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पराली न जले इसके प्रशासनिक प्रबंधन के दावे धुंआ-धुआ

धान के फसल की कटाई का सीजन है पराली न जले इसके लिए प्रशासन ने पुख्ता प्रबंध के दावे कर रहा हैं। छावनी में जीटी रोड पर नई अनाज मंडी के निकट टांगरी पुल के साथ खेतों में सोमवार को दोपहर करीब एक बजे में खुलेआम पराली जलाए जाने से आसपास धुंआ धुंआ रहा। हालांकि जिले के 90 गांवों में कृषि विभाग की पैनी नजर होने का दावा किया जा रहा है। इसके लिए रेड और यलो जोन में बांटे गए गांव में फसल अवशेष प्रंबधन पर फोकस है। बावजूद इसके जल रही पराली प्रशासनिक दावों की पोल खोलने के लिए काफी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 06:00 AM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 06:00 AM (IST)
पराली न जले इसके प्रशासनिक प्रबंधन के दावे धुंआ-धुआ
पराली न जले इसके प्रशासनिक प्रबंधन के दावे धुंआ-धुआ

मनीष श्रीवास्तव, अंबाला : धान के फसल की कटाई का सीजन है, पराली न जले इसके लिए प्रशासन ने पुख्ता प्रबंध के दावे कर रहा हैं। छावनी में जीटी रोड पर नई अनाज मंडी के निकट टांगरी पुल के साथ खेतों में सोमवार को दोपहर करीब एक बजे में खुलेआम पराली जलाए जाने से आसपास धुंआ धुंआ रहा। हालांकि जिले के 90 गांवों में कृषि विभाग की पैनी नजर होने का दावा किया जा रहा है। इसके लिए रेड और यलो जोन में बांटे गए गांव में फसल अवशेष प्रंबधन पर फोकस है। बावजूद इसके जल रही पराली प्रशासनिक दावों की पोल खोलने के लिए काफी है।

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पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। इसके लिए जहां किसानों को जागरूक किया गया है, वहीं कई गांव ऐसे हैं, जिन पर कृषि विभाग की नजर रहेगी। ऐसे गांवों को चिन्हित भी कर लिया गया है,। विभाग की मानें तो पराली जलाने के मामले कम हुए हैं, लेकिन अभी भी कुछ गांव ऐसे हैं, जिन पर नजर रखी जानी जरूरी है। ऐसे में जिला के 90 गांवों को रेड और यलो जोन में बांटा गया है। इन गांवों पर विभाग के अधिकारी स्थानीय लोगों के साथ मिलकर फसल प्रबंधन को लेकर काम कर रहे हैं। कृषि विभाग के अनुसार इन गांवों में कस्टम हायरिग सेंटर खोले जा रहे हैं। कस्टम हायरिग सेंटर बनाने के लिए 9 प्रकार के फसल अवशेष प्रबंधन कृषि यंत्र किसानों खरीद सकेंगे। इन यंत्रों की कीमत 15 लाख रुपये तक होगी, जिस पर विभाग की तरफ से अधिकतम 80 प्रतिशत तक का अनुदान दिए जाने की व्यवस्था है। जिले के छह ब्लाक में गांवों को रेड और यलो जोन में अलग-अलग रखा गया है। इन गांवों में ही उक्त सेंटर बनाए जाने को प्राथमिकता दी जा रही है।

यह गांव हैं रेड व यलो जोन में

- अंबाला ब्लाक वन : गांव घेल, उगाड़ा, गरनाला तथा मुन्नाहेड़ी

- अंबाला ब्लाक टू : गांव मोहडी, नन्यौला, भडी, लोहगढ, अल्लाउदीन माजरा, बाड़ा, डेलू माजरा, धनौडा, धुराला, दुखेडी, हुमंयुपुर, जंधेड़ी, कौंकपुर, लदाणा, मलौर, महलां, नग्गल, सेगता, सेगती, सोंटी, सुल्लर, तेजां, मरदों साहिब, भानोखेड़ी, छपरा, दानीपुर, लौटों, औजलां, सकराओं, भुन्नी, धनौरी, जैतपुर, कंगवाल, जलबेड़ा, जनसुआ, जनसुई, मस्तपुर तथा सोंटा

- बराड़ा ब्लाक : गांव धीन, अधोया मुसलमान, अलावलपुर, मनका, मनकी, अधोया हिदुआन, डेरा सलीमपुर, धनौरा, डेहर, रजौली, सोहना, उगाला, कंबास, कंबासी, सरदाहेड़ी, बराड़ा तथा थंबड़

- ब्लाक साहा : गांव तेपला, केसरी, अकबरपुर, हमीदपुर, लंडा, नगला, पपलोथा, चुडियाली, गोला, ठाकरपुरा, नोहनी, गोकलगढ तथा मुलाना

- ब्लाक शहजादपुर : गांव बख्तुआ, फतेहगढ़ तथा रायवाली

- ब्लाक नारायणगढ़ : गांव बरसु माजरा, बुढाखेड़ा, डहर, कोहड़ा भूरा, पंजौरी, पंजलासा, सहला, ठरवा, अंधेरी, बधौली, भरेडी कलां, गडौली तथा कुराली कार्रवाई अमल में लाई जाएगी

पराली जलाने संबंधी कोई सूचना नहीं मिली है, वैसे अगर जीटी रोड पर टांगरी पुल के पास कोई जलाया है तो चौकीदार व अन्य से पूछकर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

देवेंद्र सिंह, एसएचओ पड़ाव।


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