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स्वास्थ्य विभाग : जिला हर साल बढ़ रहा है टीबी के मरीजों का ग्राफ

स्वास्थ्य विभाग का टीबी के प्रति लोगों को जागरुकता अभियान कहें या फिर कुछ और कि हर साल जिला में टीबी के मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। तीन साल के आंकड़े बता रहे हैं कि लोग टीबी की जद में तेजी से आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 07:36 AM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 07:36 AM (IST)
स्वास्थ्य विभाग : जिला हर साल बढ़ रहा है टीबी के मरीजों का ग्राफ
स्वास्थ्य विभाग : जिला हर साल बढ़ रहा है टीबी के मरीजों का ग्राफ

जागरण संवाददाता: अंबाला शहर

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स्वास्थ्य विभाग का टीबी के प्रति लोगों को जागरुकता अभियान कहें या फिर कुछ और कि हर साल जिला में टीबी के मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। तीन साल के आंकड़े बता रहे हैं कि लोग टीबी की जद में तेजी से आ रहे हैं।

प्राथमिक केंद्र और अस्पतालों में टीबी रोग के प्रति जागरूक करने के बाद मरीजों का ग्राफ बढ़ रहा है। जिले में साल दर साल टीबी के मरीज बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के तीन साल के आंकड़ों पर नजर डाले, तो हर साल 300 से 500 मरीज की संख्या बढ़ी है। वहीं निजी अस्पताल में मरीजों का ग्राफ बढ़ा रहा है।

शहर के टीबी अस्पताल में रोजाना इलाज के लिए करीब 200 मरीज आते हैं। यहां पर मरीजों का इलाज के लिए एक्सरे और जांच होती है। वहीं जांच में टीबी की पुष्टि होने पर मरीजों का टीबी का इलाज शुरू होता है। वहीं दूर-दराज और गांव में लोगों को टीबी रोग के प्रति जागरुक भी किया जाता है। इसके लिए प्राथमिक और सामुदायिक केन्द्र पर मरीजों को नियमित दवा खाने के लिए बताया जाता है।

गांव से मरीजों का पता लगाने के लिए एएनएम और आशा वर्कर कार्य कर रही है। मरीज का पता कर दवा शुरू करने के लिए आशा को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। साथ ही सरकारी और निजी अस्पताल में टीबी के मरीज का पता लगाने पर रिकॉर्ड के लिए आनलाइन दर्ज भी किया जाता है। इतना सब कुछ होने के बाद भी टीबी मरीजों का ग्राफ कम होने के बजाए बढ़ रहा है।

वर्ष 2017 में सरकारी अस्पताल में 1776 मरीज और निजी अस्पताल में 313 मरीज पॉजीटिव मिले थे। वहीं साल 2019 में अभी तक सरकारी अस्पताल में 2614 मरीज और निजी अस्पताल में 379 मरीज पॉजिटीव मिले थे। इस साल 29 लाख रुपये डीबीटीएल स्कीम में दिए

इस साल स्वास्थ्य विभाग ने टीबी के मरीजों को डीबीटी स्कीम में करीब 29 लाख रुपये दिए हैं। इस स्कीम में टीबी के मरीज को हर महीने 500 रुपये डाइट के लिए दिए जाते हैं। मरीज पैसे अपनी दवा के साथ डाइट भी लेते हैं, ताकि मरीज जल्द ठीक हो जाए। पिछले तीन साल का मरीजों का ग्राफ

वर्ष सरकारी निजी अस्पताल

2017 1776 313

2018 2099 322

2019 2614 379 स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशा और एएनएम को ड्यूटी दे रखी है कि वे ऐसे मरीजों को जागरूक करें। इसी कारण से मरीज बढ़ रहे हैं। इनके कारणों पर भी काम किया जा रहा है।

- डा. पवन, डिप्टी सिविल सर्जन एवं जिला क्षय रोग अधिकारी


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