बाजू पर बने टैटू से आठ दिनों के बाद हुई शव की शिनाख्त
गुरुद्वारा मंजी साहिब के पास मिले अज्ञात शव की शिनाख्त आठवें दिन शनिवार को हो गई। मृतक की पहचान खगड़िया (बिहार) के ब्रह्मा सिया गांव निवासी अजीत सदा के रूप में हुई है। अजीत के भाई दिलीप सदा ने उसकी बाजू पर बने टैटू को देखकर उसकी पहचान की।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : गुरुद्वारा मंजी साहिब के पास मिले अज्ञात शव की शिनाख्त आठवें दिन शनिवार को हो गई। मृतक की पहचान खगड़िया (बिहार) के ब्रह्मा सिया गांव निवासी अजीत सदा के रूप में हुई है। अजीत के भाई दिलीप सदा ने उसकी बाजू पर बने टैटू को देखकर उसकी पहचान की। दिलीप का आरोप है कि उसके भाई अजीत की हत्या कर शव को मंजी साहिब गुरुद्वारा के पास नाले में फेंका गया है। वह और साढू राज कुमार कई दिनों से अजीत की तलाश कर रहे थे। उन्होंने 16 अक्टूबर को नग्गल थाने में अजीत के लापता होने की रिपोर्ट लिखवाई थी। आखिरी बार उसके भाई को सैनी माजरा टोल प्लाजा पर देखा गया था। ऐसे में गुरुद्वारे के पास उसका शव कैसे मिला, यह हैरान करने वाली बात है। उल्लेखनीय है शहर थाना पुलिस ने 21 अक्टूबर को नाले से शव बरामद किया था। शव को जानवरों ने बुरी तरह नोचा हुआ था।
दिलीप सदा ने पुलिस को बताया कि वह जालंधर में मंडी में काम करता है। एक माह पहले उसका भाई अजीत ठेकेदार सूरज के पास काम करने के लिए ठोल मंडी आया था। कुछ समय बाद सूरज ने फोन कर बताया कि अजीत की दिमागी हालात सही नहीं है और वह मंडी से कहीं चला गया है। जानकारी मिलते ही वह ठोल मंडी आया। यहां ठेकेदार सूरज ने बताया कि उसका भाई सैनी माजरा टोल पर है। यहां आने पर पता चला कि अजीत रात को टोल पर था, लेकिन उसने नशा किया हुआ था। वह टोल के ऊपर चढ़कर तोड़फोड़ करने लगा। तब टोल कर्मचारियों ने डायल 112 पर काल कर पुलिस बुलाई थी। पुलिस ने अजीत से पूछा था कि कहां जाना है। अजीत ने कहा था कि उसका भाई जालंधर में रहता है और वह वहां जाना चाहता है। इसके बाद अजीत को जालंधर जाने के लिए देवीनगर छोड़ दिया गया था। जबकि दिलीप सदा का कहना था उसके भाई अजीत सदा के साथ मारपीट की गई है और हत्या कर शव को नाले में फेंका गया है।