शर्तो के साथ खुलेंगे मंदिर के कपाट, श्रद्धालु को नहीं लगेगा तिलक
कोरोना के चलते मंदिर के कपाट बंद होने से श्रद्धालु घरों में ही पूजा-अर्चना कर रहे थे लेकिन अब फिर से मंदिर के कपाट खुलने जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, अंबाला: कोरोना के चलते मंदिर के कपाट बंद होने से श्रद्धालु घरों में ही पूजा-अर्चना कर रहे थे, लेकिन अब फिर से मंदिर के कपाट खुलने जा रहे हैं। अंबाला छावनी में आठ जून से मंदिर के कपाट शर्तों के साथ खोले जाएंगे। श्रद्धालु और पुजारी को लॉकडाउन के नियमों का पूरी तरह से पालन करना होगा। दो-दो श्रद्धालुओं को पूजा-अर्चना करने का समय दिया जाएगा। मंदिर के कपाट खोलने को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुधवार को मंदिर श्री बानुमल बगीची (शनि मंदिर) में पुजारियों के साथ मीटिग की। सभी को दिशा-निर्देश दिए गए है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कहा कि कोई भी श्रद्धालु मंदिर के प्रांगण में चांदी-तांबे की कोई भी अंगूठी नहीं पहनेगा। इसके अलावा शारीरिक दूरी का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। हर 15 मिनट के बाद पुजारी साबुन से अपने हाथ धोएंगे। श्रद्धालु मंदिर की घंटियों को नहीं छुएंगे। बैठक में पं देव मित्र पांडेय, ज्योतिषी पं. दीप लाल जयपुरी, पं. तिलक राज शर्मा, पं. राजिदर शर्मा, पं. धर्मेंद्र शास्त्री, पं. सौरभ शर्मा, पं. दीपक शर्मा, पं. नवीन शर्मा, पं. राजू जी, पं. ललित शास्त्री आदि ने कहा कि लॉकडाउन के नियमों का पूरी तरह से पालन करेंगे।