कालेज बना रहा वर्मी कंपोस्ट, बिक्री से होने वाली कमाई जरूरतमंद छात्रों की फीस में एडजस्ट
एसडी कालेज में वर्मी कंपोस्ट खाद जरूरतमंद बच्चों की फीस में योगदान जरूर दे रही है। कुछ छात्र ही गार्डन वेस्ट को इकट्ठा कर वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार करते हैं जिसे बेचा जाता है।
जागरण संवाददाता, अंबाला
गार्डन वेस्ट से खाद बनाने के लिए बेशक प्रशासन के पास बंदोबस्त नहीं हैं, लेकिन एसडी कालेज में वर्मी कंपोस्ट खाद जरूरतमंद बच्चों की फीस में योगदान जरूर दे रही है। कुछ छात्र ही गार्डन वेस्ट को इकट्ठा कर वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार करते हैं, जिसे बेचा जाता है। इसी से होने वाली कमाई इन बच्चों की फीस में एडजस्ट कर दी जाती है। कॉलेज के दस बच्चों की फीस इसी कमाई में एडजस्ट की जा रही है। अब तक करीब 55 विद्यार्थियों को वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने की ट्रेनिग दी जा रही है। कॉलेज के प्रिसिपल डा. राजेंद्र सिंह राणा का कहना है कि यह प्रोजेक्ट विद्यार्थियों के लिए काफी महत्व रखता है, जबकि शिक्षा खर्च का वहन वे खुद ही उठा रहे हैं। ऐसे शुरू हुआ प्रोजेक्ट
कालेज कैंप में पहले कूड़ा एकत्रित करके या तो बाहर भिजवाया जाता था, या फिर किसी अन्य तरीके से इसका निस्तारण किया जाता था। कालेज कैंपस का एक हिस्सा काफी गंदगी भरा था। इसी हिस्से को साफ किया गया, जबकि गार्डन वेस्ट को इकट्ठा किया जाने लगा। कैंप में ही वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने का प्लांट लगाया, जहां पर गार्डन वेस्ट को लाते और इसे रिसाइकिल करते। यहीं पर खाद तैयार होती है और इसे बेचा भी जाता है। इस कार्य में मौजूदा समय में कॉलेज के दस विद्यार्थी जुटे हैं, जिनकी फीस इसी श्रमदान में एडजस्ट कर ली जाती है। मंदिरों में रखे हैं प्लास्टिक के ड्रम
मंदिरों में श्रद्धालु फूल आदि चढ़ाते हैं, जिनको फेंका नहीं जाता। इसके लिए एसडी कालेज की ओर से मंदिरों में प्लास्टि के ड्रम रखवाए गए हैं। मंदिर में चढ़ाने जाने वाले फूलों को बाद में इन ड्रमों में भर दिया जाता है। इन फूलों को कालेज लाया जाता है, जहां वर्मी कंपोस्ट बनाने का काम किया जाता है। एसडी कॉलेज व एसडी विद्या स्कूल में दो-दो प्लांट लगाए गए हैं। कालेज द्वारा वर्मी कंपोस्ट बनाई जाती है, जिसमें दस विद्यार्थी ऐसे हैं, जो श्रमदान करते हैं। खाद बेचने से जो कमाई होती है, उससे इन दस विद्यार्थियों की फीस एडजस्ट की जाती है।
- जीनत, एचओडी जूलॉजी डिपार्टमेंट, एसडी कालेज अंबाला छावनी