल पर आ जाये। तो शहर को कोई भी स्मार्ट सिटी की सूची से बाहर नहीं निकाल पाएगा। टेंडर में ठेकेदारी का खेल भी खत्म हो जाएगा।


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